Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

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लगभग एक घंटे तक फॉल मे मस्ती करने के बाद निशा ने सभी को अपने पास बुलाया सभी लोग घेरा बना कर उसके पास खड़े हो गये थे

“तो दोस्तो सुखी सुखी मस्ती बहुत हो गई, मैं जानती हूँ की अब तक सभी लड़को के लंड खड़े खड़े दर्द करने लगे होगे और सभी लड़कियो की चूत पानी बहा बहा कर खुजली करने लगी होगी तो अब जिसको भी अपने लंड और चूत की आग ठंडी करना हो वो हाथ खड़ा करे” निशा सबको सुनाती हुई बोली

और उसकी बात सुनकर सभी लड़कियो ने हाथ खड़े कर दिए सिर्फ़ दीदी के हाथ ही नीचे थे

“बहनजी” टीना के मुँह से निकला

“क्यों निशा क्या बात है तुझे अपने बाय्फ्रेंड से मस्ती नही करनी क्या” निशा ने पूछा

“वो क्या है ना की अभी हमारी रिलेशन्षिप नयी नयी है इसलिए इसके साथ मैं इतनी जल्दी इतना आगे नही बढ़ सकती” दीदी ने जवाब दिया

“तो तुझे चुदाई करने को कौन बोल रहा है, थोड़ा चूसा चाटी ही कर लेना” टीना बोली

“मैं अभी इसके लिए भी तैयार नही हूँ” दीदी बोली

“ओके तो फिर कोई ज़बरदस्ती नही है तुम लोग यहीं रूको, सो गाइस लेट’स गो” निशा बोली

“एक मिनिट रूको निशा, क्या यार निशा अपनी ज़िद से बेचारे सोनू की पिक्निक क्यों खराब कर रही हो, सारे ग्रूप मे यही सबसे हॅंडसम लड़का है और बेचारा ये ही रह जाएगा मज़ा करने से प्लीज़ चल ना हमारे साथ” टीना ने खुशमाद की

“ये माइंड नही करेगा मैं इसे पहले ही समझा चुकी हूँ” दीदी बोली

“ओके तो तू कुछ मत करना वहाँ, लेकिन साथ चलने मे क्या बुराई है यदि मेरा मूड बन गया तो मैं ही इसे वहाँ मज़े दे दूँगी” टीना बोली

“तू मज़े देगी इसे और तेरा बाय्फ्रेंड देखते रहेगा” दीदी ने पूछा

“मेरे बाय्फ्रेंड को इससे कोई फरक नही पड़ेगा क्योंकि हमने शादी थोड़े ही करनी है हम तो बस मज़े करने के लिए साथ मे है, क्यों डियर” कहते हुए टीना ने अपने बाय्फ्रेंड से पूछा

“ये सही कह रही है मुझे कोई फरक नही पड़ता और थ्रीसम मे तो और भी मज़ा आएगा” टीना का बाय्फ्रेंड बोला

“लेकिन मैं अपने बाय्फ्रेंड को किसी के साथ शेर नही कर सकती तुम लोग जाओ और मज़े करो” दीदी ने जैसे अपना फ़ैसाला सुनाया

“साली पक्की बहनजी है तू, तू कभी भी अपने गाओं के गँवार पन को छोड़ कर मॉडर्न नही बन सकती, सॉरी सोनू लेकिन तुमने अपने लिए ग़लत लड़की चुनी ली है चल निशा” टीना बोली

और फिर वो लोग अपने कपड़े पहन कर एक तरफ जाने लगे और इधर टीना की बात सुनकर दीदी के झान्टो मे आग लग गयी और उसका चेहरा गुस्से से लाल पड़ गया और वो अपने गुस्से को कंट्रोल करने के लिए ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी

“क्या यार दी, तुम खुद तो कुछ करना नही चाहती और वो बेचारी टीना मुझे मज़े करवाने वाली थी तो उसे भी मना कर दिया मेरा तो सारा मज़ा ही खराब कर दिया तूने” इन लोगो के जाने के कोई 2 मिनिट बाद मैं बोल पड़ा”कैसी बात कर रहा है तू, क्या तू किसी के साथ भी सेक्स कर लेगा” दीदी बोली

“तो उससे क्या फरक पड़ता है क्या वो लड़की नही है या फिर क्या वो कोई चान्स वाली रंडी है जो मुझे उसके साथ नही करना चाहिए और फिर तुम तो मुझे अपने रिश्ते की दुहाई देकर कुछ करने नही दे रही और वैसे भी जिससे मेरी शादी होगी वो भी तो कोई दूसरी ही होगी ना फिर क्यों मेरे खड़े लंड पर चोट कर रही हो यार” मैं निराशा से बोला

“लेकिन…लेकिन….मैं तुझे किसी दूसरे के साथ नही देख सकती” दीदी थोड़ा शरमाते और हकलाते हुए बोली

“तुम खुद भी कुछ नही करती और दूसरे के साथ भी नही देती तो क्या मैं ज़िंदगी भर अपने खड़े लंड को पकड़ कर खड़ा रहु” मैं बोला

अब मेरी बात सुनकर दीदी सोच मे पड़ गई और चुप हो गई

“तू सही कह रहा है ठीक है तू जा और मज़े कर मैं यहीं रुकती हूँ” आख़िर मे दीदी बोली

“नही मैं अकेला नही जाउन्गा, टीना या किसी और लड़की को चोदने से ज़्यादा मज़ा मुझे तुम्हारे साथ उपर उपर से ही आजाएगा प्लीज़ चलो ना हम उपर उपर से ही कर लेंगे” मैं उसे मनाते हुए बोला

“उपर उपर से क्या मतलब है तेरा” उसने पूछा

“मतलब तुम मेरा लंड चूस लेना और मैं तुम्हारी चूत चाट लूँगा मैं भी खुश और तुम भी खुश और इसके बाद फिर कभी भी टीना तुम्हे बहनजी नही बोल पाएगी” मैं बोला

“लेकिन उसके लिए तो मुझे तेरे सामने नंगी होना पड़ेगा, ना बाबा ना मुझे बहुत शरम आएगी” कुछ देर सोचने के बाद दीदी बोली

“तो क्या हुआ बचपन मे भी तो हम एक दूसरे को नंगा देख ही चुके है प्लीज़ दीदी चल ना मेरी बहुत इच्छा है तेरी चूत देखने की और वैसे भी कभी ना कभी तो तुझे किसी के सामने नंगा होना ही पड़ेगा तो सबसे पहले ये मौका मुझे देकर एक एहसान ही कर दे मुझ पर” कहते हुए मैने उसकी गान्ड को मसलते हुए उसकी चुचि दबा दी

मेरी इस हरकत से वो थोड़ी गरम हो गई उसकी आँखो मे लाल डोरे तैरने लगे थे

“ठीक है मैं तैयार हूँ लेकिन जो तूने कहा है सिर्फ़ उतना ही होगा आगे कुछ नही” दीदी बोली

“अरे ऐसे क्या बोल रही है सीधे शब्दो मे बोल ना” मैं उसकी गान्ड के छेद मे उंगली घुसेड़ने की कोशिश करते हुए बोला

“बहुत बदमाश है तू मेरे मुँह से गंदा वर्ड सुन-ना चाहता है ना तो सुन वहाँ मैं सिर्फ़ तेरा लंड चुसुन्गी और तू मेरी सिर्फ़ मेरी चूत लेकिन चुदाई जैसा कुछ नही होगा समझा” दीदी मेरा लंड दबाते हुए बोली

“ओके….अभी के लिए इतना भी काफ़ी है बाकी बाद मे देख लेंगे” मैं भी उसकी चुचि ज़ोर से भींचते हुए बोला

“बाद मे देख लेंगे का क्या मतलब, क्या तू सच मे मुझे यानी अपनी सग़ी बहन को चोदना चाहता है” दीदी मुझे देखते हुए बोली

“तेरे जैसे लड़की को चोदने के लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ मेरी जान” मैं बोला

“लेकिन शायद तेरी किस्मत मे ये नही लिखा है मेरे प्यारे भाई” दीदी मुस्कुराते हुए बोली

“तू उसकी चिंता मत कर वो मैं खुद ही लिख लूँगा अब चल उन्हे गये बहुत देर हो गई है” मैं बोला और अपने कपड़े पहन लिए

जब तक दीदी भी कपड़े पहन चुकी थी और फिर हम भी उसी तरफ बढ़ने लगे जिधर बाकी सब गये थे

हम दोनो चिपक कर चल रहे थे दीदी की चुचि मेरी बाँह पर दब रही थी जबकि उसका एक हाथ मेरी कमर लिपटा हुआ था जिसे मैने अपने एक हाथ से पकड़ा था और मेरा दूसरा हाथ उसकी गान्ड को सहला रहा था

“वैसे दी अगर वहाँ मैं टीना को चोद ना चाहूँ तो तू मना तो नही करेगी” चलते चलते मैने पूछा

“अभी तो कह रहा था की तुझे मेरे साथ उपर से ही मज़ा आजाएगा और अब टीना को चोदने की बात कर रहा है” दीदी बोली

“वो क्या है ना यार उसके जैसा मस्त माल बार बार नही मिलता ना इसलिए अगर तुम हाँ कह दो तो…..” मैं बोला

“ठीक है तू भी क्या याद करेगा…..जा चोद लेना टीना को” दीदी बोली

“थॅंक यू मेरी जान” कहते हुए मैने दीदी के होंठ चूम लिए और कुछ ही देर मे हमे हमारे ग्रूप के लड़के लड़किया दिखाई देने लगे जो जंगल के अंदर बने एक बहुत बड़े खंडहर के अंदर जा रहे थे मैं समझ गया की यही निशा का चुदाई स्पॉट है

और हम भी उधर ही बढ़ गये.

मैं और दीदी भी हमारे ग्रूप के पीछे पीछे उस खंडहर मे दाखिल हो गये जोकि बहुत बड़ा था

मैं हॉल मे तो कोई भी नही दिखा लेकिन जैसे जैसे हम आगे बढ़ते गये हम दोनो की ही आँखे बड़ी होने लगी और मेरा लंड जोकि पहले से ही दीदी की गान्ड से खेलने के कारण खड़ा हुआ था अब अपने विकराल रूप मे आता जा रहा था और मैं शर्त लगा कर कह सकता हूँ की दीदी की चूत भी इतना रस छोड़ रही होगी की उसकी पैंटी पूरी गीली हो गई होगी क्योंकि सामने का नज़ारा ही कुछ ऐसा था

यहाँ के हर कमरे मे 4-5 जोड़े चुदाई मे लगे हुए थे कुछ पूरे नंगे होकर चुदाई कर रहे थे तो कुछ अधनंगे होकर कुछ खड़े खड़े कर रहे थे तो कुछ लेट कर और कुछ तो डॉगी स्टाइल मे कहीं लड़की लंड चूस रही थी तो कहीं लड़का चूत चाट रहा था लगता था जैसे इस खंडहर को चुदाई के लिए ही वीरान किया गया था हम दोनो की ही धड़कनें बढ़ गई थी और दीदी ने मेरी बाँह को कस कर पकड़ लिया था और ये जायज़ भी था क्योंकि जिस लड़की ने आज तक रियल मे कभी नंगा लंड नही देखा था आज वो इतने सारे नंगे लंड एक साथ चुदाई करते हुए देख रही थी

खैर हम आगे बढ़ते रहे अब हमे हमारे ग्रूप के कपल भी मज़े करते हुए दिखाई देने लगे थे लेकिन हमे तो तलाश टीना और निशा की थी जो अभी तक नज़र नही आए थे और खंडहर के लास्ट मे पहुचते ही वो भी हमे दिखाई दे ही दिए

यहाँ सिर्फ़ टीना और निशा ही अपने बाय्फ्रेंड के साथ थी जहाँ टीना और निशा दोनो ब्रा पैंटी मे थी वहीं दोनो लड़के नंगे हो चुके थे और अपने खड़े लंड को सहला रहे थे दोनो के ही लंड नॉर्मल साइज़ के थे लेकिन मेरे लंड से छोटे और पतले थे

“हेलो….” मैं वहाँ पहुच कर बोला क्योंकि अभी दोनो लड़कियो की पीठ मेरी तरफ थी और वो दोनो हमे देख नही पाई थी

“अरे सोनू तुम यहाँ……….” मुझे देखते ही टीना हैरानी भरी आवाज़ मे खुशी से बोली

“एस…..” मैं बोला

“कैसे…..ये बहन जी इतनी जल्दी कैसे मान गई” टीना बोली

“अब छोड़ो भी यार इसे बहन जी कहना, करना तो ये भी सब कुछ चाहती है बस शरम के मारे इसकी हिम्मत नही हो रही थी लेकिन मैने इसे समझाया तो ये मान गई यहाँ आने के लिए लेकिन इसकी शर्त है की ये बस चूसाई ही करेगी चुदाई नही, लेकिन ये इस बात के लिए तैयार है की मैं तुम्हारे साथ भी मज़े कर सकता हूँ” मैने बताया

“ओह्ह्ह्हठीक है पहली बार के लिए चूसाई भी बहुत है, चुदाई के लिए मैं हूँ ना चलो अब तुम भी अपने कपड़े उतारो और लग जाओ मज़े लेने मे” टीना बोली और अपने बाय्फ्रेंड को किस करते हुए उसका लंड पकड़ कर हिलाने लगी जबकि निशा तो अपने बाय्फ्रेंड का लंड मुँह मे भर भी चुकी थी

लेकिन हम दोनो वैसे ही खड़े रहे क्योंकि इस वक्त दीदी की नज़रे निशा पर ही टिकी थी वो बड़े ध्यान से उसे लंड चूस्ते हुए देख रही थी

“अरे….तुम लोग अभी तक वैसे ही हो कपड़े नही उतारे अभी तक” तभी टीना ने पकड़ कर हमे देखा और बोली

“अभी मेडम लंड चूसना सीख रही है जब ये पूरी तरह सीख जाएगी तब करेंगे ना” मैं दीदी की तरफ इशारा करते हुए बोला और टीना भी समझ गई

“लेकिन तू तो अपने कपड़े उतार ही सकता है ना, अरे हाँ….याद आया चल जल्दी से अपना लंड निकाल मुझे देखना है की कितना बड़ा और मोटा है सुबह तो पैंट के उपर से बहुत ही ख़तरनाक लग रहा था” कहते हुए टीना अपने बाय्फ्रेंड को छोड़ कर मेरे पास आ गई और दीदी ने भी अपनी नज़रे निशा से हटा ली और मुझे देखने लगी

और टीना की बात सुनकर मैं अपने कपड़े उतारने लगा जब सिर्फ़ अंडर वेर ही मेरे शरीर पर रह गया तो मैने मुस्कुरा कर दीदी की तरफ देखा जैसे उससे कह रहा हूँ की देख मेरी बहन तेरे भाई का लंड अब मैदान मे आने वाला है जो सिर्फ़ तेरे ही लिए है और मेरी नज़रो को पढ़ते हुए दीदी भी मुस्कुरा दी और मुझे अंडर वेर उतारने का इशारा किया और उसका इशारा मिलते ही मैने एक झटके मे अंडर वेर उतार कर नीचे फेंक दियामेरा लंड जोकि आज अपने विराट रूप मे था के नंगा होते ही टीना ने अपने खुले मुँह पर हाथ रख लिया उसकी आँखे मेरे बड़े और मोटे लंड को देख कर फॅट सी गई थी जोकि उसके बाय्फ्रेंड के लंड से कोई 2 इंच बड़ा और बहुत मोटा था उधर दीदी की हालत भी कुछ ऐसी ही थी उसकी नज़र भी मेरे लंड से हट नही रही थी

ओह्ह माइ गॉड…..ये लंड है या मूसल इसके जैसा लंड तो मैने आज तक नही देखा, निशा ज़रा देख तो कितना बड़ा और मोटा लंड है सोनू का जिसकी भी चूत मे जाएगा उसके तो मज़े हो जाएँगे” टीना ज़ोर से बोली और उसकी बात सुनकर निशा भी हमारे पास आ गई और मेरे लंड पर नज़र पड़ते ही उसके भी होश उड़ गये और वो बड़ी हसरत भरी नज़रो से मेरे लंड को देख रही थी

“बड़ी किस्मत वाली है यार निशा तू जो तुझे इतना मस्त लंड मिला है” टीना आह भरते हुए बोली

“हाँ यार सच मे बड़ा मस्त है इसका लंड तो मन कर रहा है अभी मुँह मे भर लू” निशा अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए बोली

“चलो चलो अपने बाय्फ्रेंड के पास जाओ ये मेरे लिए है” तभी दीदी बोली

“अरे वाह…अभी तक चुपचाप खड़ी थी और लंड देखते ही हमे भगाने लगी, खैर ये भी सच है की ये लंड तेरे ही लिए है लेकिन याद रखना की आज मैं भी इससे मज़े लूँगी, चल निशा अपनी लुल्लिया टटोलते है” टीना अपने आख़िरी के शब्दो को धीमा करते हुए बोली ताकि उनके बाय्फ्रेंड को सुनाई ना दे और फिर एक बार और मेरे लंड को निहार कर वो दोनो अपने अपने बाय्फ्रेंड के पास चली गई

अब मैं दीदी के एकदम नज़दीक पहुच गया और उसे बाँहो मे भर लिया मेरा नंगा लंड जो सीधा खड़ा हुआ था दीदी की नाभि के पास टकरा रहा था मै अपना मुँह दीदी के कान के पास लाया और धीरे से बोला “क्या सच मे तू इसे चूस पाएगी तुझे गंदा तो नही लगेगा”

“अभी पता नही लेकिन निशा तो बड़े मज़े से चूस रही थी मैं भी एक कोशिश कर के देखती हूँ” कहते हुए दीदी ने मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे जकड लिया

“कोशिश ही कर के देखना कोई ज़बरदस्ती नही है अगर गंदा लगे तो मत करना हमे बस एक बार इन दोनो को तुम्हारे मुँह मे लंड दिखाना ही तो है उसके बाद हम फ्री है, और वैसे भी चूत चाटने वाला काम नही कर सकता” मैं बोला

“लेकिन हम जो इतनी देर से चारो तरफ चुदाई देख कर गरम हुए पड़े है उसका क्या” दीदी मेरे लंड को मसलते हुए मेरे कान की लौ को अपने होंठो से चुभलते हुए बोली

“तुम उसकी चिंता मत करो मैं हम दोनो को ही बहुत अच्छे से ठंडा कर लूँगा और कैसे करना है मैने सोच भी लिया है अब बस तुम भी सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे हो जाओ इन दोनो के जैसे” मैं दीदी के बूब्स दबाता हुए बोला

मेरी बात सुनकर दीदी ने मेरे होंठो पर एक किस किया और अपने कपड़े उतार कर ब्रा पैंटी मे हो गई और घुटनो के बल मेरे सामने बैठ कर मेरे लंड को पकड़ लिया और बड़े ध्यान से उसके गोल लाल लाल चिकने सुपाडे को देखने लगी जिस पर कुछ बूंदे मेरे प्रेकुं की लगी हुई थी फिर उसने अपनी एक उंगली से वो बूंदे सॉफ की और मेरे लंड के सुपाडे को अपनी जीभ से चाट लिया लेकिन शायद फिर भी उसे मेरे प्रेकुं का कुछ स्वाद महसूस हुआ जो शायद उसे अच्छा नही लगा तो उसने उसे ठीक थूक दिया और मेरी तरफ देखा तो मैने उसे लंड मुँह मे लेने को कहा

एक तो मेरा लंड मोटा था और उसने आज तक किसी का भी लंड मुँह मे नही लिया था तो वो जैसे तैसे पूरा मुँह फाड़ कर मेरा लंड अपने मुँह मे भरने लगी और कुछ ही देर मे मेरा बहुत सा लंड उसके मुँह के अंदर था

“टीना….” दीदी के मुँह मे लंड जाते ही मैने टीना को आवाज़ लगाई ताकि वो देख सके की दीदी मेरा लंड चूस रही हैमेरी आवाज़ सुनकर टीना और निशा दोनो ने की अपने बाय्फ्रेंड के लंड मुँह से निकाले और हमारी तरफ देखा दीदी के मुँह मे मेरा लंड देख कर टीना ने मुझे थम्सअप का इशारा किया और वो दोनो फिर अपने काम मे लग गयी मैं जानता था की अब वो दोनो दोबारा इधर नही देखने वाली है तो मैं धीरे से बोला “दीदी अब तुम चाहो तो अपने मुँह से लंड निकाल सकती हो, हमारा काम हो गया है”

और जैसे दीदी इसी बात का इंतज़ार कर रही थी उसने झट से मेरा लंड मुँह से निकाला और खड़ी होकर थूकने लगी

“क्यों…टेस्ट अच्छा नही लगा क्या” मैने हँसते हुए पूछा

“अओउक्ककक…..” दीदी ने उबकाई ली जैसे उसे उल्टी आ रही हो और बोली “छ्चीए……कितना गंदा था और वहाँ से सुसू की बदबू भी आ रही थी पता नही ये दोनो कैसे कर रही है”

“पहली बार उन्हे भी ऐसा ही हुआ होगा लेकिन अब उन्हे आदत हो गई है धीरे धीरे तुम्हे भी हो जाएगी” मैं उसे छेड़ते हुए बोला

“नो वे…..मैं दोबारा नही करने वाली अब” दीदी बोली

और मैं हँसने लगा तभी मेरी नज़रे टीना और निशा पर गई अब वहाँ चुदाई शुरू हो गई थी जहाँ टीना की चुदाई डॉगी स्टाइल मे हो रही थी वही निशा को शायद खड़े खड़े चुदवाने मे ही मज़ा आरहा था दीदी भी ये सब देख रही थी और अब उसकी साँसे एक बार फिर भारी हो गई थी और उसके बड़े बड़े बूब्स सांसो के साथ उठने गिरने लगे थे अब मुझसे भी सहन नही हो रहा था तो मैं जाकर दीदी के पीछे से चिपक गया मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार पे सेट हो गया था और मेरे लेफ्ट हाथ की हथेली उसके लेफ्ट बूब पर ठहर गई थी जबकि अब मैने अपने राइट हॅंड से उसकी पैंटी के उपर से ही उसकी गान्ड के छेद पर अपना लंड सेट कर दिया और अपना वही हाथ सामने से उसकी पैंटी मे डाल कर उसकी चिकनी बिना बालो वाली चूत पर रख कर उसे सहलाने लगा और मेरा दूसरा हाथ दीदी की चुचि को ब्रा के अंदर जाकर मसलने लगा और मेरा लंड उसकी गान्ड मे छेद पर दबाव बनाने लगा

इस तीन तरफ़ा हमले से दीदी मस्त हो गई उसकी आँखे बंद हो गई और वो भी कमर हिला कर मेरा साथ देने लगी

उधर निशा और टीना की धुआधार चुदाई हो रही थी और सारा रूम ठप ठप और फॅक फॅक की आवाज़ से गूँज रहा था जोकि मेरी उत्तेजना को बढ़ाए जा रहा था

अब मैं दीदी की चूत के छेद मे अपनी बीच वाली उंगली अंदर बाहर कर रहा था जोकि थोड़ी ही अंदर जा रही थी और दीदी की चूत अब जैसे झरना बन गई थी और बहुत ज़्यादा पानी बहा रही थी जबकि इधर दीदी की पैंटी से रगड़ने के कारण मेरा लंड दर्द करने लगा था इसलिए अब मैने दीदी की पैंटी खिच कर उसके घुटनो तक कर दी और अपना नंगा लंड उसकी गान्ड से भिड़ा दिया

मेरे ऐसा करते ही दीदी ने अपना एक हाथ पीछे लाकर मेरा लंड पकड़ लिया और बोली “प्लीज़ सोनू चुदाई नही, प्लीज़”

“डोन्‍ट वरी, चुदाई ऐसे नही होती और अगर होती भी है तो तुम जैसी सील पॅक लड़की की ऐसे नही होती वो तो तुम्हारी पैंटी से रगड़ने के कारण मेरा लंड दर्द कर रहा था इसलिए पैंटी नीचे की है” मैं बोला

“लेकिन तेरा लंड…..वो पीछे से मेरी गान्ड पर लगा हुआ है अगर अंदर चला गया तो…” वो डरते हुए बोली

“नही जाएगा….और अगर गया भी तो बस थोड़ा ही जाएगा मैं उसे पूरा अंदर नही डालूँगा बस बाहर से ही रगड़ कर झड़ जाउन्गा” मैने उसे समझाया

“लेकिन अगर अंदर गया तो मुझे बहुत दर्द होगा” वो कुन्मुनाई

“अब बकवास मत कर यार…..बोल दिया ना की ऐसा कुछ नही होगा” मैं बोला और मैने उसकी चूत मे उंगली तेज़ी से चलानी शुरू कर दी और उसकी चुचि को बहुत ज़ोर से मसलते हुए उसकी गान्ड के उपर ज़ोर ज़ोर से लंड रगड़ने लगा और कोशिश करने लगा की मेरा लंड उसकी गान्ड मे ना घुस सके

अभी ऐसा करते कोई दो मिनिट ही हुए थे की दीदी का बदन अकड़ने लगा और उसने अपने एक हाथ से मेरे चुचि दबाते हाथ को कस कर दबा दिया और दूसरे हाथ से खुद ही दूसरी चुचि दबाने लगी और वो भल भल करके झड़ने लगी मेरा पूरा हाथ उसकी चूत के पानी से भर गया और उत्तेजना मे आकर मैने भी एक ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लंड उसकी गान्ड के अंदर थोड़ा सा घुस कर उसके छल्ले मे अटक गया

दीदी के मुँह से एक हल्की सी चीख निकाल गई और मैं अगला धक्का लगता इसके पहले ही मेरा पानी निकलने लगा मैने अपना लंड पीछे खींचा और दीदी की गान्ड से लंड रगड़ते हुए झड़ने लगा मेरे लंड निकाल लेने से दीदी को भी दर्द नही हुआ और वो भी झड़ने का मज़ा लेने लगी

जबकि उधर निशा और टीना का काम पहले ही हो चुका था वो चारो ही उजाड़ खंडहर की फर्श पर ढेर हुए पड़े थे और मैं दीदी की गर्दन पर सिर रखे गहरी गहरी साँसे ले रहा था…….

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