Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 2

अपडेट 45 – Chudai

मैं शाम को कोई 7 बजे घर पहुच गया था दीदी अभी किचन मे थी और खाना बनाने मे काम वाली बाई की मदद कर रही थी इसलिए मैं उससे कुछ बात तो नही कर पाया लेकिन जब भी उससे मेरी नज़रे मिली वो हर बार शर्मा गई मेरे मन मे बहुत बेचैनी हो रही थी और मैं हर पल यही सोच रहा था की कब वो लम्हा आएगा जब दीदी मेरे नीचे लेटी होगी और कब मेरा लंड उसकी कुवारि चूत की सील तोड़ कर उसके अंदर अंगडाइयां ले रहा होगा

खैर ऐसे ही वेट करते हुए 8.30 बज गये और काम वाली बाई चली गई लेकिन इस बीच मौके का फ़ायदा उठा कर दीदी अपने रूम मे चली गई मैं भी उसके पीछे लपका लेकिन मेरे पहुचने तक वो अपने रूम का गैट लॉक कर चुकी थी Chudai

“क्या यार इतनी देर से तो मौका मिला था और अभी भी तुम दूर ही भाग रही हो” मैं उसके दरवाजे को ठोकते हुए बोला

“थोड़ा सबर कर मेरे राजा, अपनी सग़ी बहन को चोदने के लिए इंतज़ार तो करना ही पड़ेगा ना” दीदी दरवाजे के पीछे से बोली

“अब और कितना इंतज़ार करवायेगि” मैं बोला

“बस मुझे नहा कर आजाने दे और हाँ तू भी नहा कर फ्रेश हो जा फिर खाना खाने के बाद सारी रात अपनी ही है सब कुछ आराम से करेंगे” दीदी बोली

“ओके.. .” मैं बोला और अपने रूम मे आ गया उसकी बात मुझे भी सही लगी थी

लगभग आधे घंटे बाद हम दोनो ही डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे तभी मुझे याद आया की मैं बियर भी लाया हूँ तो मैं उठा और एक बियर खोल कर लेलिया

“ये क्या है” दीदी बियर को देखते ही बोली

“मैं आज की रात पूरी तरह से एंजाय करना चाहता हूँ इसलिए ये ले आया हूँ, लाओ ग्लास निकालो आज हम दोनो ही बियर पिएँगे” मैं बोला

“लेकिन मैने आज तक कभी नही पी है” दीदी बोली

“तो क्या फरक पड़ता है, और फिर अगर तुम्हे चढ़ भी गई तो यहाँ कौन है देखने वाला और हाँ इसे पीने के बाद मज़ा और भी बढ़ जाएगा” मैं बोला

अब दीदी ने थोड़ी देर सोचा और दो ग्लास मेरे सामने रख दिए मैं जानता था की ये उसका पहली बार है
इसलिए मैने उसे आधा ग्लास ही दी और बाकी की मैं बॉटल से ही पीने लगा

दीदी ने भी ग्लास उठाया और पहले उसे सूंघ कर देखा तो उसने बियर की स्मेल को महसूस करके अपनी नाक सिकोड कर सड़ा सा मुँह बना लिया

“कैसी गंदी सी स्मेल है इसकी ” वो मुझे देखते हुए बोली”स्मेल ही नही इसका टेस्ट भी गंदा सा ही है, बेहतर यही रहेगा की तुम आँखे बंद करके एक सांस मे ही इसे पूरी पी जाओ अगर इसके मज़े लेने हो तो” मैं हँसते हुए बोला

“क्या ये बहुत कड़वी है” दीदी ने पूछा

“नही, ज़्यादा कड़वी नही है लेकिन तुम्हे इसका टेस्ट अच्छा नही लगेगा इसलिए जैसा मैने कहा है वैसा ही करो” मैं बियर का घुट लगाते हुए बोला शायद उसे मेरी बात ठीक लगी तो उसने एक हाथ से अपनी नाक बंद करके दूसरे हाथ से ग्लास मुँह मे लगाया और एक बार मे ही सारी बियर गटक गई

“आककककक.. .तुऊऊउउ.. ..” ग्लास मुँह से हटते ही वो हुल्की लेते हुए बोली उसका मुँह बहुत बुरा सा हो रहा था

“क्या हुआ मज़ा नही आया क्या” मैं एक बार फिर हँसते हुए बोला

“खाक….मज़ा आया, चल अब खाना खाते है” वो बोली

और तली लगाने लगी

अब मैने भी ज़्यादा देर करना ठीक नही समझा और झट से सारी बियर गटक गया और तली अपनी तरफ खींच कर खाना स्टार्ट कर दिया

थोड़ी ही देर मे बियर मुझ पर हावी होने लगी थी जबकि दीदी की हालत भी कोई अच्छी नही थी उसके हाथ भी खाना खाते हुए लड़खड़ा रहे थे

खैर जैसे तैसे खाना ख़तम हुआ तो दीदी गंदे बर्तन लेकर किचन मे जाने लगी तो मैं भी उसकी मदद करने लगा जब हमने पूरे बर्तन वहाँ रख दिए तो मैने दीदी का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खींच लिया तो वो एक झटके से मुझसे अलग हुई और बोली “मैने कहा था ना की आज कोई जल्दबाज़ी नही चलेगी आज सब कुछ आराम से होगा, चल तू वहाँ दरवाजे के पास जाकर खड़ा होज़ा” Chudai

“लेकिन क्यों…” मैने कहना चाहा

“जितना कहा है उतना कर, चल वहाँ जाकर खड़ा होज़ा” दीदी आदेश देते हुए बोली

अब मैं करता भी क्या मैं चुपचाप दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया और उसकी तरफ देखने लगा.
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