Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

अपडेट 46 – Chudai

दीदी सींक के पास खड़ी थी और इस वक्त बियर के फुल नशे मे थी जोकि उसके चेहरे से सॉफ झलक रहा था

अचानक वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराइ मैं समझ नही पा रहा था की वो करना क्या चाहती है

फिर एकाएक ही वो मेरी तरफ पलटी और उसने अपनी टीशर्ट उपर उठा ली और शरारती मुस्कान के साथ मुझे देखने लगी
शायद अब मैं भी समझ गया था की वो क्या करने वाली है और मैं उसे बड़े ध्यान से देखने लगा था और दो पल के बाद ही उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखो के सामने थे

जिन्हे मैं ललचाई नज़रो से देखने लगा था की तभी उसने अपने हाथो से उन्हे धक लिया

“क्या कर रही हो यार कितना अच्छा नज़ारा था” मैं बोला लेकिन उसने अपनी एक उंगली अपने होंठो पर रख कर मुझे चुप रहने का इशारा किया और एक झटके मे अपनी टीशर्ट उतार कर फेंक दी नीचे उसने ब्रा तो पहनी ही नही थी अब वो अपनी एक शॉर्ट मे उपर से पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी और उसके हाथ उसकी छोटी सी चड्डी के बटन से उलझ गये थे Chudai

फिर बटन खुलते ही उसने धीरे धीरे अपनी चड्डी नीचे करनी शुरू कर दी जहाँ मुझे उसकी काली पैंटी मे फसी गोरी गान्ड नज़र आने लगी थी

धीरे धीरे अपनी चड्डी नीचे करते हुए उसने अपनी गान्ड मेरी तरफ कर दी और झुक कर अपनी चड्डी को पैरो से बाहर निकालने लगी अब मेरी आँखो के सामने काली चड्डी मे छिपी उसकी गोरी गान्ड का दिलकश नज़ारा था

फिर वो चड्डी उतार कर पैंटी मे ही किचन की पतली पर बैठ गई और अपनी टाँगे फैला कर मुझे अपनी पैंटी के अंदर छिपी फूली हुई चूत के दर्शन करवाते हुए अपने बूब्स दबाने लगी

थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद उसने मुझे आँख मारी और अपनी पैंटी मे उंगली फँसा दी जिसका मतलब सॉफ था की वो अब अपनी पैंटी उतारने वाली थी

और उसके बाद उसने अपनी पैंटी को भी उतार दिया और अब मेरी आँखो के सामने उसकी नन्ही सी गोरी चिकनी

बिना बालो की अनचुदी चूत थी जिसे मैं बहुत गौर से देखने लगा

लेकिन ये नज़ारा कोई बहुत देर तक मेरी नज़रो के सामने नही रहा और फिर उसने अपने हाथ से अपनी छोटी सी मुनिया को धक लिया

लेकिन अब तक मेरा लंड अकड़ कर फटने को होने लगा था और अब मुझसे ज़रा भी कंट्रोल नही हो रहा था और वो मुझे तडपाए जा रही थी

अब मैने और देर करना ठीक नही समझा और मैं उसके पास पहुच गया और इसके पहले की वो कुछ बोलती मैने उसे गोद मे उठाया और डॉली के रूम की तरफ बढ़ गया क्योंकि नशे की वजह से मुझमे इतनी हिम्मत नही थी की मैं उसे उपर उसके या मेरे रूम मे ले जा पाता.. …….

अपडेट 47 – Chudai

मैं दीदी को डॉली के रूम ले आया था और उसे डॉली के बेड पर लेटा दिया था नशे की वजह से दीदी की पलके मुंदी जा रही थी और इधर मेरा लंड दीदी की चिकनी चूत को देख कर झटके मारे जा रहा था

वैसे तो मुझे चूत चाटना या चूसना बिल्कुल भी अच्छा नही लगता है लेकिन दीदी की मस्त चूत देख कर मुझसे रहा नही गया और मैं उसकी दोनो टाँगो के बीच आ गया और उसकी पानी बहती चूत पर अपने होंठ लगा कर उसे चूमने लगा

मेरे ऐसा करने से दीदी के मज़े की कोई इंतेहा ही नही रही और वो कमर उचका उचका कर मज़े लेने लगी थी अब उसकी चूत बहुत ज़्यादा पानी छोड़ने लगी थी जिस वजह से उसका कुछ पानी मेरे मुँह मे चला गया जोकि मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लगा तो मैने अब दीदी की चूत को चूमना बंद कर दिया और उसके बाजू मे लेट कर उसके होंठ चूमने हुए उसके बूब्स दबाने लगा दीदी भी इस काम मे मेरा भरपूर साथ दे रही थी वो मेरे होंठो को चूसने के साथ मेरा लंड भी मसल रही थी

थोड़ी ही देर बाद मैने उसके बूब्स दबाना छोड़ कर उसकी चूत मे उंगली करना शुरू कर दिया था क्योंकि मैं जानता था की अगर चूत थोड़ी सी भी खुल जाएगी तो मुझे लंड अंदर करने मे ज़्यादा मेहनत नही करनी पड़ेगी

अपनी चूत मे मेरी उंगली महसूस करके दीदी बेहद उत्तेजित हो गई थी और अब वो मेरा लंड छोड़ कर अपने दोनो हाथो से मेरा चेहरा पकड़ कर बहुत वाइल्ड ट्राइक से मेरे होंठो को चूसने लगी थी कभी कभी तो वो उन्हे काट भी लेती थी

इतनी देर के फॉर प्ले से अब मेरा मन भर गया था और लंड दीदी की चूत मे जाने के लिए मचलने लगा था अब मैने भी उसे ज़्यादा तड़पाना ठीक नही समझा

“क्या हुआ…..तू ऐसे क्यों उठ गया” मेरे अचानक उठने से दीदी हैरान होते हुए बोली

“बहुत खेल लिया दी, अब मेरा लंड तुम्हारी चूत मे जाने के लिए मचल रहा है प्लीज़ अब मुझे मेरे मुन्ने का तुम्हारी मुनिया से मिलन करा ही लेने दो” मैं दीदी की दोनो टाँगे चौड़ी करते हुए बोला

“तो फाइनली वो टाइम आ ही गया जब मेरी सील टूट जाएगी और मेरी चूत फट जाएगी” दीदी बोली

“कभी ना कभी तो ये सब होना ही था लेकिन ये बात तुम्हारे लिए बहुत अच्छी है की ये शुभ काम तुम्हारा भाई कर रहा है जो बहुत प्यार से तुम्हारी सील तोड़ेगा ताकि तुम्हे कम से कम दर्द हो” मैं बोला

“ठीक है भाई तोड़ दे मेरी सील और भर दे अपना मूसल लंड मेरी छोटी सी चूत मे लेकिन ध्यान रखना की मुझे ज़्यादा दर्द ना हो” कहते हुए दीदी ने अपनी आँखे बंद करली और अपनी दोनो जाँघो को उठा कर अपने पेट से चिपका लिया जिससे उसकी चूत पूरी तरह से खुल कर सामने आ गई थी

मैने अब अपने सूखे लंड को अपने थूक से गीला किया और उसे दीदी की पानी बहती गीली चूत के छेद पर लगा दिया और बोला “दीदी मैं अंदर करने वाला हूँ थोड़ा दर्द होगा लेकिन अड्जस्ट कर लेना”

“ह्म.. ” दीदी के मुँह से निकला अपनी चूत पर मेरा लंड लगने से वो सिहर गई थी और उसके बदन ने एक झुरजुरी सी ली थी

अब मेरी लाइन क्लियर थी मैने धीरे धीरे लंड पर दबाव देना शुरू कर दिया था जिसके कारण अब मेरा लंड दीदी की चूत को दीवारो को फैलाता हुए उसके अंदर घुसने लगा था जबकि दीदी की साँसे तेज हो गई थी और उसने अपनी दोनो मुठियो मे चादर को भींच लिया था

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