Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

अपडेट 31Chudai

मैं घर वापस पहुचा तो मेरे लिए दरवाजा काम वाली बाई ने खोला मैने पूछा की सब कहाँ है तो मालूम पड़ा की मम्मी और निशा दीदी किसी के घर गये है किसी प्रोग्राम मे जबकि डॉली अभी अपने रूम मे थी मैने चैन की सांस ली की अब मुझे इतनी देर गायब रहने का कोई जवाब नही देना पड़ेगा

मैं अपने रूम मे आकर आज की धुआँधार चुदाई के बारे मे सोचने लगा की आज किस तरह रूपा ने अपनी गान्ड उचका उचका कर मुझसे चुदवाया था और मोना भी पीछे नही रही थी लेकिन जब मैने दोनो की तुलना की तो मुझे यही लगा की रूपा के साथ ही ज़्यादा मज़ा आया क्योंकि वो शादी शुदा थी और उसे पूरा अनुभव हो चुका था इन सब चीज़ो का और जिस तरह उसने मेरा लंड चूसा था उस मामले मे तो वो लगभग एक्सपर्ट ही थी और यही सोचते सोचते थकान और आलस की वजह से कब मुझे नींद आ गयी मुझे पता ही नही चला

शाम को कोई 7 बजे के आस पास किसी के हिलाने से मेरी नींद खुली देखा तो डॉली सामने खड़ी थी

“कितना सोता है तू कब से उठा रही हूँ तुझे, और आज दिन भर कहाँ गायब था” मेरे आँखे खोलते ही डॉली बोली

मैने डॉली का हाथ पकड़ कर बेड पर बैठा लिया और बोला “दिन भर कहाँ यार 3 बजे तो वापस आ गया था मैं जब तू सो रही थी”

“लेकिन इतनी देर भी कहाँ रहा” उसने पूछा

“अरे मैं घूमते हुए मोना के घर की तरफ चला गया था वहाँ उसने मुझे देख लिया और घर मे बुला लिया फिर वहाँ टाइम कैसे कट गया पता ही नही चला” मैं बोला

“आज कल बहुत बन रही है मोना से वैसे इतनी देर तक तू उसके साथ वहाँ क्या कर रहा था” उसने फिर पूछा

“बाते कर रहा था और क्या, वहाँ उसके साथ उसकी कोई मुँह बोली रूपा भाभी भी थी इसलिए बतो मे वक्त कब कट गया पता ही नही चला, वैसे तू क्या समझ रही थी” मैने सफाई दी और बेड से उतर गया लेकिन मैं नही जानता था की इस वक्त मेरा लंड खड़ा है और मेरे लोवर मे बड़ा भारी टेंट बना हुआ है

“का….कुछ नही” डॉली मेरे खड़े हुए लंड को देखते हुए बोली

जब मैने उसकी निगाहो का पिच्छा किया तो समझ गया की वो कहाँ देख रही है तो जानबूझ कर मैने लंड को अपने हाथ से सेट किया और बोला “मम्मी और दीदी वापस आ गये क्या?”

लेकिन इस वक्त वो सुध बुध खोए मेरे लंड की तरफ ही देख रही थी और शायद उसने मेरी आवाज़ नही सुनी थी तो मैं भी कुछ टाइम वैसे ही खड़ा रहा और फिर थोड़ा ज़ोर से बोला “अरे बता ना”

“हुम्म….का…क्या” वो इस दुनिया मे वापस आते हुए बोली

“ये हो क्या गया है तुझे, सुबह भी तेरी नज़रे वहीं गढ़ी हुई थी और अभी भी तेरा ध्यान वहीं था” मैं बोला

“वो….वो….” वो शरम से नज़रे झुकाते हुए बोली उसके गाल लाल पड़ गये थे

“चल ठीक उसके बारे मे बाद मे बात करते है पहले तू ये बता की मम्मी और दीदी वापस आ गये है क्या” मैं बोला

“नही, वो लोग रात का खाना खा कर ही वापस आएँगे और पापा का भी फोन आया था की उन्हे भी लौटने मे टाइम लग जाएगा” डॉली बोली

“तो ठीक है तू मेरे लिए चाय ला जब तक मैं फ्रेश हो जाता हूँ” कहते हुए मैं बाथरूम की तरफ बढ़ गया

“वो तो मैने बाई को पहले ही बोल दिया था वो आती ही होगी चाय लेकर” उसने जवाब दिया

“ओके…तो फिर मैं आता हूँ फ्रेश होकर” मैं बोला

“अरे पहले मुझे अपना मोबाइल तो बता दे कहाँ रखा है” वो बोली

“क्यों तुझे उसमे क्या करना है” मैने पूछा

“वही…….” वो मुझे आँख मारते हुए बोली और

उसने मुस्कुराते हुए अपना निचला होंठ अपने दाँतों से दबा लिया”तू नही मानेगी, अब वापस आकर तुझसे बात करनी ही पड़ेगी, मोबाइल मेरी शर्ट के जेब मे है निकाल ले” मैं बोला और बाथरूम मे घुस गया

कोई 10 मिनिट बाद मैं नहा धोकर बाहर निकला तो मैने सिर्फ़ टवल लपेटा हुआ था और कोई कपड़ा मेरे बदन पर नही था क्योंकि मैं बाथरूम मे गया तो सिर्फ़ हाथ मुँह धोने था इसलिए मैं चड्डी बनियान लेकर नही गया था लेकिन वहाँ जाकर मेरी नहाने की इच्छा हो गई थी इसलिए अभी मैं सिर्फ़ टवल लपेटे हुए था

मैने डॉली की तरफ देखा तो वो अभी भी मोबाइल मे लगी हुई थी, उसका चेहरा उत्तेजना से सुर्ख लाल पड़ गया था और साँसे भी तेज चल रही थी जिससे उसके बूब्स उपर नीचे हो रहे थे उसे ऐसे देख मेरे लंड ने फिर करवट लेनी शुरू कर दी थी

“क्या देख रही है तू” कहते हुए मैं उसके साइड मे आ गया और मोबाइल मे देखने लगा जहाँ वो पिक्स को
ज़ूम करके लड़को के लंड देख रही थी

मुझे आया देख वो शर्मा गई और मोबाइल को बंद करने लगी तो मैं वहाँ से हट-ते हुए बोला “देख ले देख ले आराम से देख ले मैं कुछ नही कहूँगा, वैसे चाय नही आई अभी तक” मैने पूछा

“वो मैं अब बाई को बोलती हूँ वो जब चाय लेकर आई थी तब तू बाथरूम मे था इसलिए मैने वापस भेज दिया था” इतना बोल कर वो उठी और बाई को बुलाने चली गई

मैं भी तब तक तेल और देव लगाने लगा मैं अब सोच चुका था की मुझे क्या करना है इसलिए मैने चड्डी बनियान अभी तक नही पहने थे

अब डॉली वापस रूम मे आ गयी थी और फिर मोबाइल मे लग गई थी अब उसकी शरम बहुत हद तक ख़तम हो गई थी और वो मुझसे खुलने लगी थी तभी बाई चाय और पानी रख कर चली गई

“सोनू एक बात पुछु……..बुरा तो नही मानेगा” तभी डॉली बोली

“मैं सुबह ही तुझसे कह चुका हूँ की ‘इस बारे’ मे तू जो चाहेगी मैं तेरी वो मदद करूँगा, पूछ क्या पूछना है” मैं बोला

“वो…वो….क्या सभी लड़को का ‘वो’ ऐसा ही बड़ा सा होता है” उसने शरमाते हुए पूछा

“कैसा….ला बता ज़रा, बगैर देखे मैं कैसे बता पाउन्गा” मैं उसके पास बैठते हुए बोला

उसने नज़रे झुकाए हुए मोबाइल मेरे सामने कर दिया जिसमे एक लड़के का लंड दिखाई पड़ रहा था जो मेरे लंड से छोटा ही था

“अरे ये तो नॉर्मल है जबकि कई लड़को के तो इससे ज़्यादा बड़े और मोटे होते है” मैं मोबाइल उसे वापस करते हुए बोला “वैसे तूने आज तक किसी का लू…. सॉरी वो रियल मे नही देखा है क्या”

मेरी बात सुनकर उसके गाल लाल हो गये थे और उसके साथ ऐसी बाते करने से मेरा लंड भी अब पूरा खड़ा हो गया था

“म…म…..मैं…..मुझे किसका देखने को मिलता है

जो मैं देखती” वो नज़रे झुकाए देखती

“कोई बाय्फ्रेंड व्फ……..” मैं बोला

“चल हट….मैं वैसी लड़की नही हूँ, भले ही मुझे ये सब देखने मे बहुत मज़ा आता है लेकिन मैने आज तक किसी लड़के की तरफ नज़र उठा कर भी नही देखा है” वो बोली

“ओह्ह्ह्ह.सेम यही स्टोरी मेरी भी है मुझे भी लड़कियो के प्राइवेट पार्ट्स देखने की बहुत इच्छा है लेकिन आज तक मुझे भी देखने को नही मिले कभी” मैं मुँह उतार कर बोला

फिर मेरी बात सुनकर वो कुछ सोचने लगी और हमारे बीच चुप्पी च्छा गयी

“वैसे सोनू तू इसमे मेरी हेल्प कर सकता है” कोई 2 मिनिट बाद वो बोली

“वो कैसे…..” मैने पूछा जबकि मैं समझ गया था की वो अब क्या कहने वाली है और मेरा लंड टवल के अंदर झटके मारने लगा

“तू मुझे अपना वो दिखा सकता है” वो बोली

“क्या……अब तेरी भाई बहन वाली बाते कहाँ गई” मैं बोला

“वो मैने कल नेट पर भाई बहन वाली स्टोरी पढ़ी थी जिसमे वो लोग सब कुछ कर लेते है तो मुझे लगा की तू सही है और जो तू दीदी के साथ पिक्निक मे करने जा रहा है उससे तो ये कम ही है, और मुझे तो तुझे बस दिखना ही है” वो शरमाते हुए बोली

“हूंम्म्म…तो ये बात है, लेकिन तुझे अपना वो दिखाने के बदले मुझे क्या मिलेगा” मैं बोला

“तुझे क्या चाहिए” उसने पूछा

“बदले मे तुझे भी अपने ये दिखाने होंगे” मैं उसके बूब्स की तरफ इशारा करते हुए बोला

“ये…ये…कैसे हो सकता है” वो हड़ बड़ाते हुए बोली

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