Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

“अरे बेटा मत पूछ, तेरे पापा ने निशा को ये कोर्स करने की इजाज़त इसी शर्त पर दी थी की उसके बाद इसकी शादी कर देंगे” मम्मी ने बताया

“ओह्ह्ह्ह” मैं बोला क्योंकि हम लोग गाओं के थे और हमारे तरफ लड़कियो की शादी जल्दी हो जाती है तो ये तो होना ही था और वैसे भी इस बीच दीदी की दो साल और मिल जाएँगे लाइफ एंजाय करने के लिए लेकिन मेरी तो वात लग चुकी थी क्योंकि दीदी और मोना दोनो ही एक साथ डेढ़ साल के लिए जा रही थी यानी के अब मेरी सेक्स लाइफ ख़तम होने वाली थी क्योंकि जब दीदी नही होगी तो निशा और टीना से भी मुलाकात नही होगी और मोना के बगैर रूपा से मिलना भी नही होगा और डॉली का तो कुछ कह ही नही सकते है अगर वो मान गई तो ठीक वरना फिर से किशन और अशोक के साथ उन बंजारनो से ही काम चलाना पड़ेगा

“हाए रे मेरी फूटी किस्मत पहले तो इतना सब एक साथ दे दिया और फिर एक ही झटके मे सब वापस भी लेलिया” मैने अपने माथे को ठोकते हुए मन ही मन सोचा

“अरे तुझे क्या हुआ, सिर क्यों पीट रहा है” डॉली शरारती मुस्कान के साथ बोली

“कुछ नही बस थोड़ा सिर दर्द कर रहा है” कहकर मैं उठ कर अपने रूम की तरफ बढ़ गया दीदी और मोना के जाने की खबर सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया था जिस वजह से मैं मंजू को भी भूल गया था मैं अपने रूम मे आया और बेड पर लेट गया और सोचने लगा की अब मेरा क्या होगा

कोई एक घंटे बाद डॉली मेरे रूम मे आई

“क्यों भाई खाना नही खाना है क्या, चल नीचे सभी तेरा इंतज़ार कर रहे है” वो मुझे बोली

“खाने का मूड नही है यार” मैं उठ कर बैठते हुए बोला

“क्यों दीदी के जाने का इतना गम है क्या वैसे अगर वो जा रही है तो मैं तो हूँ तेरा ख़याल रखने को या फिर दीदी किसी ‘और’ तरह से तेरा ख़याल रखने लगी थी” डॉली और पर कुछ ज़्यादा ही ज़ोर देते हुए बोली

उसकी बात सुनकर मैं कुछ देर चुप हो गया फिर खड़े होते हुए बोला “चल, खाना खाने चलते है”

“मेरी बात का जवाब नही दिया तूने” वो फिर बोली

“उसके बारे मे बाद मे बात करेंगे अभी चल, अरे हाँ वैसे ये मंजू का मॅटर है क्या उदासी छाई हुई है उसके चेहरे पर और वो दुखी भी बहुत लग रही थी” मैं डॉली का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ते हुए बोला

“जब तू दीदी के बारे मे मुझसे बात करेगा ना तब मैं तुझे मंजू के बारे मे बता दूँगी, ठीक है” डॉली बोली

अब मैने उससे ज़्यादा बात करना ठीक नही समझा और हम नीचे आ गये जहाँ सभी डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे और वहाँ मुझे मंजू का जो रूप दिखाई दिया उसने एक बार मुझे फिर अपने मोह जाल मे फँसा लिया

इस वक्त उसने सारी पहनी हुई थी जिसमे वो बला की हसीन लग रही थी खाना खाने के दौरान सारे वक्त मेरी निगाह उसी पर टिकी हुई थी जिसे शायद दीदी और डॉली दोनो ही समझ चुकी थी

खाना खाने के बाद मैं हॉल मे आ गया और मोना अपने घर चली गई क्योंकि उसे कल जाने की तैयारी भी करनी थी जबकि डॉली, दीदी और मंजू किचन मे मम्मी के साथ थी और कुछ ही देर मे वो सब भी हॉल मे आ गये और फिर गप शप शुरू हो गई लेकिन मंजू किसी भी बात का जवाब हूँ हाँ मे ही दे रही थी ज़रूरत पड़ने पर ही वो थोड़ा बहुत बोल रही थी मैने बहुत कोशिश की की उससे ज़्यादा बाते कर साकु लेकिन उसने मुझे भाव ही नही दिया और वो मुझे और मेरी बातों को इग्नोर करती रही जिससे मुझे बहुत बुरा लगा लेकिन मैं कर भी क्या सकता था लेकिन ये मुझे अच्छा नही लगा और मैं उठ कर अपने रूम मे आ गया और बेड पर लेट कर सोने की कोशिश करने लगा लेकिन इस दौरान भी मेरी आँखो के सामने मंजू का चेहरा घूम रहा था और उसकी मुझे इग्नोर करने की कोशिश याद आती रही जिससे मेरे दिल मे एक हुक सी उठती रही और मैं मन ही मन उसे कोसने लगा

कोई आधा घंटे बाद मुझे कुछ लोगो के उपर आने की आहट सुनाई दी तो मैने खुले दरवाजे से बाहर देखा दीदी और मंजू दोनो ही दीदी के रूम की तरफ जा रही थी और उनके पीछे ही डॉली भी आई जो मुझे आँख मार कर उन लोगो के पीछे दीदी के रूम मे चली गई और मैं फिर से सोने की कोशिश करने लगा…..

अपडेट 55Chudai

कोई आधा घंटे बाद मुझे कुछ लोगो के उपर आने की आहट सुनाई दी तो मैने खुले दरवाजे से बाहर देखा दीदी और मंजू दोनो ही दीदी के रूम की तरफ जा रही थी और उनके पीछे ही डॉली भी आई जो मुझे आँख मार कर उन लोगो के पीछे दीदी के रूम मे चली गई और मैं फिर से सोने की कोशिश करने लगा…………..

अब आगे.. …

लगभग 4 बजे डॉली ने मुझे झींझोड़ कर नींद से उठाया

“ओये…….. कुंभकरण चल उठ कब तक सोता रहेगा, जब से तू आया है सिर्फ़ खाना खाने तक ही जगा रहता है वरना हर वक्त बस सोना ही सोना” डॉली तेज आवाज़ मे बोल रही थी

“क्या है यार ऐसा कौन सा पहाड़ टूट पड़ा जो तू मुझे इस तरह उठा रही है” मैं अपनी आँखे मलते हुए बोला

“पहले उठ और तैयार होकर जल्दी से नीचे आजा फिर मालूम पड़ जाएगा” वो बोली

“लेकिन कुछ तो बता” मैं उठते हुए बोला

“हमे अभी शहर चलना है, बाकी बाते तुझे नीचे मालूम पड़ जाएगी चल अब जल्दी से नीचे आजा” डॉली बोली और रूम से बाहर निकल गई

पता नही क्यों इस टाइम शहर जाना है सोचते हुए मैं भी बेड से उतरा और बाथरूम मे घुस गया और कोई 15 मिनिट बाद मैं नीचे हॉल मे था जहाँ सभी लोग बैठे हुए थे और मेरे पहुचते ही काम वाली बाई चाय लेकर आ गई और सभी चाय पीने मे लग गये तभी मेरी नज़र मंजू पर पड़ी और उसका भोला और मासूम चेहरा देख कर मेरे दिल मे एक बार फिर से हुक सी उठी

जिस तरह से मंजू मुझे इग्नोर कर रही थी उससे तो मुझे उसकी तरफ देखना भी नही था लेकिन पता नही उसके चेहरे मे क्या कशिश थी जो सामने पड़ते ही मेरा ध्यान सिर्फ़ उस पर ही होता था और मेरी नज़रे उसके चेहरे पर लेकिन एक वो थी जो मेरी तरफ ध्यान ही नही दे रही थी

“बेटा सोनू तू ऐसा कर की अभी डॉली को लेकर शहर चला जा, कल तेरी दीदी जा रही है ना तो उसके लिए कुछ नाश्ता बनाना है इसलिए थोड़ा समान लाना है शहर से और तुझे पता नही है की हम समान कहाँ से लाते है इसलिए डॉली भी तेरे साथ जा रही है” मम्मी बोली और उनकी बात सुनकर मैं अपनी सोचो से बाहर आया

“लेकिन डॉली कहाँ है, दिखाई नही दे रही है” मैं अपनी चाय ख़तम करते हुए बोला

“मैं इधर हूँ भाई” मेरी बात ख़तम होते ही मुझे डॉली की आवाज़ सुनाई दी और मैने आवाज़ की दिशा मे देखा तो देखता ही रह गया

डॉली एक पिंक टॉप और डार्क ब्लू जीन्स पहने हुए खड़ी थी जिसमे वो बहुत हॉट लग रही थी ‘क्या किस्मत है यार मेरी भी जो ऐसा हॉट माल मेरे घर मे है उपर से मैं इसे सेमी न्यूड भी देख चुका हूँ फिर भी मन नही भरता इसे देखने से’ मैं सोच रहा था और मेरी नज़रे डॉली पर गढ़ी हुई थी

“ओये.. …कहाँ खो गया चलना है या नही” डॉली मेरे चेहरे के आगे चुटकी बजाते हुए बोली उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी

“हूंम्म्म….हाँ… हाँ चल” मैं बोला और उठ कर खड़ा हो गया फिर मम्मी ने समान खरीदने के लिए डॉली को पैसे दिए और हम घर से बाहर आकर मेरी बाइक पर शहर के लिए निकल गये डॉली बाइक पर दोनो तरफ पैर डाल के बैठी हुई थी लेकिन उसने मेरी बॉडी से बहुत डिस्टेन्स मेनटेन किया हुआ था जोकि सड़क के गड्ढो की वजह से कुछ ही देर मे ख़तम हो गया और डॉली की चुचिया रह रह कर मेरी पीठ से टकराने लगी थी Chudai

“थोड़ा आराम से चलना यार” डॉली बार बार अपने बूब्स मेरी पीठ से टकराने से परेशान होकर बोली

“क्यों क्या हुआ” मैं उसे छेड़ते हुए बोला

“जैसे तू समझ नही रहा की क्या हो रहा है” वो तुनकी

“सच मे मैं कुछ नही समझा” मैं बोला

“अब तुझे किस भाषा मे समझाऊ तेरी वाली मे या मेरी वाली मे” डॉली बोली

“मेरी वाली मे ही समझा दे क्योंकि तेरी वाली तो मेरी समझ मे आने से रही” मैने जवाब दिया

“ओके. ….तो सुन बाइक के बार बार गड्ढे कूदने से मेरी चुचिया तेरी पीठ से टकरा रही है जिससे मुझे कुछ अनकंफर्टबल महसूस हो रहा है” वो बोली और मुझे मज़ा आ गया की डॉली अभी उस दिन हुई बातों को भूली नही है इसीलिए वो ऐसे वर्ड मे बात कर रही है और उसकी इस बात से मेरे मन मे उम्मीद जागी की दीदी और मोना के जाने के बाद भी मुझे बंजारनो से काम नही चलाना पड़ेगा Chudai

“तो इसमे परेशानी की क्या बात है इसमे तो तुझे मज़े ही आरहे होंगे” मैं अपनी पीठ पीछे कर के उसके बूब्स पर रगड़ते हुए बोला

“मज़े तो आरहे है लेकिन साथ ही कुछ और भी हो रहा है जिससे मुझे प्राब्लम हो रही है” वो बोली

“और क्या हो रहा है” मैने पूछा

“वो छोड़ वो तेरे काम की बात नही है तू बस गड्ढे कम कुदा” डॉली बोली

“कहीं मेरी पीठ से चुचिया टकराने के कारण तेरी चूत पानी तो नही छोड़ने लगी” मैं खुलते हुए बोला

“च्चिईीई.. ….गंदा कैसी बाते करता है” कहते हुए उसने मेरे कंधे पर एक मुक्का मारा”अब इसमे क्या गंदा है उस दिन तो हम इससे भी ज़्यादा गंदी बाते कर चुके है, बताना क्या सच मे तेरी चूत पानी छोड़ने लगी है” मैं उसे समझाते हुए बोला

“हाँ……” वो दो पल सोचने के बाद बोली “और इसी गीलेपन से मुझे प्राब्लम हो रही है”

“हूंम्म….तो चल साइड मे किसी सेफ जगह चलते है

जहाँ मैं तेरी चूत से सारा पानी निकाल देता हूँ फिर तू उसे अच्छे से पोंछ लेना फिर कोई प्राब्लम नही रहेगी” मैं बोला

“चल – चल अभी तेरे इतने भी अच्छे दिन नही आए है जो तू मेरी चूत का पानी निकाल सके लेकिन यार पहले तू मुझे ये बता की दीदी के साथ तेरा क्या लफडा है तुम दोनो पिक्निक मे ही बहुत आगे बढ़ गये थे और मुझे तो लगता है की हमारे ना रहते मे तूने उसे निपटा भी दिया है शायद और देख झूठ नही बोलना” डॉली बोली और मुझसे चिपक कर बैठ गई और अपने हाथ मेरी कमर मे डाल लिए जिससे उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी पीठ मे अच्छे से दब गये और इधर मेरा लंड अपने पूरे आकार मे आ गया था Chudai

अब मैं सोच चुका था की कभी ना कभी तो उसे सब पता चल जाएगा तो छुपाने से क्या फ़ायदा और अगर मैं ही सब बता दूँगा तो उसके उपर मेरा इंप्रेशन भी अच्छा बनेगा

“तू ठीक सोच रही है डॉली” मैं बोला

“क्या……इसका मतलब तू सच मे दीदी के साथ आई मीन

तू सच मे दीदी को चोद चुका है” डॉली हैरत से बोली अभी तक तो वो सिर्फ़ तुक्के ही लगा रही थी लेकिन सच्चाई जानते ही उसके तोते उड़ गये थे

“हाँ और सिर्फ़ दीदी को ही नही मोना को भी चोद चुका हूँ मैं और मोना ने तो अपने सामने रूपा को भी चुदवाया है मुझसे” मैं बोला

“क्या…….मोना और रूपा को भी.. …कब कैसे मुझे शुरू से सब बता” डॉली बोली

और फिर मैने शुरू से सारी बाते उसे बता दी की किस तरह मैने दीदी मोना और रूपा को चोदा और कैसे उनकी गान्ड भी मारी तो सारी बाते सुनकर डॉली की आँखे चौड़ी हो गई थी और मुँह खुला का खुला रह गया था लेकिन उसके मुँह से आवाज़ नही निकल रही थी

“अब क्या हुआ ऐसे चुप क्यों हो गई” मैं बोला

“कुछ नही यार, सच मे बहुत बड़ा वाला है तू इतनी जल्दी इतनी सारी लड़कियो को आगे पीछे दोनो साइड से पेल दिया और किसी को भनक भी नही पड़ने दी यू अरे ग्रेट भाई लेकिन मैं सोच रही हूँ की अब तेरा क्या होगा अब दीदी और मोना तो डेढ़ साल के लिए जा रही है और तेरी सारी मौज तो उन दोनो की वजह से ही थी अब तू क्या करेगा अब किसका नंबर है तेरी नज़र मे” डॉली ठंडी आ भरते हुए बोली

“मेरी नज़र मे तो तेरा ही नंबर है अगर तू तैयार हो तो” मैं बोला

“चल चल बड़ा आया मेरा नंबर लगाने वाला उपर उपर से तो ठीक है लेकिन ये चुदाई उदाइ मैं नही करने वाली और हाँ मुझे तो लग रहा है की तू मंजू पर मर मिटा है कैसे दीवानो की तरह देख रहा था तू उसे स्टेशन पर और फिर घर पर भी खाना खाते वक्त” डॉली बोली लेकिन अभी हम कुछ और बात कर पाते शहर आचुका था और सामने ही पोलीस चेक चली थी तो हमारी बाते वहीं ख़तम हो गई और हम चेकिंग मे हमारा नंबर आने का वेट करने लगे………
ChudaiRehana Bhabhi Ki Chudai indian sex stories ke liye indisexstories.com

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply