Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

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कोई 2 घंटे बाद हम पिक्निक स्पॉट पहुचे जो की एक घने जंगल के बीच मे था यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती थी चारो तरफ से बड़े बड़े पेड़ो से घिरे हुए एक झरना (वॉटर फॉल) था जिसके नीचे एक पूल था जिसमे सभी सैलानी नहाने का मज़ा लेते थे और यहाँ फोरेस्ट वालो की तरफ से किराए पर चलने वाले बहुत से कॉटेज भी थे और दो तीन रेस्टौरेंट भी थे साथ ही यहाँ चोरी छिपे बियर और दूसरी शराब भी मिल जाती थी कुल मिला कर ये एक बेहतरीन स्पॉट था मैं तो यहाँ की खूबसूरती मे सब कुछ भूल सा गया लगता था

“तो चलो दोस्तो आज की पिक्निक को शुरू करे और यादगार बनाए” निशा हम सभी को देखती हुई बोली

हम सभी ने हुर्रे…बोल कर ताली बजाई

“लेकिन इसके पहले निशा और सोनू को टेस्ट देना होगा” निशा बोली

“कैसा टेस्ट” उसके बाय्फ्रेंड ने पूछा तो निशा ने उसे सब कुछ बता दिया और बोली “तो निशा तुम तैयार हो”

“हाँ……” दीदी ने जवाब दिया

“तो क्या करवाया जाए तुम दोनो से……” बोल कर निशा

कुछ देर सोचती रही और फिर बोली “हाँ….चलो

सोनू तुम निशा को किस करते हुए इसके बूब्स दबाओ”

ये सुन कर सभी लड़किया और लड़के चिल्लाते हुए ताली बजाने लगे और मैं दीदी की तरफ देख कर मुस्कुराने लगा

“अरे सोच क्या रहे हो तुम दोनो चलो शुरू हो जाओ” निशा फिर बोली लेकिन मैं अपनी जगह से नही हिला

“मुझे तो तेरी बात सही लगती है निशा की कहीं सच मे ही तो ये दोनो भाई बहन नही है” टीना बोली

टीना की बात सुनकर भी दीदी या मैने कुछ नही किया

“निशा आख़िरी बार बोल रही हूँ साबित करो की तुम दोनो भाई बहन नही हो या फिर वापस जाओ या हमसे दूर रहो” निशा ने वॉर्निंग दी

और अब दीदी से रहा नही गया और चल कर मेरे पास आ गयी और मेरा चेहरा पकड़ कर अपने काँपते होंठ मेरे होंठो पर रख दिए अब मेरी तो जैसी लॉटरी लग गई थी मैं भी उसका साथ देने लगा और फिर उत्तेजना मे आके मैने पूरा होल्ड अपने हाथों मे लिया और और ज़ोर ज़ोर से दीदी के होंठ चूस्ते हुए मैने अपना एक हाथ उसकी चुचि पर रखा और उसे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.Chudai

ग्रूप के सभी लोगो ने हमारे चारो तरफ एक घेरा सा बना लिया था और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए सिटी बजा कर हमारा होसाला बढ़ा रहे थे

मैं और दीदी भी अब सभी को भूल कर अपने पहले हॉट किस का मज़ा ले रहे थे और मेरे बूब्स दबाने से दीदी भी अब फुल मस्ती मे आ गई थी उसने अपना एक हाथ नीचे लाया और मेरा लंड पकड़ लिया और उसे मसलने लगी और उसके ऐसा करते ही सारे ग्रूप का शोर और बढ़ गया और तालिया भी तेज हो गई लेकिन हम दोनो रुके नही और लगे ही रहे

“बस बस…..बहुत हो गया कहीं यही अंदर बाहर करना चालू मत कर देना हम मान गये की तुम भाई बहन नही बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड ही हो” निशा बोली और जैसे हम होश मे आए और अलग हो गयेदीदी के साथ हॉट किस और उसके लंड मसलने से मेरे पैंट मे इस वक्त एक बड़ा सा तंबू बना हुआ था जिस पर इस वक्त निशा और टीना की खुखार निगाहे लगी हुई थी

“क्या बात है निशा दीदी ध्यान कहाँ है तुम्हारा” मैं अपने लंड के उपर हाथ रखते हुए बोला

मेरे ऐसा करने से निशा सकपकई और बोली “दीदी……?
वॉट दीदी, मैं तुम्हारी बहन नही हो जो मुझे दीदी कह रहे हो”

“लेकिन मैं तो हर लड़की को दीदी ही बोलता हूँ क्योंकि दीदी बना कर चो……सेक्स करने मे जो मज़ा है वो वैसे नही है, है ना टीना दीदी” मैं टीना को देखते हुए बोला

“अरे सीधा सीधा बोल ना मेरे भाई की दीदी बना कर चोदने मे जो मज़ा है वो वैसे नही है और अगर तू मुझे चोदने वाली दीदी बनाना चाहता है तो मैं भी तेरी बहन बनने को तैयार हूँ क्योंकि तेरे लंड पर मेरा दिल आ गया है जो पैंट के अंदर से ही इतना भयानक लग रहा है तो नंगा कैसा दिखता होगा लेकिन अभी तो कुछ नही हो सकता क्योंकि आज के लिए मेरा बाय्फ्रेंड मेरे साथ है” टीना अपने बाय्फ्रेंड की बाँह पकड़ कर बोली

“ये कैसी लॅंग्वेज बोल रही है तू टीना” दीदी चुदाई और लंड जैसे शब्द सुन कर हैरत से बोली

“तू पागल है क्या निशा, यहाँ हम सभी अपने बाय्फ्रेंड के साथ सिर्फ़ मस्ती करने आती है और जब हम यहाँ होती है तो ऐसी गंदी भाषा मे ही बात करती है तुझे पसंद ना हो तो तू मत करना, अब चल निशा आगे क्या करना है बता मेरे मुँह और चूत मे तो बहुत खुजली हो रही है मैं जल्दी से जल्दी पवन का लंड चूस कर उससे अपनी चूत चटवाना चाहती हूँ” टीना बोली

और उसकी बात सुन कर दीदी ने अपना माथा पीट लिया और मेरी तरफ देखा तो मैने मुस्कुराते हुए उसे आँख मार दी

“ओके दोस्तो तो अब पिक्निक स्टार्ट होती है पहले हम सभी थोड़ा नाश्ता कर लेते है फिर उसके बाद कुछ टाइम फॉल मे मस्ती करेंगे फिर जिसे भी चूसना चुसवाना या चोद ना चूदवाना हो वो मेरे साथ चले क्योंकि इन सब काम के लिए इस जंगल मे सही जगह कहाँ है मैं जानती हूँ और जिसे ये सब नही करना है वो यही अपनी गान्ड मरवाए” टीना ने आगे का प्रोग्राम बताया और उसकी बात सुन कर सभी लोग हँस दिए

ऐसी गंदी लॅंग्वेज सुन कर शरम के मारे दीदी का चेहरा लाल पड़ गया था वो नज़रे चुरा चुरा कर मेरी तरफ देख रही थी और मैं मस्त होकर इन लड़कियो की नंगी नंगी बाते सुन रहा था

फिर सभी लोगो ने नाश्ता किया और एक कॉटेज बुक करके अपने कपड़े चेंज करके फॉल के पास आ गये सभी लोग अपने अपने पार्ट्नर के साथ थे और थोड़ी दूरी बना कर चल रहे थे.Chudai

“सोनू मुझे सू सू आई है” दीदी चलते हुए धीरे से बोली

“तो क्या प्राब्लम है चारो तरफ घना जंगल है कहीं भी झाड़ी के पीछे कर लो” मैं बोला

“ठीक है उधर चल…”वो एक तरफ इशारा करते हुए बोली और हम उधर जाने लगे

“ओये…..उधर चुदाई के लिए ठीक जगह नही है

थोड़ा वेट करो फिर हम चल ही रहे है” टीना हमे एक साइड जाते हुए देख कर बोली

उसकी बात सुनकर दीदी एक बार फिर शर्मा गई जबकि मैने मुस्कुरा कर उसे अपनी छोटी उंगली दिखा दी

“ओह्ह्ह्हतभी तो मैं कहूँ की इस बहन जी मे इतनी हिम्मत कहाँ से आ गयी” टीना बोली और ज़ोर से हँसने लगी

“बहन जी होगी तू, अभी तूने मुझे किस करते हुए नही देखा क्या” टीना की बात सुन कर दीदी गुस्से से बोली

“उसमे क्या खास बात है वो तो कोई भी कर सकता है सच तो तब मालूम पड़ेगा जब चूसने चूसने या चुदवाने का नंबर आएगा” टीना बोली

“देख लेंगे तब भी” दीदी बोली और आगे बढ़ गयी टीना ने मुझे देखा और थम्सअप का इशारा किया और मैं दीदी के पीछे हो लिया

थोड़ी दूर जाकर एक झाड़ी के पास दीदी रुकी और मुझे वहीं ठहरने को कहा और झाड़ी के पीछे जाकर पेशाब करने लगी अब मैं ऐसा मौका कहाँ छोड़ने वाला था मैने चुपचाप झाँक कर देखा तो वहाँ के दिलकश नज़ारे ने मेरे लंड को झटका मारने के लिए मजबूर कर दिया

मूत-ते हुए दीदी की गोरी चिकनी बड़ी गान्ड मेरी आँखो के सामने थी मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर जाकर उसे सहलाने लगा था अब मैं सोच रहा था की मुझे आगे बढ़ना ही होगा क्योंकि दीदी तो कुछ करने वाली है नही वरना आज का इतना हसीन मौका हाथ से निकल जाएगा

खैर दीदी पेशाब करके वापस आ गयी और हम फॉल की तरफ बढ़ने लगे चलते चलते मैने दीदी को अपने से चिपका लिया दीदी ने भी अपना हाथ मेरी कमर मे डाल दिया तो मैने अपना हाथ उसकी गान्ड पर रख दिया

मेरा हाथ अपनी गान्ड पर लगते ही दीदी ने मेरी तरफ घूर कर देखा

“सुबह तुमने ही कहा था की आज मुझे पूरी छूट है” मैं जल्दी से बोला

मेरी बात सुनकर दीदी मुस्कुराइ और फिर सामने देख कर चलने लगी अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैं उसकी गान्ड सहलाने लगा, क्या मस्त एहसास था उसकी मांसल गुदाज गान्ड को सहलाने का”वैसे दीदी क्या मस्त चिकनी और गोरी गान्ड है तुम्हारी”मैं उसकी गान्ड को दबाते हुए बोला

“कैसे गंदे वर्ड बोल रहा है तू, और तूने कब देखी मेरी वो” दीदी मुझे डाँटते हुए बोली

“अब जब हम यहाँ मस्ती करने ही आए है तो बुरा क्यों मानती हो तुम्हारी सभी सहेलिया ही तो ऐसे बोल रही है और अब तुम्हे भी बोलना ही पड़ेगा वरना वो फिर तुम्हे बहनजी कहेगी” मैं दीदी को उकसाते हुए बोला क्योंकि मैं समझ गया था की उसे बहनजी शब्द से चिढ़ है

“हूंम्म….तेरी बात सही है लेकिन तूने बताया नही की तूने मेरी वो कब देखी” दीदी कुछ सोच कर बोली

“वो नही गान्ड बोलो तो आदत पड़ जाएगी वरना बन जाना फिर बहनजी” मैं बोला

“हाँ वो ही…..कब देखी तूने मेरी गान्ड” अब वो खुलते हुए बोली

“ये हुई ना बात….तो सुनो जब तुम मूत रही थी ना तब देखी” मैं उसके मुँह से गंदे शब्द सुनकर मस्त होते हुए बोला

“क्या….ऐसे भी कोई अपनी बहन की वो….ई मीन गान्ड देखता है क्या” वो बोली

“अरे सिर्फ़ देखी ही तो है मारी तो नही” मैं उसे छेड़ते हुए बोला मेरे हाथ अभी भी उसकी गान्ड को मसल रहे थे

“हे राम……अब तू मेरी गान्ड मारने के बारे मे भी सोचने लगा, लगता है मैने ग़लती कर दी इस पिक्निक पर आकर” वो अपना सिर ठोकते हुए बोली

“किसी ना किसी से तो मर्वानी ही पड़ेगी तो अपने भाई से मरवाने मे क्या तकलीफ़ है तुम्हे” कहते हुए मैने अपनी एक उंगली कपड़ो के उपर से ही उसकी गान्ड के छेद मे घुसा दी

“हककक……” दीदी के मुँह से निकला और वो छिटक कर मुझसे दूर हो गई और मुझे आँख दिखाने लगी

लेकिन तब तक हम फॉल पर पहुच चुके थे और वहाँ का नज़ारा बहुत ही सेक्सी था

बहुत से लड़के लड़की अधनंगे होकर फॉल के नीचे मस्ती कर रहे थे और वहीं निशा अपने बाय्फ्रेंड के साथ पूल मे मज़े कर रही थी

जबकि टीना अपने बाय्फ्रेंड के साथ पूरी भीगी हुई किस मे डूबी हुई थी

ये सारे नज़ारे देख कर मेरा लंड फटने को हो रहा था मैने दीदी की तरफ देखा तो वो भी इन्ही नज़ारो मे खोई हुई थी

“क्या इरादा है मस्ती करे या यूँ ही भाई बहन बने खड़े रहे” मैं दीदी का हाथ पकड़ कर बोला

“मस्ती तो मैं भी करना चाहती हूँ लेकिन कहीं मस्ती मे मस्त हो कर हम अपने रिश्ते की दीवारो को ना गिरा दे” दीदी मेरा हाथ दबाते हुए गंभीरता से बोली

“तुम टेन्षन मत लो उपर उपर से करने से कुछ नही होता और मैं वादा करता हूँ की जब तक तुम नही कहोगी मैं तुम्हारे साथ चुदाई नही करूँगा” मैं मस्ती मे बोला

“तू नही सुधरेगा…….चल अब हम भी पूल मे चलते है” वो मुझे चपत लगेट हुए बोली

और उसके बाद हम दोनो ही अपने कपड़े उतार चुके थे मैं सिर्फ़ अंडर वेर मे था जबकि दीदी एक छोटी सी ब्रा और नाम मात्रा की पैंटी जो आगे से सिर्फ़ उसकी चूत को कवर कर रही थी और पीछे से उसकी डोरी गान्ड मे घुसी हुई थी मे खड़े थे

दीदी को इस रूप मे देख कर मेरा लंड पूरी तरह से टन गया था और मेरी अंडर वेर फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था जिसे दीदी देख चुकी थी

“देख तो अपनी बहन को देख कर तेरा लंड कैसा बंबू बन गया है” वो मेरे लंड को निहारती हुई बोली

“क्या….क्या कहा तूने ‘लंड'” मैं हैरत से बोला

“अब जब बहनजी नही बनना है तो बोलना ही पड़ेगा, अब चल” वो शर्मा कर बोली और मेरा हाथ पकड़े कर आगे बढ़ गयी

हम फॉल की नीचे आ गये थे और उपर से गिरते पानी का मज़ा ले रहे थे लेकिन थे दूर ही

“ऊ….बहनजी क्या अकेले खड़ी है तेरी जगह मैं होती तो इतने अच्छे महॉल का मज़ा सोनू के लंड से अपनी चूत को घिस लेती” तभी पास आते हुए टीना बोली

और उसकी बात सुन कर मैने दीदी को अपनी तरफ खींचा और उसे गले से लगा लिया

मेरे ऐसा करते ही दीदी शर्मा गयी और उसने अपनी बाँहे मेरे गले मे डालते हुए मुँह फेर लिया अब मैं उसकी गर्दन को चूमते हुए अपनी गरम सांसो से उसे उत्तेजित करने लगा और वो भी आँहे भरने लगी मेरे हाथ उसके बूब्स को सहलाने लगे थे और वो भी मुझसे ऐसे चिपक रही थी जैसे मुझमे समा जाना चाहती हो

“ओये….मैने सिर्फ़ चिपक ने को कहा था लेकिन तुम लोग तो खुले आम चुदाई की तैयारी करने लगे, ज़रा आस पास भी तो देख लो कितने लोग है यहाँ” टीना जो पास ही खड़ी थी मेरी गान्ड पर हाथ फिराते हुए बोली

और उसकी बात सुनकर जैसे हम दोनो होश मे आए और अलग हो गये

ये देख कर टीना हँसने लगी और फिर हम सभी एक दूसरे पर पानी उछाल कर मज़ा लेने लगे और एक दूसरे छेड़ने लगे इस दौरान दो तीन बार टीना ने छुप कर मेरा लंड पकड़ा जैसे वो अंदाज़ा लगाना चाहती हो की उसके बाय्फ्रेंड के और मेरे लंड मे से कौन सा अच्छा है और फिर हम ऐसे ही मस्ती करते रहे और इस सेक्सी पिक्निक का मज़ा लेने लगे. Chudai Ki Kahani aage padhte rahiye indisexstories.com par

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