Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

अभी मेरे लंड का सुपाडा ही अंदर गया था की मुझे ऐसा लगा जैसे आगे कोई दीवार खड़ी हो जो मेरे लंड का रास्ता रोक रही हो मैं समझ गया की ये दीदी के कुवारे पन की निशानी है जिसे आज मैं हमेशा-2 के लिए मिटा देने वाला था मैने अब दीदी को कस कर बाहों मे भर लिया था और अपने लंड को बहुत ज़्यादा दबाव देने लगा था लेकिन दीदी की सील आराम से टूटने को तैयार ही नही हो रही थी जबकि इतने मे ही दीदी की आँखो से आँसू की कुछ बूंदे धूलक गई थी लेकिन मैने उसकी कोई परवाह नही की और अपना लंड थोड़ा पीछे खींच कर एक ज़ोर का धक्का लगा दिया जिससे मेरा लंड दीदी की चूत को सील को फाड़ता हुआ आधे से ज़्यादा उसकी चूत मे घुस चुका था Chudai

“ऊ….मा… …..मर गई रे……रुक जा सोनू……वहीं रुक जा.. ….बहुत दर्द हो रहा है” दीदी ज़ोर से चिल्लाई और उसने मुझे अपनी बाँहो मे जकड़ लिया था

मैं भी उसे ज़्यादा दर्द नही देना चाहता था इसलिए कुछ देर के लिए मैं भी रुक गया और उसके नॉर्मल होने की राह देखते रहा कोई 3-4 मिनिट बाद दीदी थोड़ा हिली तो मैने झट से एक धक्का और लगा दिया जिससे अब मेरा लंड पूरी तरह से उसकी चूत मे समा गया था लेकिन दर्द के मारे दीदी एक बार फिर चीख उठी थी

“अरे साले मादरचोद…..मैने कहा था ना की अभी वैसे ही रुकना फिर धक्का क्यों लगाया, आहह.. …” दीदी मुझे गली बकते हुए बोली

“मादरचोद नही बहनचोद बोलो दीदी और वैसे भी अब जितना दर्द होना था हो चुका क्योंकि अब मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत निगल चुकी है अब तो बस मज़े ही मज़े है” मैं हँसते हुए बोला

“सच…” मेरी बात सुनकर कुछ देर चुप रहने के बाद दीदी बोली “ज़रा दिखाना तो”

दीदी की बात सुनकर मैं सीधा हो गया और दीदी भी थोड़ा सा उठ कर अपनी चूत मे घुसे मेरे लंड को देखने लगी जो उसके खून से सना हुआ था

“यार क्या खून भी आया है” दीदी ने पूछा

“हाँ….वो तो आता ही है जब सील टूटती है तो” मैं बोला

“ज़रा अच्छे से दिखा तो” दीदी बोली शायद अब उसका दर्द कम पड़ गया था तो मैने भी अपना लंड उसकी चूत से पूरा बाहर निकाल लिया लेकिन इसमे भी दीदी की एक सिसकी निकल ही गई दर्द की वजह से और वो सीधी होकर उसकी चूत से निकला हुआ खून जो मेरे लंड पर भी लगा हुआ था को देखने लगी

“ओह्ह माइ गॉड….सच मे ये तो बहुत खून निकला है” वो बोली

“इतना तो निकलता ही है, उस दिन मोना का भी इतना ही निकला था” मैने बताया

कुछ देर तक वो कुछ सोचते रही फिर मुझे गले लगा लिया मैं भी उसकी पीठ सहलाने लगा और उसे वैसे ही बेड पर लेटा दिया और फिर अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके अंदर करने लगा उसे अब भी दर्द हो रहा था लेकिन वो पहले से बहुत कम था अब मैने धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था और जिसके कारण अब दीदी की चूत भी पानी छोड़ने लगी थी कुछ ही देर बाद मेरे धक्का की स्पीड बढ़ गई थी और दीदी भी कमर उठा उठा कर अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी थी

कोई 5-7 मिनिट के धक्को के बाद ही दीदी झड़ गई और मैं भी उसके पानी को महसूस करके अपने लंड से पिचकारिया छोड़ते हुए उसकी चूत को भरने लगा था

हम दोनो वैसे ही पड़े गहरी गहरी साँसे लेते हुए नॉर्मल होने की कोशिश कर रहे थे और कोई एक घंटे बाद फिर हम तैयार थे सेकेंड राउंड के लिए इस बार दीदी को थोड़ा बहुत ही दर्द हुआ और हमने जोरदार चुदाई की उसके बाद सुबह के 4 बजे तक मैने दीदी की 4 बार हर पोज़िशन मे चोदा कभी डॉगी स्टाइल मे तो कभी उसे अपने उपर बैठा कर तो कभी दीवार से लगा कर खड़े खड़े

दीदी के दिल की जो तमन्ना थी पहली चुदाई को लेकर वो पूरी तरह से पूरी हो गई थी और हम दोनो ही खुश थे फिर.
Chudaiek aur gharelu chudai मेरे पति और उनका परिवार compleet

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