Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

अपडेट 29 – Chudai

हम तीनो मैन गेट लॉक कर मे मोना के बेडरूम मे आ गये थे वहाँ पहुचते ही मोना झट से मुझे चिपक गई और मेरे होंठो से अपने होंठ जोड़ लिए और मेरा लंड पैंट के उपर से पकड़ कर सहलाने लगी उसकी इस हरकत से मेरा लंड भी अब टाइट होने लगा और मैं एक हाथ उसके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा और एक हाथ उसकी गान्ड पर फेरने लगा उधर रूपा बड़े ध्यान से हमे देख रही थी

“बड़े बेसबरे हो यार तुम दोनो, आते ही शुरू हो गये और मुझे भूल ही गये” रूपा बोली

“सॉरी यार, लेकिन मेरी चूत मे आग लगी है अगर तुम नही आती तो शायद अभी तक मैं एक बार चुद भी जाती” मोना मेरे होंठ छोड़ती हुई बोली लेकिन उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर ही था.Chudai

“लेकिन जल्दी मे मज़ा नही है थोड़ा आराम से करो ना” रूपा बोली

“ना भाई ना, मुझे तो बहुत जल्दी है तुम दोनो करना आराम से, चल सोनू निकाल अपना लंड और ठूँस दे मेरी चूत मे और इसकी गर्मी निकाल दे” मोना अपने कपड़े निकालते हुए बोली

“लेकिन रूपा सही कह रही है हमे थोड़ा….” मैने कहना चाहा लेकिन मोना ने मेरी बात काट दी और बोली “मैने कहा ना पहले एक बार मेरा पानी निकाल दे फिर अगली बार हम आराम से ही करेंगे”

अब तक मोना पूरी नंगी हो गई थी जबकि मैं भी सिर्फ़ चड्डी पर ही था लेकिन अभी तक रूपा अपने पूरे कपड़ो मे थी

“अरे अब चड्डी भी उतार ना” मोना बेड पर अपनी टाँगे फैला कर लेट-ते हुए बोली

“यार हम दोनो तो नंगे हो जाएँगे लेकिन ये अभी तक वैसे ही है पहले इसे भी तो नंगी करो” मैं रूपा की तरफ देखते हुए बोला

“चल रूपा रानी अब तू भी अपने कपड़े उतार ही दे” अपनी चूत मे उंगली करते हुए मोना बोली मैने देखा इसकी चूत अब पानी बहाने लगी थी

“तुम ही आकर उतार दो ना” रूपा अपना निचला होंठ दबाते हुए मुझे देख कर बोली

इसकी बात सुनकर मैं आगे बढ़ा ही था की मोना चिल्लाई “ओये इतने नखरे क्यों कर रही है उसमे तो बहुत टाइम लगेगा और इधर मेरी चूत मे आग लगी हुई है, सोनू प्लीज़ उसे बाद मे नंगी कर लेना पहले एक बार मुझे ठंडा कर दे यार”

मोना की बात सुनकर मैं मुस्कुरा दिया और रूपा से बोला “ओके रूपा रानी पहले मैं इस चुदासी की आग बुझा दूँ फिर हम आराम से खेलेंगे तब तक तुम अपनी सारी तो उतार ही लो”

मेरी बात सुनकर रूपा ने हाँ मे गर्दन हिलाई और अपनी सारी उतारने लगी और तब तक मैं बेड पर मोना की दोनो टाँगो के बीच मे अपनी पोज़िशन ले चुका था जहाँ मोना अपने दोनो हाथो की उंगलियो से अपनी चूत की दीवारो को फैला कर उसका मुँह खोले लेटी हुई इंतज़ार कर रही थी की कब मेरा लंड इसकी चूत मे घुसे

मैने अपना लंड पकड़ा और उसकी चूत की दरार मे उपर नीचे करने लगा जिससे मोना की सिसकियाँ निकलने लगी और वो अपनी कमर आगे को धकेलने लगी की लंड अंदर चला जाए लेकिन मैं अभी उसे और तरसाने के मूड मे था तो मैं वैसे ही लंड को उपर नीचे करता रहा

“क्यों सता रहा है साले, डाल देना अब” मोना तड़पति हुई बोली और मैने गच्छ से अपना पूरा लंड एक ही बार मे जड़ तक उसकी चूत मे ठूँस दिया

“ओह्ह्ह्ह्ह्ह माँ……अबे कुत्ते क्या किया ये……इतना बड़ा मूसल एक बार मे ही पेल दिया….” मोना चिल्लाई दर्द के मारे उसकी आँखो मे आँसू आ गये थे

“साली कुतिया तू ही तो मारे जा रही थी अंदर लेने को ले अब झेल” मैं भी उसकी तरह गाली बजाते हुए बोला और
एक बार फिर लंड पूरा बाहर निकाल कर घुसेड दिया”कुत्ता नही तू गधा है….इतना मोटा लंड गधे काही होता है…..अफ……हाए…..और ज़ोर से चोद मेरे गधे और ज़ोर से…..” मोना मस्ती मे बोली

“ठीक है मेरी गधि आज मैं तेरी चूत का भुर्ता ही बना देता हूँ” मैं बोला और ज़ोर ज़ोर से मोना को चोदने लगा वो भी कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी “सॉरी यार, लेकिन मेरी चूत मे आग लगी है अगर तुम नही आती तो शायद अभी तक मैं एक बार चुद भी जाती” मोना मेरे होंठ छोड़ती हुई बोली लेकिन उसका हाथ अभी भी मेरे लंड पर ही था.Chudai

मोना तो पहले से ही गरम और उतावली थी चुदाई के लिए इसलिए थोड़ी ही देर मे उसका पानी निकलने लगा और वो मुझे बाहों मे भर कर झड़ने लगी जबकि इस धुआधार चुदाई और मोना की गरम टाइट चूत की वजह से मेरे लंड ने भी उसकी चूत को पानी से भर दिया और उधर रूपा भी हमारी चुदाई देख कर गरम हो गई थी और चूत सहला रही थी

मैं कोई 30 सेकेंड्स तक मोना के उपर ढेर हुआ पड़ा था की मैने अपनी गान्ड की दरार पर किसी की उंगली महसूस की मैने पलट कर देखा तो वो रूपा थी जो मुझे उठने का इशारा कर रही थी मैं भी मोना की चूत से लंड निकालते हुए उठ खड़ा हुआ मेरे इस तरह से उठने से मोना ने आँख खोली फिर रूपा को देख कर उसने अपनी आँखे वापस बंद कर ली

मैं बेड से उतर कर रूपा के पास आ गया जो इस वक्त पेटिकोट और ब्लाउस मे खड़ी हुई थी उसके ब्लाउस मे उसके दूध कड़क हो कर अपने निप्पेल तन कर बाहर आने को मचल रहे थे जबकि उसका चेहरा इस वक्त वासना के नशे मे लाल होकर तमक सा रहा था

जैसे ही मैं उसके पास पहुँचा उसकी नज़र मेरे लंड पर गई जोकि अभी अभी झड़ने के कारण सिकुडा हुआ था और अभी उस पर मोना और मेरा दोनो का मिला जुला पानी लिपटा पड़ा था अब रूपा ने मेरे मुरझाए हुए लंड को पकड़ा और उसे खिचते हुए एक तरफ जाने लगी मैं उससे पूछना चाहता था की वो किधर जा रही है लेकिन मैं चुप रहा और उसके पीछे पीछे चलने लगा

मैं इसके पहले कभी मोना के घर नही आया था इसलिए मुझे नही पता था की मोना के रूम मे बाथरूम भी है रूपा मुझे सीधे वहाँ ले गयी और फिर अच्छे से साबुन लगा कर मेरे लंड को धोने लगी उसके इस तरह करने से मेरा लंड एक बार फिर खड़ा हो गया अब रूपा ने मेरे सुपाडे के उपर की चमडी को अलग किया और सुपाडे को अच्छे से धोया

मेरी समझ मे जब नही आया तो मैने पूछ ही लिया “तुम इसे इस तरह अच्छे से सॉफ क्यों कर रही हो”

“क्योंकि मैं नही चाहती की उस बंजारन की चूत का पानी मेरे मुँह मे या मेरी चूत मे जाए” वो मेरे लंड को धोती हुई बोली

“क्या…तुम इसे मुँह मे लेने वाली हो?” मैने पूछा

“ऐसे क्यों पूछ रहे हो, आज तक किसी ने तुम्हारा ये मूसल मुँह मे नही लिया क्या” उसने पूछा

“यार अभी तक दो को ही तो चोदा है उस बंजारन के साथ तो उतना टाइम नही था और मोना को मैने बोला नही, वैसे मन तो मेरा भी बहुत करता है लंड चुसवाने का” मैं बोला

“तो चलो आज मैं तुम्हारी ये इच्छा भी पूरी कर दूँगी क्योंकि मुझे लंड चूसने का बहुत शौक है और आज तक इतना मोटा और लूंबा लंड कभी भी मेरे मुँह मे नही गया है” वो बोली

“वैसे कितने लंड लिए है तुमने अभी तक” मैने पूछा

“ज़्यादा नही लेकिन 5 – 6 तो ले ही चुकी हूँ” उसने बताया

“लेकिन अभी तो तुम बहुत डर रही थी की पति को मालूम पड़ गया तो क्या होगा फिर ये लंड कैसे ले लिए” मैं बोला

“अरे यार अब मैं इतनी भी सीधी नही हूँ, कुछ तो मेरे गाओं के मेरे पुराने आशिको के लिए है गाओं मे और दो तो यहाँ से गाओं जाते वक्त ट्रेन मे लिए है अजनबियो के लेकिन उनसे चुदवाया नही है” उसने बताया

“वाउ…अजनाबियो के भी” मैं बोला

“अब उस वक्त हालात ही ऐसे बन गये की मुझे वो करना पड़ा था” वो बोली

“हूंम्म…” मेरे मुँह से निकला

अब तक रूपा मेरे लंड को धोकर टवल से पोंछ चुकी थी और हम रूम मे वापस आ गये जहाँ मोना भी बेड पर बैठ गयी थी

“अरे, अभी तक इसके कपड़े नही उतारे तूने” मोना मुझसे बोली

“नही, अभी तो ये मेरे लंड को सॉफ कर रही थी अपने मुँह मे लेने के लिए” मैं रूपा की तरफ देखते हुए बोला

“छी…..क्या सच मे तू इसका लंड अपने मुँह मे लेगी” मोना ने बुरा सा मुँह बनाते हुए रूपा से पूछा

“तो क्या हुआ….तूने फ़िल्मो मे नही देखा क्या” रूपा ने उससे पूछा

“लेकिन फिल्म वाली लड़कियो को तो पैसे मिलते है ना इसके लिए और ये कितनी गंदी जगह होती है जहाँ से ये लोग सू..सू करते है बाप रे बाप मैं तो कभी ऐसा नही करने वाली” मोना झुरजुरी सी लेते हुए बोली

“सब का अपना अपना ख्याल होता है लेकिन मुझे इसमे मज़ा आता है तो मैं करती हूँ” रूपा बोली और उसने मेरा लंड पकड़ लिया जो की मेरे पेट से चिपके हुए झटके मार रहा था

“अभी रूको पहले अपने कपड़े तो उतार लो” मैं बोला

“अभी नही, पहले मैं तुम्हारा लंड चूस कर उसका पानी पीना चाहती हूँ उसके बाद बाकी सब काम करेंगे” कहते हुए रूपा घुटनों के बल नीचे बैठ गई

कुछ देर तक उसने मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ कर गौर से देखा और फिर सो मेरे सुपाडे को जहाँ छेद होता है वहाँ अपनी जीभ से चाटने लगी और उसकी गरम जीभ के स्पर्श से मानो मैं जन्नत मे था थोड़ी देर तक उसने ऐसा करने के बाद मेरे सुपाडे को अपने होंठो के बीच दबा लिया और अपनी जीभ उसके छेद पर घुमाने लगी उसके मुँह की गर्मी होंठो के दबाव से मुझे ऐसा लग रहा था की जैसे मेरा मुँह किसी चूत मे हो और चूत के अंदर से कोई इल्ली मेरे लंड पर चल रही हो और उधर उसकी उंगलिया मेरे अंडकोष पर चल रही थी की अचानक ही उसने मेरा लंड अपने मुँह मे भर लिया और मेरी तरफ देखा लेकिन इधर मेरी आँखे तो मज़े से बंद हो गई थी और मेरे दोनो हाथ मेरे कुल्हो पर थे और मेरा बदन धनुष जैसा अकड़ गया था जबकि उधर मोना मुँह फाडे ये सब देख रही थी

कुछ ही देर मे रूपा अपना मुँह आगे पीछे करते हुए मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और फिर तो उसने हद ही कर दी जब उसने अपनी जीभ से मेरे टट्टो को चाटना शुरू करके अपने हाथ से मेरे लंड की मूठ मारने लगी मुझे ऐसा लगने लगा की मैं अब बस झड़ने ही वाला हूँ लेकिन अब फिर उसने मेरे लंड को मुँह मे भरा और फिर चूसना शुरू कर दिया बॅस….अब मेरी सहन शक्ति ने जवाब दे दिया और मैने उसके बाल पकड़ लिए और ज़ोर ज़ोर से उसके मुँह को चोदने लगा मेरा लंड उसके गले पर कहीं चोट मारने लगा जिसकी वजह से उसे सांस लेने मे भी तकलीफ़ होने लगी और वो मेरे लंड को अपने मुँह से निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरी पकड़ ज़्यादा मजबूत थी और मैं उसके मुँह मे धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था सांस ना ले पाने की वजह से उसका चेहरा लाल सुर्ख हो चुका था उपर से उसे ख़ासी भी आ रही थी की तभी मैने आख़िरी धक्का लगाया और मेरा लंड उसके गले मे धार पर धार छोड़ने लगा झड़ने के कारण मेरी पकड़ ज़रा सी ढीली हुई तो उसने मेरे लंड को मुँह से निकालना चाहा लेकिन तब तक उसका पूरा मुँह मेरे पानी से भर गया था

अब मेरा लंड उसके मुँह से बाहर आ गया था और मेरे पैर थर थर कांप रहे थे जबकि रूपा उकड़ू हो कर हांप और खांस कर अपनी साँसे काबू मे कर रही थी मेरा बहुत सा पानी वो निगल चुकी थी जबकि बहुत सा खसने के कारण उसके मुँह से बाहर गिर रहा था और उधर ये सब नज़ारा देख कर मोना की आँखे फटी रह गयी थी

“जा…जानवर…” तभी मुझे रूपा की आवाज़ सुनाई दी जो हान्फते हुए मुझे देख रही थी..

Chudai Ki Kahani aise hi aage padhte rahiye indisexstories.com par

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