Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

अपडेट 28 – Chudai

दोपहर के खाने के बाद मुझे लगभग कोई 12.15 बजे मुझे मोना का फोन आया कि पापा मम्मी जा चुके है और मैदान सॉफ है मैने भी मम्मी से कहा कि मैं ज़रा बाहर घूम कर आता हूँ और पैदल ही मोना के घर की तरफ चल दिया जो मेरे घर से कोई 5 मिनिट की दूरी पर था

चलते चलते मैं आजू बाजू भी देख रहा था मेरा गाओं पूरी तरह बदल चुका था पुराने झोपड़ो की जगह अब नये पक्के मकानो ने लेली थी और जो पहले से ही पक्के थे अब वो दोमंजिला हो गये थे खैर मैं मोना के घर पहुचा जैसे वो मेरे ही इंतज़ार मे थी और बेल बजाते ही उसने दरवाजा खोल दिया इस वक्त वो एक ब्लू टॉप मे थी जिसमे एक ही बाँह थी और उसने एक वाइट स्कर्ट पहनी हुई थी इस ड्रेस मे वो एकदम गुड़िया जैसी मासूम लग रही थी.Chudai

“आ गया तू, चल जल्दी से अंदर आजा अब” मुझे आया देख वो बोली उसने मेरे अंदर जाने के लिए रास्ता दे दिया मैं भी अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया तब तक मोना भी दरवाजा बंद करके मेरे पास आ गयी और कुर्सी पर बैठते हुए बोली “खाना खाया की नही”

“कैसी बात करती है जब मैं यहाँ मेहनत करने आया हूँ तो क्या भूखा आउन्गा” मैं बोला

“चल अच्छा हुआ जो तूने खाना खा लिया क्योंकि मैं भी खाना खा चुकी हूँ” वो बोली

तभी दरवाजे की घंटी बजी और हम दोनो ने ही एक दूसरे की तरफ देखा जैसे ये पूछ रहे हो कि कॉन आया हो सकता है इस वक्त लेकिन जवाब हम दोनो के पास नही था तो मोना अपने कंधे उचकाते हुए उठी और दरवाजा खोल दिया और दरवाजा खुलते ही मैने जो नज़ारा देखा तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया और मैं उठ कर खड़ा हो गया

दरवाजे पर एक बला की खूबसूरत लड़की खड़ी हुई थी जिसने इस वक्त साड़ी पहनी हुई थी उसका रंग एकदम सिंदूर की लाली लिए हुआ गोरा सा था और वो बहुत ही खूबसूरत थी उसके खूबसूरत चेहरे के नीचे लगभग 36 साइज़ के बूब्स थे जिसके नीचे चिकना सपाट पेट जिसमे उसकी गहरी नाभि सॉफ दिखाई दे रही थी उसकी कमर कोई28 की रही होगी जबकि उसके सुडौल नितंब जोकि बाहर को निकले हुए थे का साइज़ कोई 38 का होगा.Chudai

मैं उसकी खूबसूरती मे दूँब कर पालक झपकाए बिना ही उसे देखने लगा और मुझे पता ही नही चला की वो दोनो कब मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी

“ओये….कहाँ खो गया, जाग रहा है या सो गया”

मोना मेरे मुँह के सामने चुटकी बजाते हुए बोली “उम्म्म….” मैं जैसे नींद से जागा और मेरे मुँह से इतना ही निकला

मेरी हालत देख कर वो दोनो हँसने लगी और मैने झेप्ते हुए गर्दन झुका ली

“चल यार अब शर्मिंदा मत हो तू पहला लड़का नही है जिसकी ये हालत हुई है पता नही क्या बात है कि जो भी लड़का इसे देखता है उसकी यही हालत होती है, पता नही क्या जादू है इसके पास जो मुझ जैसी जवान लड़की साथ होते हुए भी हर कोई इस शादी शुदा को ही घूरते रहता है” मोना बोली

“अरे चल, शादी शुदा हुई तो क्या हुआ तुझसे एक साल ही तो बड़ी हूँ और वैसे भी शादी शुदा हूँ तब ये हाल है अगर मैं भी तेरे जैसे कपड़े पहनने लगू ना तो शायद मेरे साथ होने पर कोई लड़का तुझे देखे भी नही” वो सारी वाली लड़की बोली और मुझे ये बात बिल्कुल सही लगी मोना उसके सामने कहीं भी नही ठहरती थी”जा…जा….रहने दे अपनी ही बढ़ाई अपने मुँह से किए जा रही है, वैसे इनसे मिलो सोनू ये मेरी बेस्ट फ्रेंड रूपा है वैसे तो ये मेरी दोस्त है लेकिन मैं इसे भाभी कहती हूँ क्योंकि इनकी शादी से पहले मैं इसके पति को भैया कहती थी वो हमारे ही साइड वाले कमरे मे किराए से रहते है और अपने ही गाओं के हॉस्पिटल मे काम करते है, और भाभी ये सोनू है निशा का भाई जिसके बारे मे मैने तुम्हे बताया था” मोना बोली

” ओह्ह्ह्ह……तो ये है वो सोनू जिसने तेरी…..” अभी रूपा आगे कुछ कह पति इसके पहले ही मोना ने उसकी बात काट दी और बोली “बस – बस, आगे कुछ बोलने की ज़रूरत नही है, तुम दोनो बैठ कर बाते करो मैं अभी ठंडा लेकर आती हूँ गर्मी बहुत है ना”

मोना बोली और ठंडा लाने अंदर चली गई और सचमुच अबी मुझे गला तर करने की बहुत ज़रूरत थी क्यों की वो रूपा के जलवे देख कर ही सुख गया था

“हेलो…तो तुम हो निशा के भाई सोनू” रूपा ने अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ा दिया

“और आप रूपा भाभी” मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया

क्या मस्त नरम हाथ था यार उसका की उसके हाथ को टच करते ही मुझे लगा जैसे मैने किसी रयी के गोले को छू लिया हो और उसके हाथो की गर्मी से मेरा लंड खड़ा होने लगा

“अरे भाभी वाभी छोड़ो वो तो मैं मोना की हूँ तुम मुझे सिर्फ़ रूपा बुलाओ” वो बोली

“ओके, हाई रूपा” मैं बोला और मैने उसका हाथ धीरे से दबा दिया

“बैठो, खड़े क्यों हो” उसने अपना हाथ वापस खिच लिया और सोफे पर बैठते हुए बोली तो मैं भी बैठ गया

“वैसे एक बात तो है की तुम हो बड़े हॅंडसम और चेहरे से भी बहुत सीधे सादे और भोले भले लगते हो लेकिन मुझे यकीन नही आरहा की अभी यहाँ आए तुम्हे 2 या 3 दिन ही हो रहे है और तुमने उस बंजारन लड़की के साथ साथ मोना को भी निपटा दिया” वो बोली

उसकी बात सुनकर मुझे जैसे करेंट लगा और मैं उछल कर खड़ा हो गया मैं समझ नही पा रहा था की ये सब इसे कैसे पता चला

“क्याअ….” मेरे मुँह से सिर्फ़ इतना ही निकला

“ज़्यादा चौंको मत, चुपचाप बैठ जाओ मैं सब बताती हूँ” मेरी हालत देख कर वो बोली

“ये…ये…तुम क्या अन्ट शन्ट बक रही हो, मेरी कुछ समझ नही आरहा है” मैं बोला क्योंकि मैं जानता था की ये सब सिर्फ़ मैं और मोना ही जानते है मैने इसे बताया नही और मोना खुद अपनी चुदाई की बात इसे क्यों बताएगी.Chudai

“ज़्यादा बनो मत, अभी मोना ने तुम्हे बताया था ना की हम दोनो पक्के वाली सहेलिया है तो सुनो मोना और मैं हम दोनो एक दूसरे से अपनी कोई बात नही छुपाते हम दोनो का हर राज हम दोनो को पता है जिस रात तुमने मोना को कली से फूल बनाया था उसके अगले दिन ही मोना ने मुझको सब बता दिया था अपने बारे मे भी और उस बंजारन के बारे मे भी, अब तुम सोचोगे की ऐसी कैसी दोस्ती है इन दोनो के बीच मे तो सुनो जब तक तुम मोना की लाइफ मे नही आए थे तब तक मैं उसकी और वो मेरी हम दोनो ही एक दूसरे की खुजली शांत किया करते थे” वो मुझे दबाती हुई बोली

“खुजली, कैसी खुजली” मैने पूछा

“ज़्यादा बनो मत, खुजली मतलब चूत की खुजली, चूँकि अब तुम अपने लंड से उसकी खुजली मिटा रहे हो इसलिए शायद अब वो मेरे पास नही आ रही है इसीलिए आज मैं यहाँ आई थी लेकिन तुम मिल गये” वो बोली

उसकी बात सुन कर मैं सन्न रह गया क्योंकि मुझे उससे ये उम्मीद नही थी की वो इस तरह दो पल मे ही मुझसे इतनी गंदी भाषा मे बात कर लेगी तो मैं भी थोड़ा खुल गया और बोला “भाभी जहाँ तक बात रही मोना की तो वो तो कुवारि है इसलिए तुम उसे शांत करती हो लेकिन तुम तो शादी शुदा हो फिर तुम्हे क्यों ज़रूरत पड़ी मोना की”

मेरी बात सुन कर उसका मुँह उतर गया और कुछ उदास सी लगने लगी मुझे उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर दुख हुआ तो मैं बोला “सॉरी रूपा अगर मैने तुम्हारा दिल दुखाया हो तो”

मेरी बात सुन कर वो कुछ देर चुप रही शायद वो कुछ सोच रही थी फिर बोली “देखो सोनू मैं अभी सिर्फ़ 23 साल की हूँ लेकिन मेरी शादी आज से 4 साल पहले ही हो चुकी है क्यो की मेरे पापा बहुत ग़रीब है और हम जैसी ग़रीब लड़कियों को अच्छा लड़का मिलना नामुमकिन होता है यही सोच कर मेरे पापा ने मुझे दोगुनी उमर से भी ज़्यादा वाले लड़के से मेरी शादी कर दी क्योंकि वो पैसे वाले थे उपर से सरकारी नौकरी पर भी थे अब कहाँ मैं 19 की और वो 40 के यहाँ तक की वो सुहागरात पर भी एक ही बार कर के सो गये जिसमे भी उनसे कुछ नही हुआ और फिर ज़िंदगी ऐसे ही गुज़रते रही आज हमारी शादी को 4 साल बीत गये तब भी हमारा कोई बच्चा नही है क्योंकि मेरे पति महीने भर मे सिर्फ़ एक या दो बार ही सेक्स करते है इसीलिए जब से मुझे मोना मिली मैं बहुत खुश थी लेकिन अब लगता है की तुमने उसे भी मुझसे छीन लिया है” वो बोली

“जब ऐसा है तो तुम किसी और आदमी से अपने आपको शांत क्यों नही कर लेती” मैं बोला

“ये सुनने मे अच्छा है लेकिन है बहुत बुरा अगर किसी भी वक्त मेरे पति को पता चल गया की मैं उनके अलावा भी कहीं और मुँह मार रही हूँ तो वो तुरंत ही मुझे छोड़ देंगे और फिर मुझे कोई नही अपनाने वाला और मेरे पापा तो वैसे ही ग़रीब है इसलिए मैने कभी किसी और के बारे मे नही सोचा” उसने एक बार मे ही अपनी दर्द भरी कहानी मुझे सुना दी

“हूंम्म…” मेरे मुँह से बस इतना ही निकला

“क्या बाते हो रही है” तभी वहाँ मोना ठंडा लेकर आई

“कुछ नही बस तेरी ही तारीफ हो रही थी” मैं बोला और मैने और रूपा ने अपने अपने ग्लास उठा लिए और ठंडा पीने लगे

“अच्छा क्यों?” ठंडा पीते हुए मोना ने पूछा जवाब मे मैने उसे वो सब बता दिया की किस तरह उसने रूपा के सामने अपना मुँह फाडा था और रूपा को मेरी और बंजारन की चुदाई के अलावा हम दोनो की चुदाई के बारे मे भी बता दिया था

“सॉरी यार, लेकिन भाभी मेरी पक्की सहेली है और हम कोई भी बात एक दूसरे से नही छुपाते इसलिए मैने इसे सब बता दिया” मोना गर्दन नीचे झुका कर बोली

थोड़ी देर के लिए हम सभी चुप हो गये क्योंकि कहीं ना कहीं ग़लती हम सभी की थी

“अच्छा चलो अब बेकार की बाते बंद करो और जब हम सब ही एक दूसरे के सभी राज जान गये है तो सभी पक्के वाले दोस्त बन जाते है और सभी कसम खाते है की कभी भी हमारे बीच की बाते बाहर नही करेंगे” रूपा बोली

“ओके…मुझे मंजूर है” मैं बोला

“मुझे भी” मोना बोली

फिर हम सभी बाते करने लगे रूपा मुझसे पूछ रही थी की मैने पहली बार मोना के साथ कैसे किया और मैं जवाब दे रहा था जबकि मोना कुछ सोचे जा रही थी

और कुछ देर बाद ही मोना बोली “सोनू क्या तुम मेरे लिए एक काम करोगे”

“क्या” मैने पूछा

“पहले वादा करो की मुझे मना नही करोगे” मोना बोली

“यार ऐसी भी क्या बात है जिसके लिए मैं तुझे मना कर दूँगा” मैने फिर पूछा

“कोई भी बात हो पहले वादा कर की मना नही करेगा” मोना फिर ज़िद भरे स्वर मे बोली

“चल वादा किया” मैं बोला

“तो फिर एक ही बात है बस, की तुझे वही सब रूपा के साथ भी करना होगा जो तू मेरे साथ करता है” मोना बोली

और उसकी ये बात सुनकर मैं और रूपा दोनो ही हैरान रह गये

“सच यार बेचारी बहुत परेशान है अपने बूढ़े पति से प्लीज़ इसकी मदद कर दे ना” मोना बोली

अब अँधा क्या चाहे दो आँखे और उपर से नेकी और पूछ पूछ मेरी नज़र सामने बैठी रूपा के बड़े बड़े बूब्स पर ठहर गई

“मुझे कोई परेशानी नही है बस ये हाँ कह दे” मैं मोना को देखते हुए रूपा की तरफ इशारा करते हुए बोला

“लेकिन यार अगर कहीं मेरे पति को मालूम पड़ गया तो…..” रूपा डरते हुए बोली

“कैसी बात कर रही है यार, पहली बात तो सोनू ऐसा नही है की हमारी बाते बाहर जाए और फिर जो भी होगा मेरे घर पर ही होगा फिर तुम्हे ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नही है” मोना बोली

अब रूपा कुछ देर तक सोचती रही फिर जैसे उसने फ़ैसाला कर लिया और बोली “ओके मुझे मजूर है”

“तो ठीक है हमने बहुत टाइम खराब कर लिया अभी तक अब चलो और बाकी टाइम का फ़ायदा उठाओ वरना पता नही और कौन आजाए” मोना बोली और खड़ी हो गयी

उसके साथ साथ ही रूपा भी खड़ी हो गयी और दोनो ही साथ साथ आगे बढ़ने लगी और दोनो के ही चूतड़ कपड़ो के उपर से देख कर मुझे ऐसा लग रहा था की अगर दोनो सिर्फ़ पैंटी मे होती तो शायद ऐसी लगती और मैं उन दोनो की मटकती गान्ड देखते हुए पीछे पीछे चलने लगा और मैं बहुत खुश भी था की आज एक साथ दो चूत मुझे चोदने को मिलने वाली है लेकिन मैं ये नही जानता था की ये सब करते वक्त मेरा कितना बुरा हाल होने वाला है.

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