Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

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और कुछ ही धक्को के बाद मेरा लंड मोना की चूत मे अपना पानी निकालने लगा और मेरी बौछारो को मोना की चूत सह नही पाई और वो झरते हुए मेरे पानी से अपना पानी मिलने लगी और मैं वैसे ही उसके उपर ढेर हो गया तो मोना ने मुझे बाहों मे कस लिया और दीदी मेरी लरजती गान्ड पर हाथ फिराने लगी.. ……..

अब आगे..

कुछ टाइम सुसताने के बाद मैं और मोना दोनो ही बाथरूम से अपने आपको सॉफ करके आ गये थे जबकि दीदी वैसे ही नंगी बैठी हमारा वेट कर रही थी अभी भी हम तीनो ही नंगे थे

“चल निशा अब तू भी अपनी चूत को खुजली मिटा ले अपने भाई के लंड से, मेरी तो सारी खुजली ही ख़तम कर दी इसने चूत के साथ साथ गान्ड को भी नही छोड़ा ” मोना बोली

“पहले इसके हथियार को देख कैसे मुरझाया हुआ है लगता है जैसे तूने इसे पूरी तरह निचोड़ लिया है” दीदी मेरे थके हुए लंड को देख कर बोली जो नीचे मुन्डी किए हुए लटक रहा था

“अरे इसको खड़ा करना कौन सा बड़ा काम है सिर्फ़ दो मिनिट का खेल है, चल ऐसा करते है की अब मैं सोनू को उपर से मज़ा देती हूँ और तू नीचे से इसके लंड को मुँह मे लेकर चूस फिर देख ये कैसे खड़ा होता है” मोना बोली

“ना बाबा ना मुँह मे लेना मुझे अच्छा नही लगता” दीदी मुँह बनाते हुए बोली

“यार निशा तेरी प्राब्लम क्या है, हर लड़की को अपने पति का लंड चूसना ही पड़ता है शादी के बाद अभी तू यहाँ मना कर देगी तो चल भी जाएगा लेकिन अपने पति को कैसे मना कहेगी इसलिए मेरी बात मान और अभी से ही प्रॅक्टीस शुरू कर दे वरना बाद मे बहुत पछताएगी” मोना दीदी को समझाते हुए बोली

मोना की बात सुनकर दीदी कुछ सोच मे पड़ गयी और मैं दीदी के पीछे आ गया अब मेरा मुरझाया हुआ लंड दीदी के मांसल कुल्हो से रगड़ खा रहा था जबकि मैने पीछे से दीदी के बड़े बड़े बूब्स को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया था

मेरे ऐसा करने से दीदी आहे भरने लगी थी और कुछ देर सोचने के बाद उसने फ़ैसला कर लिया और बोली “तेरी बात बिल्कुल सही है मोना मुझे भी ये ट्राइ करना ही होगा लेकिन मैं पहली बार मे तेरी तरह नही कर पाउन्गी कुछ टाइम तो लगेगा ही मुझे पर्फेक्ट होने मे”

“ये हुई ना बात और रही बात पर्फेक्ट होने की तो वो तो अभी मैं भी नही हूँ मैं अभी भी सीख ही रही हूँ, चल अब तू लंड को मुँह मे ले” मोना चहकति हुई बोली

अब दीदी मुझसे छूट कर मेरे सामने घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लंड को जो अब तक लगभग खड़ा हो चुका था की पकड़ा और उसके सुपाडे पर अपनी जीभ फिराने लगी

दीदी के ऐसा करने से मेरे मुँह से आ निकाल गई मेरे लंड के सुपाडे पर दीदी की गरम गरम जीभ बहुत कमाल दिखा रही थी और अब मेरे लंड ने दो बूंदे बाहर निकाल दी जिसे दीदी ने चाट तो लिया लेकिन फिर बुरा सा मुँह बनाया मुझे लगा शायद अब ये आगे नही रहेगी लेकिन पता नही दीदी ने क्या सोचा और अब उसने मेरे लंड को आधा अपने मुँह मे भर लिया और अपना मुँह आगे पीछे करते हुए उसे चूसने लगी

दीदी के गरम गरम मुँह को महसूस करके मेरे लंड मे उबाल आने लगा और वो एक बार फिर अपने विकराल रूप मे आ गया था और दीदी की मुट्ठी मे होने के बाद भी वो झटके मारने लगा अब मैं ऐसे ही बेड पर लेट गया और दीदी भी वहाँ आकर मेरा लंड चूसने लगी तो मोना भी मेरे सामने आकर खड़ी हो गई अब कभी मैं मोना के होंठ चूस्ते हुए उसके बूब्स दबाता या कभी उन्हे मुँह मे भर कर उन्हे चूसने लगता Chudai

कुछ ही देर बाद दीदी ने मेरा लंड बाहर निकाल दिया था लगातार लंड चुसाई से उसकी साँसे भारी हो गई थी और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे लेरही थी

“क्यों क्या हुआ, अभी थोड़ी देर पहले तो तू मुझे कह रही थी ना की इतनी जल्दी थक गई अब तुझे क्या हुआ” मोना दीदी को चिड़ाते हुए बोली लेकिन दीदी ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और मुस्कुरा कर रह गई

“अब आया ना बेटा समझ मे, चल सोनू अब बुझा दे अपनी बहन की चूत की प्यास, मैं भी तो देखु की जब एक बहन की चूत मे उसके भाई का लंड जाता है तो कैसा लगता है” मोना फिर बोली

“थोड़ा वेट करले जान पहले मैं अपनी बहन का कर्ज़ उतारूँगा फिर उसके बाद तेरी इच्छा पूरी करूँगा” मैं बोला और मेरी बात सुनकर दीदी और मोना दोनो मेरी तरफ सवालिया नज़रो से देखने लगी थी उन्हे समझ नही आया की मैं किस कर्ज़ की बात कर रहा हूँ

“कर्ज़, कैसा कर्ज़” मोना ने पूछा

“अरे अभी इसने मेरा लंड चूसा है ना तो मैं भी इसकी चूत चाटूँगा और इसका कर्ज़ उतर जाएगा” मैं खड़े होते हुए बोला

“श… लेकिन वो कर्ज़ तो मेरा भी तुझ पर तूने वो तो नही उतारा” मोना बोली

“तू चिंता मत कर मैं तेरा भी कर्ज़ उतार दूँगा लेकिन पहले दीदी से निपट लेने दे” कहते हुए मैं दीदी के सामने बैठ गया और उसकी जाँघो के बीच छिपी उसकी चिकनी चूत पर अपना मुँह लगा दिया जोकि अब तक पानी छोड़ना शुरू कर चुकी थी और उसे अपनी जीभ से चाटने लगा

दीदी की चूत का खारा खारा पानी मेरे मुँह मे जा रहा था और उससे मुझे थोड़ा अजीब भी लग रहा था लेकिन मैं समझ चुका था की अगर लड़की से पूरे मज़े लेने है तो उसे पूरे मज़े देने ही होंगे इसलिए मैने उस टेस्ट को भुला दिया और अपनी बहन की चूत को पूरे मन से चाटने लगा लेकिन इस चूत चटाई की वजह से दीदी की टाँगे कपने लगी और वो बेड पर ढेर हो गई जहाँ मोना ने उसका सिर अपनी गोद मे रख लिया और मैं एक बार फिर उसकी चूत चाटने लगा और मज़े दे दीदी की आँखे बंद हो गई

उधर मोना भी ये सब देख कर गरम हो गई थी अब वो भी दीदी के बूब्स दबाते हुए अपनी चूत को उंगली से कुरेदने लगी थी

अब दीदी की आहे लगातार बढ़ती जा रही थी और मज़े मे आकर उसने पैर पटकने शुरू कर दिए थे

“आ.. .स.. .सोनू अब सहा नही जा रहा प्लीज़ अब घुसेड दे अपना लंड मेरी चूत मे और बुझा दे इसकी प्यास” दीदी आहे भरती हुई बोली

“ओके दी, लेकिन तुम्हारा कर्ज़ तो उतर गया ना अच्छे से” मैं दीदी की चूत मे मुँह हटाते हुए बोला

“हाँ.. .भाई अब देर मत कर और पेल दे अपना मूसल मेरी मुनिया मे” दीदी वासना से भरी आवाज़ मे बोली

और दीदी की बात सुनकर मैं उसकी टाँगो के बीच मे आ गया तो मोना बोली “अरे अभी रुक मुझे भी देखना है”

“तो देख ले ना किसने मना किया है” मैं बोला तो मोना भी दीदी की साइड मे आकर बड़े ध्यान से मेरे लंड को दीदी की चूत मे जाते हुए देखने लगी

और फिर मैं धीरे धीरे करके अपने मोटे लंड को दीदी की टाइट चूत मे घुसेड़ने लगा और दीदी की दर्द भरी आवाज़े निकालने लगी जो की मस्ती से भरी पड़ी थी मेरे चूत चाटने की वजह से दीदी की चूत पूरी तरह से पनियाई हुई थी और कल रात को चुदाई की वजह से उसका होल बहुत हद तक खुल गया था इसलिए आज उसे ज़्यादा तकलीफ़ नही हुई और मेरा लंड थोड़ी ही देर

मे जड़ तक अंदर समा गया और फिर मैने धक्के लगाना शुरू कर दिया

वक्त के साथ साथ इधर मेरे धक्को की स्पीड बढ़ते जा रही थी और उधर दीदी की आहो कराहों की

अब मोना भी दीदी के साइड मे लेट गई थी और अपनी चूत को उंगली से चोद रही थी तो मैने सोचा की चलो इसका भी कर्ज़ उतार दिया हूँ तो मैने उसे ढंग से लिटाया और दीदी को चोदते हुए मोना की चूत चाटने लगा और मेरी इस हरकत से मोना जैसे स्वर्ग मे पहुच गई थी

इधर मेरा लंड दीदी की चूत चोद रहा था और उधर मेरी जीभ मोना को ठंडा करने मे लगी हुई थी पूरा कमरा हम तीनो की मस्ती भरी आहो से गूँज रहा था

कोई 10 मिनिट की चुदाई के बाद मुझे लगा की अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने मोना की चूत मे अपना मुँह हटा लिया और दीदी की चूत मे धुआधार धक्के लगाने लगा उधर मोना भी मेरी हालत समझ गयी थी इसलिए अब वो अपनी चूत मे दो उंगलिया घुसा कर अपना पानी निकालने की कोशिश करने लगी जबकि इधर दीदी मेरे ज़ोर के धक्को की संभाल नही पाई और ज़ोर से चिल्ला चिल्ला कर झड़ने लगी अब दीदी की चूत मे बहते पानी को महसूस करके मेरे लंड ने भी हार मान ली और वो भी दीदी की चूत के पानी से अपना पानी मिलाने लगा अब तक मोना का बदन भी अकड़ गया था और भी गहरी गहरी साँसे लेने लगी थी और हम तीनो ही बेड पर निढाल होकर पड़े हुए थे और आज दिन मे ही तीन बार झड़ने की वजह से मेरा बुरा हाल हो गया था इसलिए कब मैं नींद के आगोश मे समा गया मुझे पता ही नही चला

शाम के कोई 5 बजे मेरी नींद खुली तो मैं अकेला वैसा ही नंगा बेड पर पड़ा हुआ था दीदी और मोना कहीं दिखाई नही दे रही थी मैने पास पड़े कपड़े पहने और अपने रूम मे आकर फ्रेश होने के बाद नीचे आ गया दीदी और मोना से मिलने के बाद मैने महसूस किया की दोनो ही लड़किया आज दिन की चुदाई से बहुत खुश है फिर हमने रात का खाना खाया और फिर डॉली के रूम मे आ गये जहाँ रात मे मैने मोना और दीदी को दो बार चोदा और दोनो की ही गान्ड भी मारी

फिर हम सभी थक कर सो गये हमारी खुली चुदाई अब ख़तम हो चुकी थी क्योंकि कल का दिन निकालते ही मुझे पापा मम्मी और डॉली को लेने शहर जाना था.
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