Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

अपडेट 59Chudai

मैने अपना लंड डॉली के मुँह से बाहर निकाला और मूठ मारते हुए ज़ोर ज़ोर की पिचकारिया छोड़ने लगा जो बेड पर यहाँ वहाँ गिरने लगी और उधर डॉली भी अपनी चूत मे उंगली ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी और कुछ ही देर मे उसका भी बदन अकड़ गया और वो आँखे बंद करके झड़ने लगी और मैं भी बेड पर उसके साइड मे लेट कर हापने लगा था…………………. .

अब आगे.

कुछ देर हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे फिर डॉली पहले उठी और बाथरूम मे जाकर फ्रेश होकर अपने कपड़े पहन कर आ गई अब तक मैं भी अपने कपड़े पहन चुका था और डॉली के आने बाद मैं भी बाथरूम होकर आ गया तो देखा की डॉली अभी भी रूम मे ही बैठी थी और मुझे बड़े ध्यान से देख रही थी

“क्यों क्या हुआ मज़ा नही आया क्या” मैं उसे अपनी तरफ ऐसे देखते हुए देख कर बोला

“नही मज़ा तो बहुत आया” वो बोली

“तो फिर क्या बात है तू मुझे ऐसे क्यों देख रही है” मैं बोला

“अब सोनू तू इतना भी नासमझ तो नही है जो किसी को हरकतों या बिहेवियर को नही पहचान सके या बातों को ना समझ सके” वो बोली

“ज़रा खुल कर बात यार की आख़िर तू कहना क्या चाहती है” मैं बोला और मैं समझ गया था की अब वो मंजू के बारे मे ही बात करेगी

“तू सब समझ रहा है लेकिन फिर भी सुन की जब मंजू तुझसे ढंग से बात भी नही कर रही है और तुझे इग्नोर कर रही है तो फिर तू क्यों उसके पीछे पड़ा हुआ है उससे जबरन क्यों चिपकना चाहता है” आख़िर डॉली ने बोल ही दिया Chudai

“देख डॉली तू जैसा समझ रही है ना वैसा कुछ नही है मैं तो बस इस बेचारी के बारे मे सब जान कर बस उसका दुख बाँटना चाहता हूँ और हाँ तेरी ये बात बिल्कुल सही है की वो मुझे इग्नोर कर रही है लेकिन पता नही क्या बात है की उसके इस तरह बिहेव करने के बाद मेरे अंदर से यही आवाज़ आती है की इस बेचारी को दया प्यार और सहानुभूति की ज़रूरत है इसलिए मैं सिर्फ़ ये कोशिश कर रहा हूँ की वो कैसे भी वो दर्दनाक हादसा भूल कर वापस नॉर्मल हो जाए” मैं बोला

“ओह्ह्ह्ह..तो अब जनाब के अंदर से आवाज़े आने लगी है की मंजू को खुश रखो, लेकिन ये तो बता दे की ये आवाज़े अंदर से कहाँ से आ रही है कहीं वही से तो नही जो अभी कुछ देर पहले मेरे मुँह मे था” डॉली मेरे लंड को तरफ इशारा कर रही थी शायद उसे ये लग रहा था की मैं मंजू को चोदना चाहता हूँ इसीलिए ये सब कर रहा हूँ

“अरे नही यार ऐसा कुछ नही है जब मैने पहली बार उसका दुखी चेहरा देखा था तभी मुझे लगा था की मुझे इसके लिए कुछ करना चाहिए और जब तूने मुझे उसके बारे मे सब बताया तो फिर तो मेरे दिल मे जैसे पक्का कर लिया अब चाहे मंजू मुझसे जैसा भी व्यवहार करे मुझे उसे नॉर्मल लाइफ मे लाना ही है, और वैसे उसके जैसा उदास और गमगीन चेहरा देख कर सिर्फ़ दया ही आ सकती है लंड कभी भी खड़ा नही हो सकता समझी” मैं बोला

“ओह्ह्ह्ह.तो आवाज़े दिल से आ रही है यानी के लव शव, प्यार मुहब्बत का मामला है” डॉली मुस्कुरा कर बोली

“तू फिर लाइन से हट रही है मैने कहा ना ये सिर्फ़ दया और सहानुभूति का मामला है इसमे प्यार मुहब्बत कहा से आ गया” मैं बोला

“लेकिन मुझे तो यही लगता है देख लेना की एक दिन कैसे तेरी दया प्यार मे और सहानुभूति मुहब्बत मे बदलती है” वो चॅलेंज करते हुए बोली

“ऐसा कभी नही होगा लेकिन डॉली यार तू मेरी मदद कर ना उस बेचारी का दुख दूर करने मे” मैने रिक्वेस्ट की

“अब इसमे मैं तेरी क्या मदद कर सकती हूँ” उसने पूछा

“देख इतना तो तू भी समझ चुकी है की वो मुझे अवाय्ड कर रही है और अगर मैं खुद अकेला उससे बात करने की कोशिश करूँगा तो वो मुझे भाव नही देगी लेकिन जब तू भी साथ रहेगी तो शायद वो धीरे धीरे मुझसे खुल जाए” मैने बताया

“तेरा मतलब है की मैं तुझे बार बार उससे बात करने मे मदद करू” वो बोली

“हाँ मेरा मतलब यही है” मैं बोला

“ओके मैं कोशिश करूँगी” वो बोली और मेरे रूम से बाहर निकल गई

अब मुझे उम्मीद थी की डॉली के बीच मे आजाने से शायद कुछ बात बने और फिर मैं भी नीचे आ गया और कुछ देर बाद मम्मी और मंजू भी वापस आ गई लेकिन मंजू का चेहरा देख कर एक बार फिर मुझे लगा की जैसे मैं असंभव को संभव करने की कोशिश करता रहा हूँ उसका चेहरा अभी भी हमेशा की तरह मुरझाया हुआ ही था Chudai

” हाई…..” जैसे ही वो मेरे पास से गुज़री मैं बोला

लेकिन उसने सुन कर भी मेरी बात अनसुनी कर दी और उपर अपने रूम की तरफ बढ़ गई

मुझे ये अच्छा तो नही लगा लेकिन अब जब मैने सोच ही लिया था की उसकी ऐसी हरकतों को नज़रअंदाज करना है तो कोई फरक नही पड़ता था और वैसे भी अब डॉली मेरे साथ थी तो थोड़ा और भरोसा हो गया था मुझे अपने आप पर की जल्दी ही मंजू को दुख और गुम के इस भवरजाल से बाहर निकाल कर वापस मैं उसके चेहरे पर खुशी और मुस्कान खिला दूँगा.Chudai

अपडेट 60

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अब डॉली मेरे साथ थी तो थोड़ा और भरोसा हो गया था मुझे अपने आप पर की जल्दी हो मंजू को दुख

और गुम के इस भवरजाल से बाहर निकाल कर वापस मैं उसके चेहरे पर खुशी और मुस्कान खिला दूँगा…………..

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अब आगे..

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अब डॉली मुझे लेकर कई बार मंजू के साथ बैठी और मैने मंजू से बात करने की बहुत कोशिश भी की लेकिन पता नही उसे मुझसे क्या परेशानी थी की वो मुझसे बात करने को तैयार ही नही होती थी

खैर ऐसे ही दिन बीत-ते रहे और मेरी कोशिशो का कोई नतीजा सामने नही आया दीदी की गये कोई 2 महीने हो चुके थे और दौरान मैं चुदाई से पूरी तरह महरूम रहा डॉली कभी कभी मेरा लंड चूस कर मुझे ठंडा कर देती थी लेकिन आज तक उसने मुझे कभी भी अपने बूब्स या चूत को च्छुने नही दिया था एक दो बार मन किया की किशन के साथ जाकर उन बंजारनो को ही चोद लेता हूँ लेकिन फिर मंजू का ख़याल आते ही वो ख़याल मेरे दिल से निकल जाता था

इधर डॉली भी बहुत कोशिश कर रही थी की मंजू मुझसे खुल जाए लेकिन वो भी कामयाब नही हो रही थी एक दिन रात का खाना खाने के बाद मैं अपने रूम मे आ गया था और अपने मोबाइल मे लगा हुआ था मंजू अभी नीचे ही थी और डॉली और मम्मी के साथ काम मे हाथ बँटा रही थी वैसे भी वो बहुत लेट उपर अपने रूम मे आती थी अक्सर मेरे सो जाने के बाद और कभी कभी तो आती भी नही थी नीचे ही डॉली के साथ सो जाती थी

अभी रूम मे आए मुझे कोई आधा घंटा हुआ था की मेरे रूम का गैट खुला और डॉली अंदर आई और आते ही बेड पर मेरे साथ लेट कर देखने लगी जो मैं मोबाइल मे क्या कर रहा हूँ लेकिन वहाँ उसे अपनी पसंद का कुछ नही दिखाई दिया क्यों की इस वक्त मैं न्यू पर ई-बुक पढ़ रहा था

“क्या यार, ये क्या बकवास बुक पढ़ रहा है कुछ अच्छा सा लगा बहुत दिनों से कोई चूत गीली करने वाला मसाला नही देखा” डॉली मेरी टाँगो पर टाँग डालती हुई बोली और साइड से मुझसे चिपक गई जिससे उसके बूब्स मेरी बाँह मे दब गये

“नही यार आज कल मूड नही होता” मैं उससे थोड़ा दूर खिसकते हुए बोला

“क्यों, क्यों नही होता मूड” वो हैरत से बोली उसे उम्मीद नही थी की मैं उसके बदन का मज़ा ना लेकर उससे दूर हो रहा था

“बस यार ऐसे ही” मैं बोला

“हूंम्म्ममम…….अब ये बता की ऐसा दीदी और मोना के जाने की वजह से होरहा है या मंजू के आने की वजह से” वो सोचते हुए बोली

उसकी बात सुनकर मैने उसे थोड़ी देर गौर से देखा और बोला “तूने दो वजे तो गिना दी लेकिन तीसरी वजह नही बोली”

“तीसरी वजह? वो कौन सी वजह है” डॉली ने पूछा chudai

“देख पहली वजह तो ये है की दीदी और मोना चली गई दूसरी ये है की मैं मंजू को खुश देखना चाहता हूँ और वो मुझे घास भी नही डालती और तीसरी वजह तू है जो उपर उपर से तो मज़ा ले लेती है लेकिन असली काम से दूर भागती है अब यही वजह है की मेरा मन इन सब कामो से दूर हटने लगा है” मैने बताया

“ओह्ह्ह्ह.लेकिन मैने तो तुझसे पहले ही कह दिया था की मैं ऐसे ही करूँगी फिर तूने मुझसे चुदाई की उम्मीद क्यों बाँधी और फिर कुछ नही मिलने से तो जो मिल रहा है वो ही अच्छा होता है ना” डॉली बोली

“यही तो लफडा है की तू जिसे अच्छा समझ रही है मेरे लिए वोही ग़लत है उपर उपर से करने से मेरी प्यास बुझने के बजाए और बढ़ जाती है और मैं तड़प्ता रह जाता हूँ क्योंकि मेरे लंड को अब चूत की आदत पड़ चुकी है वो मुँह से नही मानने वाला और फिर उपर से करने से अच्छा तो मुझे मूठ मारना पसंद है” मैं बोला

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