Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

अपडेट 5

मैं घर पहुचा पापा अभी तक नही आए थे क्योंकि गाओं की गड्ढे भरी सड़को पर कार को तेज़ी से चलाना मुश्किल था

मैने बेल बजाई और कुच्छ देर बाद गेट खुला और गेट खुलते ही मेरे दिमाग़ मे धमाका सा हुआ वो पार्क वाली लड़की मेरे सामने खड़ी थी

“तुम……तुम यहाँ क्या कर रही हो” अचानक मेरे मुँह से निकल गया

“मैं यहाँ क्या कर रही हूँ, मेरे ही घर आकर पुछ्ते हो कि मैं यहाँ क्या कर रही हूँ पहले तुम ये बताओ कि तुम कॉन हो और यहाँ क्या कर रहे हो” वो बोली

उसकी बात सुन कर मेरा सिर घूम गया ‘इसकी माँ की चूत ये भी मेरी बहन निशा ही निकली गाओं आते ही जिन दो लड़कियो पर मेरी गंदी नज़र पड़ी वो दोनो ही मेरी बहने निकली अब क्या होगा एक तो मेरी वजह से नाराज़ चल रही है और ये दूसरी उस लड़के के चक्कर मे फँस के पूरे खानदान की नाक कटवाने पर तुली है अब मैं क्या करूँ’ यही सोचते हुए मैने निशा को रास्ते से हटाया और अंदर हॉल मे आकर सोफे पर धम्म से ढेर हो गया

“ए मिसटर ये क्या कर रहे हो तुम ऐसे कैसे किसी के घर मे घुस सकते हो” निशा बोली

“शांत….शांत….अभी पता चल जाता है” मैने उसे रोका और फिर ज़ोर से बोला “मम्मी……मैं आ गया हूँ”

“आई बेटा…” अंदर कही से मम्मी की आवाज़ आई अब चौंकने की बारी निशा की थी

“तू….तू सोनू है” वो हैरत और खुशी से बोली

“हां दी” मैने भी मुस्कुराते हुए कहा

“ओ मेरे भाई…..” कहते हुए वो झपट कर मेरी गोद मे आ बैठी और मेरे सिर को चूमती हुई मुझे अपनी बाहों मे भर लिया

कुच्छ देर प्यार करने के बाद वो बोली “लेकिन सोनू दरवाजा खुलते ही मुझे देख कर तू ऐसे चौंका क्यो था जैसे कि तू मुझे जानता हो”

अब मुझे बात संभालनी थी इसलिए मैं बहुत सावधानी से बोला “वो क्या है ना दी कल शहर मे मैने आपको देखा था और आज आप मुझे आज यहाँ दिख गई इसीलिए मैं चौंक गया था”

“तो क्या हुआ कल तुमने शहर मे बहुत सी लड़की देखी होगी तो क्या तुम्हे उन सब की सूरत याद है, तुमने मुझमे ऐसा क्या देखा कि मैं तुम्हे याद रही” दी बोली और मेरी गोद से उठ कर खड़ी हो गई उसके चेहरे पर भी टेन्षन के भाव आ चुके थे मैं समझ गया कि वो डर गई थी कि कहीं मैने उसे उस लड़के के साथ तो नही देख लिया है

“दी…भले ही मैने वहाँ बहुत सी लड़की देखी होगी लेकिन सब तुम्हारी जैसी थोड़ी ना थी और याद तो कोई खास चीज़ ही रहती है” मैं उसे उपर से नीचे तक देखते हुए बोला

मेरी इस बात से उसका डर निकल गया था उसके होंठो पर एक शरारती मुस्कान आ गई थी

“नॉटी बॉय, अपनी बड़ी बहन को ही इस नज़र से देख रहा था” वो बोली

“लेकिन तब कहाँ पता था कि तुम मेरी बहन हो वो तो अब पता चला ना, अब नही देखूँगा वैसी नज़रो से” मैं बोला

अभी हमारे बीच कोई और बात होती इसके पहले ही मम्मी, डॉली और सवेरे निशा दी के साथ दिखी वो बड़े बूब्स वाली लड़की हॉल मे दाखिल हुई

“तो मिल लिए दोनो भाई बहन” मम्मी बोली हम दोनो ने हाँ मे गर्दन हिलाई

“तुम्हारे पापा नही आए बेटा”

“मम्मी सबसे पहले मैं आपको थॅंक्स कहूँगा मुझे इतने सारे गिफ्ट दिलवाने के लिए और बाइक से आया हूँ इसलिए जल्दी आ गया जबकि पापा कार से है तो टाइम तो लगेगा उन्हे आने मे” मैं बोला

“चल पगले कोई अपने माँ बाप को भी थॅंक्स बोलता है क्या और वैसे भी पिच्छले सात सालो मे हम ने तुम्हे कुच्छ नही दिया था तो सारी कसर एक बार मे ही पूरी कर ली” मम्मी मेरे सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली

“वाउ सोनू क्या क्या गिफ्ट मिले तुम्हे” निशा ने पुछा

मैने सब बताया

“चलो ये अच्छा हुआ कि तुम्हे बिके मिल गई है अब जब भी मुझे शहर जाना होगा तुम्हारे साथ ही जाउन्गा

क्योंकि स्कूटी मे सड़क के गड्ढो के कारण बहुत परेशानी होती है” निशा दी बोली

तभी मेरी नज़र पास खड़ी उस लड़की पर गई, मेरी नज़रो का इशारा समझ कर निशा दी बोली “भाई ये वही है जिसे तूने छत से गिरा दिया था, मोना”

“हाई मोना कैसी हो तुम” मैं बोला

“भगवान की दया से अच्छी हूँ वरना तो शायद लंगड़ी लुली होती अभी तक” मोना हँसते हुए बोली

“सॉरी यार लगता है तुम अभी तक बचपन की वो बात भूली नही” मैं शर्मिंदा होते हुए बोला Chudai

“अरे नही यार जस्ट जॉकिंग” मोना बोली Chudai

तभी पापा आ गये तो मैं समान निकालने कार के पास चला गया और मम्मी और बाकी सब खाना लगाने के लिए चले गये…….

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