Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

“क्यों…क्यों नही हो सकता जब मैं तुझे दिखा सकता हूँ तो तू क्यों नही दिखा सकती, तेरे ही जैसे मैं भी मरा जा रहा हूँ ये सब देखने को” मैं बोला

“वो….तुझे तो शायद कल दीदी के देखने को मिल ही जाएँगे ना” वो बोली

“शायद ही ना, पक्का तो नही है ना” मैं बोला

“लेकिन मुझे बहुत शरम आएगी तेरे सामने ऐसे होने मे” वो बोली

“तो क्या मुझे नही आएगी तुझे अपना वो दिखाने मे” मैं बोला

मेरी बात सुनकर उसने कुछ देर सोचा और बोली “ठीक है लेकिन मैं सिर्फ़ टॉप उतारूँगी ब्रा नही”

उसकी बात सुनकर मैं खुश हो गया जब टॉप उतर गया तो ब्रा भी जल्दी ही उतर जाएगी फिर भी मैने ज़िद की और बोला “ठीक है मंजूर लेकिन तुझे अपना लोवर भी उतार कर सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे होना पड़ेगा”

“लेकिन….” उसने कहना चाहा

“कोई लेकिन वेकीन नही चलेगा, कह दिया बस” मैं अड्ते हुए बोला

“ओके….ठीक है चल अब दिखा” वो बोली

“बहुत होशियार है तू है ना, पहले मेरा देख लेगी और फिर भाग जाएगी और मैं वैसा ही रह जाउन्गा, नो नो पहले तुझे अपनी टॉप और लोवर उतारना होगा ताकि कोई लाफद ना हो मुझे तुझ पर भरोसा नही” मैं बोला

मेरी बात सुनकर वो फिर सोच मे पड़ गई फिर शरमाते हुए उसने अपना टॉप निकाल दिया और फिर जल्द ही लोवर भी उतार दिया जिसमे वो कुछ ऐसी लग रही थी

उसकी छोटी सी ब्रा मे उसके बड़े बड़े बूब्स समा ही नही पा रहे थे और नीचे उसकी पैंटी हाए….क्या

दिलकश नज़ारा था मोना और रूपा तो कहीं से भी उसके सामने बस ज़ीरो ही थी मैं आँखे फाड़ के उसे घूर रहा था

“ऐसे क्या देख रहा है, चल मैने तेरी शर्त पूरी कर दी है अब तू भी अपना वो दिखा” वो उतावली सी बोली

और मैने अपना टवल खोल कर नीचे गिरा दिया

नीचे मैने कुछ नही पहना था तो अब मैं पूरा नंगा ही उसके सामने खड़ा था

मेरा लंड देख कर उसका मुँह खुला का खुला ही रह गया और उसकी आँखे फट गयी थी

“ये तो सच मे उस फोटो वाले से बड़ा और मोटा है” वो मेरे पास आकर अपने मुँह पर हाथ रख कर बोली और बड़े ध्यान से मेरे लंड को देखने लगी जो रह रह कर झटके मार रहा था

“लेकिन ये ऐसे झटके क्यों मार रहा है” वो फिर बोली

“अब जब तेरे जैसी खूबसूरत और सेक्सी लड़की सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे सामने खड़ी होगी तो बेचारा और क्या करेगा, बस तुझे सालामी दे रहा है” मैं बोला मेरी बात सुन कर वो शर्मा गयी

तभी मुझे सीढ़ी पर किसी के आने की आवाज़ आई और मैं टवल लपेट-ता रूम से बाहर निकला तब तक डॉली भी अपने कपड़ो पर झपट पड़ी थी

बाहर काम वाली बाई थी

“भैया जी, वो खाना बन गया है और अब मेरा जाने का टाइम भी हो गया है तो दीदी से बोल दो की वो नीचे आजाए” वो बोली

“ठीक है” मैं बोला तो वो चली गई जबकि मैं मन ही मन उसे गालियाँ बक रहा था

तभी डॉली भी बाहर आ गयी और नीचे की तरफ बढ़ गयी शायद उसने बाई की बाते सुन ली थी

“अगला शो कब दिखा रही है” मैं उसे जाते देख कर बोला

“बस….ये फर्स्ट आंड लास्ट शो था अब आगे कुछ नही” वो मुस्कुराते हुए बोली और सीढ़िया उतरने लगी

‘अभी तो खेल शुरू ही हुआ है बच्चो, आगे आगे देख कितने शो होते है’ मैं मन ही मन बोला और अपने रूम मे चला गया

रात कोई 9.30 बजे तक मैं और डॉली खाना खा चुके थे मम्मी और दीदी अभी तक नही आई थी की तभी पापा का फोन आया की उनकी गाड़ी खराब हो गई है और मैं बाइक लेकर उन्हे लेने आऊँ और ये सुन कर मेरे सारे अरमानो पर पानी फिर गया क्योंकि पापा को लेकर आने मे 12 तो बज ही जाने थे मतलब रात मे दीदी के साथ मस्ती कॅन्सल थी क्योंकि तब तक उसने सो जाना था और मैं बुझे मन से डॉली को बता कर पापा को लाने निकल गया

और सच मे वापस आने मे 12 बज ही गये थे मैं उपर आया और दीदी के रूम के पास गया लेकिन मुझे अंदर से कोई आवाज़ नही आई मैने के होल से झाँक कर देखा तो मेरा लंड फिर ताव मे आ गया दीदी अंदर सोई हुई थी

उसकी मोटी गान्ड देख कर मैं अपने लंड को पैंट के उपर से ही भींचने और दबाने लगा और मन मे सोचा की ‘अगर कल मौका मिला तो इसके बूब्स के पहले इसकी गान्ड को ही बुरी तरह से मसलूंगा’

और यही सोचते हुए अपने रूम के बाथरूम मे आकर अपनी दोनो बहनो के बारे मे सोचते हुए मूठ मारने लगा.

अपडेट 32Chudai

सुबह किसी के दरवाजा ज़ोर से ख़टखटाने से मेरी नींद खुली

“कौन है….” मैं कुन्मूनाते हुए बोला

“अरे कुम्भकरण और कब तक सोया पड़ा रहेगा, सुबह के 6 बज गये है और हमे 8 बजे तक मेरे कॉलेज पहुचना है मैं नहाने जा रही हूँ तू भी जल्दी तैयार हो जा” मुझे दीदी की आवाज़ आई

“ओके….”मैं बोला और मैने घड़ी की तरफ देखा

सुबह के 6 बज गये थे

मैं उठा और बाथरूम की तरफ बढ़ गया दीदी भी शायद जा चुकी थी

कोई आधे घंटे बाद मैं तैयार हो कर अपने रूम से बाहर निकला और दीदी के रूम मे पहुचा और वहाँ के नज़ारे ने एक बार फिर मेरी धड़कने बढ़ा दी

दीदी नहा कर अपने रूम मे आ गयी थी और अभी उनकी गान्ड एक छोटी सी पैंटी मे फसी हुई मेरे सामने थी जोकि मेरे लंड को जगाने के लिए काफ़ी थी

मैं आगे बढ़ा और पीछे से दीदी से चिपक गया और उसकी कमर मे हाथ डाल कर अपने होंठ उसकी गर्दन से लगा दिए मेरे ऐसा करने से वो सिहर उठी और उसके रोंगटे खड़े हो गये

“चल हॅट…..जब देखो तुझे एक ही काम सूझता है,

अब मुझे तैयार होने दे वरना हम लेट हो जाएँगे” वो मुझे पीछे धकेलते हुई बोली

“अरे यार अब परीक्षा का टाइम आ गया है लास्ट बार तो प्रॅक्टीस कर लेने दो” मैं फिर आगे बढ़ते हुए बोला

“मैने मना किया ना, चल अब तू नीचे जा और चाय वाय पी ले मैं भी बस 10 मिनिट मे आती ही हूँ” वो

बोली और मैं अपना मुँह बना कर नीचे आ गया

“हाई हीरो……आज तो मज़े है तेरे” मुझे देखते ही डॉली बोली जो वहीं हॉल मे थी

“तो तू क्यों जल रही है, तू कह के तो देख तेरे भी मज़े करा देता हूँ” मैं बोला

“मुझे नही करने ऐसे मज़े वो तुझे और दीदी को ही मुबारक हो” कहते हुए वो उठी और अंदर किचन मे चली गई चाय लाने
…………………
इधर मैं टीवी देखने लगा थोड़ी ही देर मे दीदी भी नीचे आ गयी जोकि इस वक्त बहुत हॉट लग रही थी जीन्स और टीशर्ट मे

कोई बात नही आज मैं तेरी सारी हॉटनेस निकाल दूँगा मैने मन मे सोचा और डॉली की लाई हुई चाय पीने लगा और दीदी भी चाय पीने लगी

इतने मे कैसे 7 बज गये पता ही नही चला”अरे बाप रे 7 बज गये, चल सोनू खड़ा हो मैं मम्मी को बोल कर आती हूँ की हम जा रहे है” दीदी बोली और अंदर चली गयी

“वैसे सोनू दीदी के साथ तो तू आज बहुत मज़े करेगा लेकिन थोड़ा मज़ा मैं तुझे अभी करवा सकती हूँ” दीदी के जाते ही डॉली बोली

“वो कैसे” मैने पूछा

वो मेरी बात का जवाब दिए बिना ही थोड़ी दूर खिड़की के पास जाकर बैठ गयी और उसने झट से अपना टॉप उपर उठाया और अंदर उसने ब्रा नही पहनी थी जिससे पल भर के लिए उसके बड़े बूब्स मेरी नज़रो के सामने आ गये फिर उसने अपने दोनो हाथो से अपने बड़े बड़े बूब्स दबा दिए

उसकी ये हरकत देख कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया मैने उससे ये उम्मीद नही की थी मेरी ऐसी हालत देख कर उसने मुझे आँख मार दी

अभी मैं ये नज़ारा ढंग से देख भी नही पाया था की दीदी के आने की आहट हुई और डॉली ने वापस अपना टॉप नीचे खींच लिया और मुस्कुराने लगी मुझे ऐसा लगा जैसे की मेरा सारा माल किसी लूट लिया हो

“अरे अभी तक तू यहीं खड़ा है, बाइक नही निकाली अभी” दीदी मेरे पास आते हुए गुस्से से बोली

“वो..वो…अभी निकालता हूँ दी” मैं बोला और लपकते हुए बाहर निकला

मैने बाइक बाहर निकाली और दीदी झट से मेरे पीछे दोनो तरफ पैर डाल कर बैठ गयी और मैने बाइक आगे बढ़ा दी

“अब ज़रा तेज चल मैं लेट होना नही चाहती” गाओं से बाहर निकलते ही दीदी मुझसे चिपक कर बैठते हुए बोली

“तेज तो चलाता हूँ लेकिन फिर मत बोलना की…..” मैने कहना चाहा

“नही बोलूँगी कुछ, आज तुझे पूरी छूट है आज तू जो चाहे वो कर सकता है और यकीन नही आता तो ये देख” मेरी बात काट कर दीदी बोली और अपने एक हाथ से पैंट के उपर से मेरा लंड पकड़ लिया

मैं मस्त हो गया था मानो मेरी हर मुराद पूरी हो गई थी मैने अब दीदी के बूब्स जोकि मेरी पीठ मे गढ़े जारहे थे और उसके हाथ जो की मेरे लंड की मालिश कर रहा था के मज़े लेते हुए बाइक की स्पीड बढ़ा दी और हम कोई 40 मिनिट बाद दीदी के कॉलेज मे थे Chudai

हम बाइक खड़ी कर के दीदी की चारो सहेलियो के पास आए उनमे से सब एक से बढ़ कर एक थी

“हाई निशा तो आ गई तुम” तभी एक लड़की बोली

“हाँ यार, लेट तो नही हुई ना” दीदी बोली
“नही नही अभी तो 5 जोड़े और आने वाले है और अभी हम सभी के बाय्फ्रेंड भी नही आए है” वोही लड़की बोली

“लेकिन यार अभी तक तूने अपने बाय्फ्रेंड का इंट्रो नही करवाया हमसे” दूसरी लड़की बोली

“लेकिन अभी ये साबित कहाँ हुआ है की ये इसका बाय्फ्रेंड ही है” तभी निशा (ग्रूप लीडर) पास आते हुए बोली जो इस वक्त बहुत हॉट ड्रेस पहने हुए एकदम पटाखा लग रही थी

“तो क्या सच मे तू इनका टेस्ट लेगी” पहली वाली लड़की बोली

“वो तो मैं लूँगी लेकिन यहाँ नही पिक्निक स्पॉट पर पहुच कर, वैसे सोनू मेरा नाम निशा है” कहते हुए उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया

क्या मस्त एहसास था उसके हाथ का मेरा मन ही नही हो रहा था उसे छोड़ने का

“और मैं टीना” दूसरी वाली बोली

और फिर सभी लड़कियो ने मुझे अपने अपने नाम बताए और मेरा नाम तो वो सभी जानती ही थी लेकिन यहाँ मैं सिर्फ़ निशा और टीना का ही नाम बता रहा हूँ क्योंकि आगे उनसे मेरा बहुत कुछ होने वाला था

फिर लगभग 15 मिनिट मे सभी लोग आ गये और हम 10 जोड़े अपनी अपनी बाइक से रंगीन पिक्निक के लिए निकल पड़े.

Padoson ki Chudai Ki Kahani मास्टरप्लान – (Padosan ki Chudai)

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