अपडेट 26 – Chudai
सुबह मेरी नींद खुली तो देखा की डॉली मेरे रूम मे झाड़ू लगा रही है झुकने की वजह से उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी आखों के सामने थे मन
किया की अभी जाकर उन्हे जोरो से मसल दूं लेकिन ऐसा नही हो सकता था
एक तो सुबह का वक्त दूसरे डॉली के बूब्स के दर्शन कर के मेरे लंड महाराज पूरी तरह से तन के मेरे लोवर मे तंबू बना चुके थे मेरा मन किया की डॉली को अपने लंड के उभार के दर्शन कर्वाऊ लेकिन कैसे थोड़ा सोचने के बाद मैने कुछ आहे भरी जैसे कि मैं नींद मे सेक्स कर
रहा हूँ “आह…..उम्मह…..हां…..ऐसे…ही….”
मेरी पलके हल्की हल्की खुली थी जिससे मैं डॉली को देख पा रहा था मेरी आहो की आवाज़ सुनकर वो पलटी और मुझे नींद मे देख मुस्कुराने लगी लेकिन जैसे ही उसकी नज़र मेरे लोवर पर गई उसका मुँह खुला की खुला रह गया और वो एकटक मेरे लंड की तरफ देखने लगी शायद आज ज़िंदगी मे पहली बार उसने ओरिजिनल मे कोई लंड इस तरह देखा था
उसने एक बार और मेरे चेहरे पर नज़र डाली और मुझे सोता पाकर मेरे पास बेड पर आकर बैठ गई
और बड़े ध्यान से मेरे लंड को लोवर के अंदर ही झटके मारते हुए देखने लगी उसके होंठ ये सब देख कर सूख गये थे शायद इसलिए वो
अपने होंठो पर जीभ फिराने लगी थी
एक बार फिर उसने मेरे चेहरे की तरफ देखा मैं अभी भी गहरी नींद मे होने की आक्टिंग कर रहा था फिर पता नही उसके मन मे क्या आया
कि उसने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और बिल्कुल मेरे लंड के पास लाकर वापस खिच लिया
‘साली हरामजादि पकड़ ही लेती एक बार’ मैने मंन मे ही उसे गाली दी
अब फिर पहले उसने दरवाजे की तरफ देखा और मेरे चेहरे पर नज़र मार कर उसने फिर अपना हाथ आगे बढ़ाया और इस बार मेरा लंड
पकड़ ही लिया जोकि इस वक्त अपने पूरे शबाब पर था और इधर मैं सोच रहा था कि काश इस वक्त मेरा लंड नंगा होता
थोड़ी देर वो मेरा लंड ऐसे ही पकड़े रही फिर उसने उसी तरह अपनी मुट्ठी का राउंड बाहर निकाला और मेरे लंड की मोटाई का अनुमान लगाने लगी फिर उसने मेरे लंड को जड़ से अपनी एक मुट्ठी मे पकड़ा और उसके उपर दूसरी मुट्ठी से अब शायद वो मेरे लंड की लंबाई का
जायज़ा ले रही थी लेकिन उसकी दोनो मुठियो के बाद भी उपर कोई आधा इंच जगह खाली रह गयी थी
अब मुझे यही वक्त सही लगा आक्ट मे आने का क्योंकि वो लंड पहले ही पकड़ चुकी थी और मोटाई का अंदाज लगाने के बाद अब लंबाई भी चेक कर चुकी थी तो अब कुछ और करने को रह नही गया था और मैं उसे रंगे हाथ पकड़ना चाहता था
“ये क्या कर रही है तू डॉली….” मैं बोला अभी तक उसकी दोनो मुठिया मेरे लंड पर बँधी हुई थी
मेरी आवाज़ सुनकर वो ऐसे उच्छली जैसे उसे बिच्छू ने डंक मारा हो उसके हाथ मेरे लंड पर से हट गये थे और वो उच्छल कर खड़ी हो गई
थी उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ रही थी और साँसे तेज चलने लगी थी जिससे उसकी बड़ी बड़ी चुचिया ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे होने लगी थी
“ये क्या कर रही थी तू अभी” मैं बेड पर बैठते हुए बोला Chudai
“वो…वो…….” उसके मुँह से आवाज़ ही नही निकल रही थी और उसकी आँखो मे आँसू आ गये थे उसके चेहरे पर अभी ऐसे भाव थे जैसे उस चोर के चेहरे पर होते है जिसकी चोरी रंगे हाथो पकड़ ली गई हो
“हां…हां….बोल” मैं उसकी हालत के मज़े लेते हुए बोला
“वो….मैं झाड़ू लगा रही थी” वो हकलाते हुए बोली
“क्यों आज काम वाली बाई कहाँ गई” मैने पूछा
“वो…वो..आज नही आ रही है” वो फिर बोली
“वो तो ठीक है लेकिन झाड़ू क्या तू बेड पर लगा रही थी और तेरे हाथ कहाँ थे” मैं बोला
अब तो पक्का उसकी वॉट लग गई थी वो चुप चाप मुझे देखने लगी
“अरे बताना ऐसे चुप क्यों है” मैं फिर बोला
“वो…वो………” अभी वो कुछ कह पाती की नीचे से मम्मी की आवाज़ आई वो डॉली को बुला रही थी
और डॉली तो मम्मी की आवाज़ सुनकर ऐसे भागी जैसे जान बची तो लाखों पाए’भाग ले, भाग ले, जितना चाहे उतनी जल्दी भाग ले लेकिन आख़िरी बार अब तू फिर कभी भी नही भाग पाएगी’ मैने मन मे सोचा और बाथरूम की तरफ जाने लगा क्योंकि मेरा लंड अभी भी हार्ड था और जल्द से पेशाब करके उसे बैठाना बहुत ज़रूरी था तभी मुझे दीदी के रूम से कुछ आवाज़ आई और मुझे रात की बात याद आ गई मैने अपना खड़े लंड की तरफ देखा और वैसे ही लोवर मे टेंट बनाए हुए दीदी के रूम की तरफ चल दिया Chudai
मैं दीदी के रूम मे पहुचा वो शायद अभी नहाने जाने की तैयारी कर रही थी और उसकी पीठ मेरी तरफ थी मैने मौके का फ़ायदा उठाया
और जाकर पिछे से उससे चिपक कर अपनी बाहें उसकी कमर पर लपेट ली और उसके कान मे धीरे से बोला “गुड मॉर्निंग जान….”
मेरे अचानक ही ऐसा करने से वो चिहुक गई और उसने मुझसे छूटना चाहा लेकिन मेरी बाहों की पकड़ मजबूत थी इसलिए वो कसमसा कर
ही रह गई अब तक मेरा खड़ा लंड उसकी गान्ड की दरार मे अच्छे से सेट हो गया था
“क्या कर रहा है सोनू, चल हट मुझे नहाने जाना है” वो बोली लेकिन उसने अबकी बार छूटने की कोशिश नही की शायद उसे भी अपनी गान्ड पर मेरा लंड अच्छा लग रहा था
“प्रॅक्टीस कर रहा हूँ जान प्रॅक्टीस, जो रात को अच्छे से नही कर पाया था” मैं अब थोडा आगे पिछे होते हुए बोला जिससे मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार मे उपर नीचे होने लगा
“मुझे नही लगता कि तुझे प्रॅक्टीस की ज़रूरत है बल्कि तू तो मुझे एक्सपर्ट लगता है इन कामो मे, बाप रे बाप रात को कितना आगे बढ़ गया था तू वो तो भला हो उस फोन का वरना पता नही तू और क्या क्या कर जाता” अब वो भी मेरे साथ आगे पिछे झूमकर मेरे लंड की रगड़
अपनी गान्ड पर महसूस करते हुए बोली
“जान ये बात तो तुमने सही कही कि ये काम किसी को भी सीखना नही पड़ता ये सब अपने आप ही हो जाता है लेकिन हमारे बीच ये हो नही सकता था अगर हम अपने रिश्ते को ना भूलते उस वक्त” मैं अब अपने दोनो हाथ उसके बूब्स पर रखते हुए बोला
“हां ये तू सही कह रहा है अगर हमारे दिमाग़ मे अगर उस टाइम ज़रा भी हमारे रिश्ते के बारे मे सोच आजाती तो शायद हम कुछ नही कर पाते” कहते हुए उसने भी अपने दोनो हाथ मेरे हाथो पर रख लिए
अब मैं उसकी गर्दन पर अपने होंठ रखते हुए उसके बदन की मादक खुसबु मे डूबकर अपनी गरम सांसो से उसे पिघलाने की कोशिश करने लगा साथ ही साथ मैने अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए लेकिन मैं उन्हे दबा नही पा रहा था क्योंकि दीदी ने इस वक्त अपने हाथो से मुझे
रोका हुआ था लेकिन मेरी कोशिश अभी भी जारी थी और धीरे धीरे ही सही मैं उसके दोनो कबूतरो को सहला ज़रूर रहा था जबकि मेरा लंड अभी भी उसकी गान्ड मे हलचल मचाए जा रहा था
मेरे लंड की हरकत और अपनी गर्दन पर मेरे होंठ और गरम सांसो ने दीदी की साँसे भारी कर दी थी और उसके हाथो की पकड़ मेरे हाथो पर ढीली हो है थी जिससे अब मैं उसके नरम मगर थोड़ा कड़ा पन लिए बूब्स को अब ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था लेकिन यहीं मुझसे एक ग़लती हुई और मैने उसके एक ताने हुए निपल को ज़ोर से च्युटि मे भर कर मसल दिया जिससे दीदी दर्द के मारे एक झटके से मुझसे अलग हो गई और मैं मुँह फाडे उसे देखने लगा
“बस, बहुत हो गया अब, अब तू हद से आगे बढ़ रहा है” वो आँख दिखाते हुए बोली
“लेकिन दी….कितना मज़ा आ रहा था” मैं बोला
“बहुत मज़े ले लिए तूने, अब तू जा और मुझे नहाने दे” वो मुझे बाहर की तरफ इशारा करते हुए बोली
“लेकिन दी वो प्रॅक्टीस…….” मैने कहना चाहा
“अभी कोई प्रॅक्टीस व्रेक्टिस नही जितना हो गया ठीक है बाकी रात मे देखेंगे, अब तू जा” वो बोली
“रात मे पक्का ना….” मैने कहना चाहा
“अब तू जाता है या नही….” वो मेरी तरफ लपकी लेकिन उसके पास आने से पहले ही मैं उसके रूम से बाहर था और रूम से निकालते ही
मुझे भड़ाक से गेट बंद होने की आवाज़ सुनाई दी
‘चल भाई आज दिन की शुरुआत तो जबरदस्त हुई है और रात का इशारा भी दीदी ने दे ही दिया है लेकिन दोपहर कैसे बीतेगी, चल उसका भी कोई ना कोई जुगाड़ हो ही जाएगा’ सो मैं अपने रूम मे आते ही बाथरूम मे घुस गया अब भाई इतनी देर से खड़े हुए लंड को शांत भी तो करना था ना..
अपडेट 27 – Chudai
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हम सभी लोग नाश्ता कर चुके थे और हॉल मे बैठे हुए दीदी मुझसे नज़र ही नही मिला रही थी और जब भी नज़र मिलती वो मुस्कुरा उठती जबकि डॉली मेरे सामने ही नही आ रही थी अभी जबकि सब लोग हॉल मे बैठे थे वो अभी भी किचन मे घुसी हुई थी तभी मेरे फोन बजा और मैं कॉल रिसीव करने हॉल से बाहर आ गया मैने देखा वो लॅंड लाइन का नो. था पता नही किसका नो. है ये सोच कर मैने फोन उठाया
“हेलो” मैं बोला
“हाई….हॅंडसम” दूसरी तरफ से किसी लड़की की आवाज़ आई
“कॉन” मैं बोला क्योंकि मैने उसे पहचाना नही था
“इतनी जल्दी भूल गये मुझे” उसने कहा
“अरे यार इसमे भूलने की बात ही क्या है जब मैने तुम्हे पहचाना ही नही तो” मैं बोला
“अरे कल ही तो तुमने मेरे साथ खड़े खड़े किया था और फिर भी मुझे नही पहचान रहे” उधर से कहाँ गया
“ओह्ह….मोना” मैं बोला
“हां….मोना” वो बोली
“लेकिन तेरे पास मेरा नंबर. कहाँ से आया” मैने पूछा
“अरे उस दिन जब तेरे फोन मेरे पास था ना तब उसमे से तेरी प्रोफाइल मे तेरा नंबर. याद कर लिया था मैने” उसने बताया
“ओह्ह…..तो कैसे फोन किया, आ रही है क्या आज, सच मे यार बहुत तंग कर रहा है मेरा पप्पू” मैं बोला
“नही मैं नही आ रही बल्कि तू आरहा है आज मेरे घर क्योंकि खाने के बाद पापा मम्मी बाहर जा रहे है और शाम तक ही वापस आ पाएँगे इसलिए आज पूरी दोपहर अपनी है” उसने बताया
“ओह्ह…लेकिन मैं तुम्हारे घर कैसे आ सकता हूँ, मतलब अपने घर मैं क्या बताउन्गा कि मैं क्यों वहाँ आरहा हूँ”मैं बोला
” वो मुझे नही पता लेकिन अगर कुछ करना है तो यही आना पड़ेगा” वो बोली
“ठीक है, सोचता हूँ कुछ” मैं बोला
“ठीक है फिर 12 बजे के आस पास आ जाना, ओके अब रखती हूँ” कह कर उसने फोन काट दिया
मैं भी वापस हॉल मे आ गया क्योंकि अभी बहुत टाइम था मोना के घर जाने मे इसलिए मैने सोचा कि वहाँ जाने का बहाना बाद मे सोच लूँगा
अब सभी के साथ डॉली भी हॉल मे बैठी हुई थी जहाँ पापा मम्मी को बता रहे थे कि उन्हे भी मोना के पापा के साथ जाना था
‘चलो एक टेन्षन तो दूर हुई जब पापा ही घर पर नही होंगे तो कोई बहाना बनाना ही नही पड़ेगा क्यों कि मम्मी तो कुछ बोलने वाली है नही” मैने सोचा और बैठ गया
इधर डॉली मुझे वहाँ देखते ही अबनॉर्मल फील करने लगी और मैं समझ गया कि ये फिर यहाँ से भागने की फिराक मे है लेकिन मैं कोई मौका नही छोड़ना चाहता था इसलिए जैसे ही उससे मेरी नज़र मिली मैने उसे उपर जाने का इशारा किया लेकिन उसने वापस नज़रे झुका ली
मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया मैने फिर उसे उपर जाने का इशारा किया लेकिन उसने नही का इशारा कर दिया अब तो सच मे बहुत गुस्सा आ गया था मैने उसे आँख दिखाई और बोला “वैसे डॉली सुबह तू मेरे रूम मे क्या कर रही थी”
मेरी बात सुनते ही उसकी सिट्टी पिटी गुम हो गई और चेहरा रुआंसा हो गया उसने मेरी तरफ बड़ी दयनीया नज़रो से देखा और बोली “वो…वो..मैं तो झाड़ू लगाने गई थी”
और उसने मुझे माफी माँगने का इशारा किया और मैने फिर उसे उपर जाने का इशारा किया तो उसने हां मे गर्दन हिला दी
“क्यों आज काम वाली बाई नही आई क्या” मैने पूछा
“नही बेटा आज उसे उसके घर मे कुछ काम है इसीलिए मैने डॉली से कहा था तुम्हारे रूम मे झाड़ू लगाने को” मम्मी बोली
“ओह्ह…तभी तो मैं कहूँ कि ये महारानी आज नौकरानी कैसे बन गयी” मैं बोला और सभी मेरी बात सुनकर हँसने लगे कोई और मौका होता तो डॉली ने मेरी ऐसी तैसी कर देनी थी लेकिन अभी वो दबी बिल्ली थी (इसका मतलब तो समझ ही रहे होंगे आप) इसलिए वो शांत रही”ठीक है मम्मी मैं आती हूँ” तभी दीदी बोली “अरे तुम कहाँ जा रही हो” मैने पूछा
“थोड़ा काम है थोड़ी देर मे आती हूँ” कह कर दीदी बाहर निकल गयी जाहिर है कि उसने पहले ही मम्मी को बता दिया था कि वो कहाँ करनी है
“ओके मम्मी मैं भी अपने रूम मे चलता हूँ” मैं बोला और डॉली को इशारा करते हुए उपर आ गया
मेरे रूम मे पहुचने के कोई 10 मिनिट बाद डॉली आई और सिर झुका कर खड़ी हो गयी शायद वो बहुत शर्मिंदा और डरी हुई थी
“उपर आने मे इतने नखरे क्यों कर रही थी तू” मैं बोला
“वो…वो…” उससे कुछ कहते ही नही बना
“अच्छा चल ये बता कि सुबह तू मेरे साथ क्या कर रही थी” मैं फिर बोला
“वो..वो…” वो फिर अटक गई
“अच्छा….करते वक्त कुछ नही लगा और अब बताने मे शरम आ रही है” मैं बोला
“सोनू वो क्या है ना कि कल मैने मोबाइल मे वो पिक्स देखी थी जिससे मुझे बहुत अजीब लग रहा था और आज सुबह जब मेरी नज़र तुम्हारे उस पर पड़ी तो मैं अपने आपको रोक नही पाई क्योंकि आज तक मैने किसी को भी ऐसे नही देखा था, प्ल्ज़ मुझे माफ़ कर दो अब दोबारा ऐसा नही करूँगी” वो गर्दन झुकाए रुआंसे स्वर मे बोली
“अच्छा….उस दिन जब मुझे पता भी नही था कि तू मेरी बहन है मेरे सिर्फ़ घूर के देखने पर ही तूने इतना भड़क कर दिखाया था और अब
जब तू जानती है कि मैं तेरा भाई हूँ तब भी तू मेरा ला… वो पकड़ रही थी” मैं उसके मज़े लेते हुए बोला
“सॉरी, वो मेरी ग़लती थी” वो बोली
“कॉन सी वाली, मुझे पर भड़कने वाली या सुबह जो किया वो वाली” मैने पूछा
“दोनो ही, प्ल्ज़ मुझे माफ़ कर दो और घर मे किसी को नही बताना प्ल्ज़” वो अपने हाथ जोड़ते हुए बोली उसकी आँखो मे पानी भी आ गया था
और उसकी इस तरह से देखते ही मुझे हँसी आ गयी और मैं ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा मुझे इस तरह से हँसते देख वो समझ नही पाई कि मैं
ऐसा क्यों कर रहा हूँ
“तू…तू…ऐसे हँस क्यों रहा है” उसने पूछा
“ज़रा अपना चेहरा तो देख फिर तुझे भी पता चल जाएगा कि मैं क्यों हँस रहा हूँ” मैं बोला
उसने मिरर मे अपना चेहरा देखा और बोली “ठीक ही तो है, अब जब मैं सॅड हूँ तो ऐसा ही दिखेगा ना”
“लेकिन यार तू फटतू बहुत है मेरे ज़रा से मज़ाक से तेरी ये हालत हो गई” मैं बोला
“मज़ाक…..” वो आँखे बड़ी करके बोली
“और नही तो क्या…..सुबह जो तू कर रही थी उसमे तो मुझे भी मज़ा आरहा था बल्कि मैं तो सोच रहा था कि काश उस वक्त मैं नंगा ही होता” मैं बोला
“सोनू के बच्चे……यहाँ मेरी फटी पड़ी थी और तू मज़ाक कर रहा था” कहते हुए वो दौड़ कर मेरे पास आई और मेरे सीने पर बनावटी मुक्के
बरसाने लगी और बाद मे मेरे गले लग गई जिससे उसके बड़े बड़े बूब्स मेरे सीने मे गढ़ से गये और मैं भी उसकी पीठ सहलाने लगा
“सच बता डॉली तू उस वक्त क्या करने की कोशिश कर रही थी” मैं बोला
“जब मैने तेरे उसको देखा ना तो मेरी आँखो के सामने वो मोबाइल की पिक्स आ गयी और उसमे उस लड़के का जो वो था ना उससे मैं तेरे उसकी तुलना करने लग गयी और फिर जब मैने तेरे उसको हाथ मे पकड़ा तो उसकी मोटाई देख कर मेरी इच्छा उसकी लंबाई भी नापने की हुई तो मैं वो नापने लगी लेकिन इतने मे तू जाग गया” वो मेरे गले से लगे हुए ही बोली
“अच्छा अगर मैं नही जागता तो तू और क्या करती” मैने पूछा
“और तो कुछ नही करती क्योंकि टाइम बहुत हो गया था” वो बोली
“तुझे वो सब करते वक्त ज़रा भी नही लगा कि मैं तेरा भाई हूँ” मैं बोला
मेरी बात सुनकर अब वो मुझसे अलग होकर पास रखी कुर्सी पर गई और बोली “अब मैं तुझे तेरा ही जवाब दूँगी जो तूने दीदी के बारे मे दिया था की उपर से ही तो कर रही थी कोई सेक्स तो नही किया ना”
“क्या सच मे तू मेरे साथ कुछ करना चाहती है” मैने पूछा
“जी नही….मैं ऐसा कुछ नही करना चाहती वो तो बस इतना ही है की मुझे पॉर्न पिक्स देख कर ऑपोसिट सेक्स की तरफ कुछ क्यूरीयासिटी बढ़ गई थी तो मैं वो सब कर गई” वो बोली
“तो क्या इतनी जल्दी तेरी क्यूरीयासिटी ख़तम हो गई” मैं बोला
मेरी बात सुनकर वो चुप हो गई शायद वो खुल कर कुछ नही बताना चाहती थी
“ओके, तो ठीक है लेकिन जब भी तुझे और कुछ करना हो तू मेरे पास आ जाना मैं तेरी सभी जिग्यासा शांत कर दूँगी” मैं बोला
“हूंम्म…” वो बोली और उसने हां मे गर्दन हिला दी
अभी हम कुछ और भी बाते करते इसके पहले ही दीदी आ गई और डॉली को किचन मे मम्मी का साथ देने लेगाई क्योंकि आज काम वाली
बाई जो नही आई थी और इधर मैं सोचने लगा था कि क्या डॉली कुछ करेगी मेरे साथ या नही.
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