अपडेट 25 – Chudai
रात का खाना हो चुका था और कुछ देर हम सभी हॉल मे बैठे बाते करते रहे इस बीच कई बार दीदी से मेरी आँखे मिली और कभी मैने उन्हे अपने लिप्स की तरफ तो कभी अपने लंड की तरफ इशारा किया जिससे वो बार बार शरमा रही थी और मुझे आँख दिखा कर ऐसा ना करने को कह रही थी जबकि डॉली के चेहरे से इस वक्त कुछ ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी सोच मे पड़ी हो
खैर रात के 10 बज चुके थे और अब मम्मी पापा ने सभी से अपने अपने रूम मे जाने के लिए कह दिया था सबसे पहले मैं ही उठा और उपर अपने रूम मे आ गया और आकर अपना मोबाइल चेक करने लगा आज भी व्हाट्सअप पर बहुत से मेसेज थे जिनमे अधिकतर ग्रूप मे आई हुई पॉर्न पिक्स और वीडियो ही थे मैं उन्हे ही देख रहा था की थोड़ी देर बाद मेरे रूम मे दीदी आई
“क्या देख रहा है मोबाइल मे” आते ही उसने पूछा
“कुछ खास नही बस दोस्तो के मेसेज चेक कर रहा था” मैं मोबाइल एक तरफ रखते हुए बोला
“हूंम्म…और अभी नीचे बहुत मस्ती चढ़ि हुई थी तुझे” दीदी मेरे पास बैठते हुए बोली
“क्यों ऐसा क्या किया वहाँ मैने” मैं जानबूझ कर बोला
“जैसे तुझे पता ही नही, कैसे इशारे कर रहा था तू वहाँ अगर कोई देख लेता तो” दीदी बोली
“अच्छा वो…अरे यार दी तुम भी ना अब मैं अपनी गर्लफ्रेंड से मज़े नही करूँगा तो और किस से करूँगा और वैसे भी मैं सबसे नज़रे बचा कर ही तो कर रहा था ना” मैं उसके गाल को सहलाते हुए बोला. Chudai
“चल हाथ पिछे कर अभी मैं सिर्फ़ नाम की ही गर्लफ्रेंड हूँ तेरी और हाँ अब से अकेले मे मुझे दीदी कहना बंद कर दे ताकि कुछ आदत पड़
जाए वरना वहाँ पिक्निक मे भी दीदी ही कहेगा” दीदी मेरा हाथ हटाते हुए बोली
“तो फिर क्या कहूं” मैने पूछा
“कुछ भी, मेरा नाम ही ले लिया कर” वो बोली
“लेकिन तुम्हारा नाम लेने मे मुझे अच्छा नही लगेगा ना” मैं बोला
“तो फिर तू मुझे कुछ भी बुला लेकिन दीदी नही” वो बोली
“हूंम्म….तो फिर मैं तुम्हे ‘जान’ बुलाऊ” कुछ
टाइम सोचने के बाद मैं बोला
“ऐसे तो कोई अपनी गर्लफ्रेंड को बुलाता है, क्या तू मुझे ऐसे बुलाएगा” वो आँख दिखाते हुए बोली
“जब हमे वहाँ गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड ही बनकर जाना है और वही सब करना है तो फिर एक दूसरे को बुलाना भी तो वैसे ही पड़ेगा ना, वैसे तुम मुझे क्या कह कर बुलाओगी” मैं बोला
“हुम्म….कह तो तू ठीक रहा है लेकिन मैं तुझे सोनू कह कर ही बुलाउन्गी” वो बोली
“मैं बताऊ, मैं तुम्हे जान कह कर बुलाउन्गा और तुम मुझे जानू, ठीक है ना” मैने उसे छेड़ा
“बड़ा आया जानुउऊ…..मेरे लिए तू सोनू ही ठीक है” वो नाक सिकोडते हुए बोली
“हां….जानू तो वो ही था पार्क वाला” मेरे मुँह से अचानक ही निकल गया लेकिन मैं समझ गया की ग़लती हो चुकी है
और उधर मेरी बात सुनकर दीदी का चेहरा उतर गया जैसे मैने उसे गाली दे दी हो उसकी आँखे भी नम हो गई और उसकी गर्दन नीचे झुक गई
“सॉरी दी, मुझसे ग़लती हो गई मुझे ऐसा नही कहना चाहिए था पर पता नही कैसे मेरे मुँह से निकल गया” मैं तुरंत बोला
लेकिन दीदी कुछ नही बोली और उसकी आँख से आँसू की दो बूँद नीचे गिर गयी जिसे देख कर मुझे बहुत ही बुरा लगा और मैं कान पकड़
कर उसके सामने उठ-बैठक लगाते हुए उससे माफी माँगने लगा “सॉरी यार दीदी अब तो माफ़ कर दो देखो मैने कान भी
पकड़े है और कितनी उठक-बैठक भी लगा ली अब कहो तो मुर्गा भी बन जाता हू”
इतना कह कर सच मे मुर्गा बन गया जैसे टीचर स्कूल मे बनाते थे
अब मुझे मुर्गा बना देख उसे हँसी आ गयी और वो मेरे कान पकड़ कर मुझे उठाते हुए बोली “मैने अभी कहा था ना कि अकेले मे मुझे दीदी मत कहना”
“पहले बोलो माफ़ किया” मैं बोला
“हां…माफ़ किया” वो अपने गालो पर धूलक आए आँसू पोछते हुए बोली
मैं अब इस बारे मे ज़्यादा बात कर के उसका दिल और नही दुखाना चाहता था इस लिए बोला “तो जान उस टेस्ट के बारे मे क्या सोचा है तुमने”
“टेस्ट, कॉन्सा टेस्ट?” उसने पूछा
“अरे वोही टेस्ट जो वो हिट्लर टाइप की लड़की लेने को कह रही थी जिसे हमारे गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड होने पर शक था” मैने बताया
“अरे हां, वो तो मैं भूल ही गयी थी वैसे उसका नाम निशा है और वो हमारे ग्रूप की लीडर है और साली जो एक बार कह देती है वो पत्थर की
लकीर होता है क्योंकि सारे ग्रूप की लड़किया उसके पैसो से मौज करती है तो सब उसकी पित्ठू है” दीदी ने बताया
“मतलब वो तुम्हे टेस्ट लिए बगैर पिक्निक पर आने नही देगी” मैने पूछा”हां बात तो ऐसी ही है, और पता नही वो टेस्ट मे हमे क्या करने को कहे क्योंकि वो तो कई बाय्फ्रेंड के साथ सेक्स भी कर चुकी है” दीदी बोली
“तो क्या जो तुमने कॉलेज से आते वक्त बताया था कि वो हमे किस, बूब्स प्रेस्सिंग और तुम्हे मेरा वो पकड़ने से भी ज़्यादा कुछ करवा सकती है” मैने फिर पूछा
“हां…..” कहते हुए दीदी ने गर्दन हिलाई
“अब सबके सामने इससे ज़्यादा क्या करवा सकती है वो और वैसे भी कोई बहन अपने भाई का वो थोड़े ही पकड़ सकती है, देखना तुम्हारे इतना करने से ही वो मान जाएगी” मैं बोला
“तू अभी उसे अच्छे से जानता नही है ना इसलिए ऐसा बोल रहा है” दीदी बोली
“अब बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड सबके सामने इतना ही तो कर सकते है ना” मैं बोला
“लेकिन उसके लिए गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड का रिश्ता ही सेक्स का रिश्ता है मैने उसे कई बार कॉलेज के पिछे के ग्राउंड मे खुले मे अपने बाय्फ्रेंड का वो चूस्ते हुए देखा है” दीदी बोली लेकिन शरम से उसका चेहरा लाल हो चुका था और उसकी बात सुनकर इधर मेरा लंड खड़ा हो गया था.Chudai
“क्या कह रही हो…..मतलब वो तुम्हे भी सबके सामने वैसा करने को कह सकती है” मैं झूठी हैरानी से बोला
“सबके सामने तो नही लेकिन अकेले उसके सामने करने को तो कह ही सकती है” दीदी बोली
“फिर तो गड़बड़ हो गई, जितना हमने सोचा था वहाँ तक तो ठीक है लेकिन ये तो कुछ ज़्यादा ही हो जाएगा” मैं बोला
“जब ये नौबत आएगी तब देख लेंगे यार अभी तो उसके पहले का सोचना है” दीदी बोली
“हां….अभी तो हमने टेस्ट के बारे मे जो सोचा था उसकी भी तैयारी नही की है, तो चलो प्रॅक्टीस शुरू करते है” मैं मुस्कुराते हुए बोला
“तू भी कम नही है तुझे भी बस एक मौका चाहिए” उसने आँखे निकाली
“ऊए…पिक्निक पर जाने का शौक मुझे नही चढ़ा है और उस पर मैं तुम्हारी हेल्प ही कर रहा हूँ फिर भी मुझे ही आँख दिखा रही हो, चलो
उठो अपने रूम मे जाओ, मुझे नही जाना किसी पिक्निक विक्निक पे” मैं झूठे गुस्से से बोला
“अले..अले… मेरा सोनू तो गुस्सा हो गया मैं तो मज़ाक कर रही थी, चल बता कहाँ से शुरू करेगा अपनी प्रॅक्टीस” दीदी मेरे गाल गुलेचती हुई बोली
“मैने कहा ना मुझे नही जाना तुम्हारे साथ” मैं वैसे ही बोला
और बस…..मेरे इतना कहते ही दीदी ने दोनो हाथो से मेरा चेहरा पकड़ कर अपने होंठ मेरे होंठो से लगा दिए और मुझे साथ लिए खड़ी हो गई
उसके होंठो कांप रहे थे साँसे चढ़ गई थी और आँखे बंद हो गई थी मुझे ऐसे लग रहा था जैसे दो काँपते हुए अँगारे मेरे होंठो पर रख दिए गये हो
उसके नर्म होंठो की गर्मी जैसे मुझे पिघलाए दे रही थी मैने भी अपने हाथ उसकी कमर पर रख दिए और उसके होंठो को चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी उसके बदन से आती मादक खुसबु मुझे उत्तेजना के समुंदर मे धकेले जा रही थी और मेरा लंड अपने विकराल रूप मे
आ कर उसकी नाभि के पास टच हो रहा था शायद वो भी मेरे लंड को महसूस कर रही थी और अब उसने मेरे होंठो को चूमना छोड़ कर उन्हे चूसना शुरू कर दिया था मैं भी मस्त होकर उसका साथ देने लगा कुछ ही देर मे उसकी जीभ मेरे मुँह मे घुस कर मेरी जीभ को ढूँढ
रही थी और जल्द ही उसे कामयाबी भी मिल गई और अब हम दोनो की जीभ आपस मे उलझ रही थी और हम दोनो के मुँह का सलिवा एक दूसरे के मुँह मे जा रहा था.Chudai
इधर अब मेरी भी हिम्मत बढ़ गई थी मैने अपना राइट हॅंड उपर लाते हुए उसके लेफ्ट बूब को उसकी टी-शर्ट के उपर से ही सहलाना शुरू कर दिया मेरा हाथ उसके बूब पर टच होते ही उसके शरीर ने झटका सा खाया जैसे उसे करेंट लगा हो अब वो और ज़्यादा मुझसे चिपक गई
तभी मैने अपने लेफ्ट हॅंड से उसके राइट हॅंड को पकड़ा और उसे लोवर के उपर से अपने लंड पर रख दिया मेरे ऐसा करते ही उसने मुझसे नज़रे मिलाई और मैने उसकी आँखो मे देखते हुए अपने लंड पर उसका हाथ दबा दिया
अब उसने भी मेरा खड़ा लंड अपनी मुट्ठी मे भर लिया और उसे दबाने लगी जब तक मेरा हाथ उसके पिछवाड़े जाकर उसके कुल्हो को सहलाने लगा जबकि दूसरा हाथ जो अभी तक उसके बूब को सहला रहा था अब वो उसे दबाने लगा था दीदी के मुँह से आहे निकलने लगी थी और अब वो और भी ज़्यादा वाइल्ड हो कर मेरी जीभ को चूस्ते हुए मेरा लंड दबा रही थी
जितनी ज़ोर से वो मेरा लंड दबाती उतनी ही ज़ोर से मैं उसका चूतड़ और चुचि दबाता हम दोनो ही अब जैसे वासना मे डूब गये थे और पता
नही कब मेरा हाथ उसके बूब से हट कर उसके पेट पर आ गया था और उसकी टी-शर्ट उपर करने लगा था
मेरा हाथ अपने नंगे पेट पर लगते ही उसके शरीर ने एक झुरजुरी सी ली और इधर मेरा हाथ उसकी टी-शर्ट उठा कर उसकी ब्रा के उपर से उसके दूध को दबाने लगा हम दोनो ही मस्त हो चुके थे दोनो की ही साँसे धौकनी की तरह चल रही थी और पता नही ये खेल अभी और
कहाँ तक जाने वाला था की तभी मेरे मोबाइल की घंटी बजी और हम दोनो जैसे होश मे आए
घंटी बजते ही वो छिटक कर मुझसे दूर हुई और बगैर नज़र मिलते ही भाग कर मेरे रूम से निकल गई
मैने फोन उठा कर देखा तो कंपनी का फोन था
“तेरी माँ की चूत मादरचोद लौडे लगा दिए इतने अच्छे सीन के” मेरे मुँह से निकला और मैं बाथरूम की तरफ बढ़ गया क्योंकि अब मुझे अपने फन निकाले खड़े कोबरा को शांत करना था वैसे अभी जितना भी हुआ था वो कम नही था और अभी तो कल का दिन और रात भी बाकी थी पिक्निक से पहले और इतना टाइम बहुत था मेरे लिए की परसो पिक्निक मे मैं दीदी को छोड़ सकता
और फिर बाथरूम मे जाकर मैं अपना हाथ ठेला चलाने लगा कभी दीदी के चेहरे और बूब्स को याद करके तो कभी डॉली की मोटी गान्ड को..
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