अपडेट 23 – Chudai
रिज़ल्ट देख कर डॉली की फटी की फटी रह गई सर्च रिज़ल्ट के जितने भी पेज उसने देखे सभी मे बस चुदाई ही चुदाई की कहानियाँ थी
“क्यों, अब क्या कहती है” उसकी हालत देख कर मोना ने पूछा
“मुझे यकीन नही हो रहा है कि ऐसा भी हो सकता है लेकिन ये सब तो कहानियाँ ही है ना” डॉली बोली
“कहानियाँ भी वैसे ही बन जाती है क्या मेडम, भले ही 10 कहानियाँ हो लेकिन उनमे से एक तो हक़ीकत होगी ही ना” मोना बोली
अब उसकी बात सुनकर डॉली चुप हो गई थी शायद उसे मोना की बात मे दम लगा था और मैने यही मौका सही समझा बाहर आने के लिए
“अरे डॉली तू कब आई” मैं बाहर आते हुए बोला
“उन्न…” मेरी आवाज़ सुनकर डॉली चौंक सी गयी वो शायद भूल गयी थी कि मैं भी इस रूम मे हूँ
“अरे क्या हुआ तू ऐसे चौंकी क्यो” मैं बोला
“वो…वो..तू इतनी देर से बाथरूम मे क्या कर रहा था” वो मेरी बात घूमाते हुए बोली
“अरे यार गर्मी लग गई थी और पेशाब मे जलन हो रही थी इसीलिए कमोड पर बैठा हुआ था” मैने बहाना मारा और बोला “ला अब मेरा मोबाइल दे मैं वो सारी पिक्स डेलीट कर दाता हू”
“यदि तुझे वो पिक्स अच्छी लगती है तो रहने दे मैं मम्मी पापा को नही बताउन्गी” वो धीरे से बोली
“अरे नही मुझे उनमे कोई ज़्यादा इंटेरेस्ट नही है वो तो व्हाट्सअप पर आ गई थी इसीलिए मोबाइल मे पड़ी हुई थी, उन्हे डेलीट कर देना ही ठीक होगा” मैं बोला और उनमे से एक पिक डेलीट कर दी
“अरे ये क्या कर रहा है मैने कहा ना कि रहने दे” वो झपट कर मेरे हाथ से मोबाइल छीनते हुए बोली
“लेकिन वो मुझे पसंद नही है” मैं बोला
“तुझे नही है तो क्या हुआ मुझे तो है” वो अपनी रो मे बोल गई
“क्या……” मुझे उससे ये उम्मीद नही थी की वो ऐसा बोलेगी
“वो…वो….” उसने कुछ कहना चाहा की तभी मोना कह उठी “अब जाने भी दे सोनू उसे पसंद है तो मत कर डेलीट और वैसे भी कॉन सा अंकल आंटी तेरा फोन चेक कर रहे है”
“कहती तो तू ठीक है” मैं बोला
“ओके अब मैं चलती हू बहुत टाइम हो गया है” मोना बोली
“चल मैं भी नीचे तक तेरे साथ चलती हूँ” डॉली मेरा मोबाइल बेड पर रखते हुए बोली
और फिर वो दोनो वहाँ से निकल गई और मैं भी सोने की कोशिश करने लगा और अभी अभी मोना के साथ की हुई मेहनत की वजह से जल्द ही मेरी आँख भी लग गई
शाम को मैं उठ कर नीचे आया पापा मम्मी और मेरी दोनो बहने हॉल मे ही बैठे थे
“आज तो बहुत सो लिए बेटा” पापा बोले
“हां पापा पता नही कैसे इतनी गहरी नींद लग गयी थी” मैने घड़ी देखी शाम के 7 बज चुके थे
“आप भी ना बस, उसे अभी काम ही क्या है, देख बेटा अभी छुट्टियों तक तो इनकी मत सुनना जो मन मे आए वही करना” मम्मी बोली
मम्मी की बात सुनकर पापा हंस दिए
“पापा मुझे आपसे एक बात कहनी थी” तभी दीदी बोली
“हां बेटा बोलो” पापा बोले
“पापा वो क्या है ना की परसो मेरी सभी सहेलिया पिक्निक पर जा रही है और मेरी भी बहुत इक्षा है उस पिक्निक पर जाने की तो क्या आप
मुझे जाने देंगे” दीदी सकुचाई हुई सी बोली
“कहाँ की है पिकनिक” पापा ने पूछा दीदी ने उस जगह का नाम बताया
“लेकिन ये तो बहुत दूर है हमारे गाओं से कोई 100 किमी होगा अब बेटा इतनी दूर तुझे अकेला कैसे भेज दे” पापा बोले
“पापा मैं अकेली कहाँ जा रही हूँ सोनू भी साथ जाएगा ना मेरे साथ इस बहाने वो भी घूम आएगा” दीदी झट से बोली
और मैने देखा की दीदी की मुझे साथ ले जाने वाली बात सुनकर डॉली के माथे पर बल पड़ चुके थे
“हां ये ठीक रहेगा इसी बहाने मेरा बच्चा भी थोड़ा घूम फिर लेता, क्योजी” मम्मी बोली”अब जब आपने हुकुम सुना ही दिया है तो हम कॉन होते है कुछ कहने वाले आख़िर सरकार तो आप ही हो ना” पापा बोले और हँसने लगे उनकी बात सुनकर हम सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गई
“तो बेटा प्रोग्राम क्या है और कब निकलना है” पापा ने पूछा
“हमे परसो सुबह 8 बजे कॉलेज पहुँच जाना है फिर वहाँ से सभी अपनी अपनी बाइक या स्कूटी से पिक्निक स्पॉट तक जाएँगे चूँकि शहर से वहाँ तक का रोड अच्छा है इसलिए जल्दी ही वहाँ पहुच जाएँगे और फिर शाम के 5 बजे वहाँ से वापस” दीदी ने बताया
“और खाने का क्या इंतज़ाम है, कही ऐसा ना हो के तू मेरे बेटे को भूखा ही रख दे” मम्मी ने पूछा
“ऑफ…ओह्ह्ह…मम्मी आप भी ना, बहुत से रेस्टोरेंट्स है वहाँ” दीदी झुंझलाते हुए बोली
“हाँ……फिर ठीक है, चलो अब मैं खाने की तैयारी करती हूँ” कहने के साथ ही मम्मी उठ गयी और पापा भी बाहर चल दिए जबकि मैं दोनो बहनों के साथ गप्पे लड़ाने लगा लेकिन डॉली के चेहरे पर अभी भी टेन्षन सॉफ दिखाई दे रहा था थोड़ी ही देर बाद मेरा फोन बजा मैने देखा वो गुड्डू का कॉल था मैं भी कॉल अटेंड करते हुए बाहर को निकल गया
(इधर मेरे बाहर निकलने के बाद)
जैसे ही मैं बाहर निकला डॉली झट से दीदी से बोली “जहाँ तक मैं समझ रही हूँ ये तुम्हारी वोही बाय्फ्रेंड वाली स्पेशल पिक्निक है जिसके बारे मे तुमने मुझे बताया था, है ना”
“हां…..” दीदी टीवी देखते बोली
“तो फिर तुम सोनू को क्यों ले जा रही हो” डॉली ने पूछा
“अब यार मेरा कोई बाय्फ्रेंड तो है नही और मेरा बहुत मन है उस पिक्निक मे जाने का इसलिए सोनू ही सही” दीदी बोली
“लेकिन आज सोनू तुम्हारे कॉलेज भी जा चुका है और तेरी सहेलिया भी उससे मिल चुकी है फिर” डॉली बोली
“लेकिन वो थोड़े ही ना जानती है कि सोनू मेरा भाई है मैने तो उन्हे ये बताया है कि सोनू मेरा बाय्फ्रेंड है” दीदी हँसते हुए बोली
“क्या….तुमने ऐसा किया” डॉली हैरत से बोली
“उस पिक्निक मे जाने के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार थी फिर ये तो मामूली बात है” दीदी ने बताया
“लेकिन अब क्या करोगी, जैसा तुमने मुझे उस पिक्निक के बारे मे बताया था उस हिसाब से तो तुम फँस गई हो अब” डॉली बोली
“वो कैसे….” दीदी ने पूछा
“जब वहाँ तुम्हारी सभी सहेलिया वहाँ अपने बाय्फ्रेंड के साथ चिपकेगी, चुम्माचाटी करेगी और पता नही क्या क्या करेगी तब तुम क्या करोगी” डॉली बोली
“देख यार उन्हे दिखाने के लिए मैं भी सोनू से चिपकी रहूंगी और एक आध किस भी हो गया तो क्या फरक पड़ता है” दीदी ने जवाब दिया
“क्या…तुम अपने भाई के साथ ही किस करोगी” डॉली उसका जवाब सुनकर हक्का बक्का हो गई थी
“अरे किस की ही तो बात है मैं कॉन सा उसके साथ सेक्स कर रही हूँ और वैसे भी इन सात सालो ने दूरिया इतनी बढ़ा दी है कि उसके साथ भाई वाली फीलिंग ही नही आती” दी बोली
“लेकिन फिर भी वो अपना भाई है” डॉली बोली
“फ़र्ज़ कर डॉली कि अगर सोनू गाओं आने से पहले कुछ दिन शहर मे रुकता और हमारी उससे पहचान नही होती और मैं यूँ ही उससे अजनाबियो जैसे मिलती और फिर हम दोनो मे कुछ हो जाता तो और वैसे भी वो इतना हॅंडसम है कि कोई भी लड़की उसे मना नही कर सकती, फिर” दीदी बोली
दीदी की बात सुनकर डॉली थोड़ी देर सोचती रही वो असमंजस मे पड़ी हुई थी फिर बोली “वैसे क्या होता या ऐसे क्या होता ये सब मुझे नही पता लेकिन शायद तुम अच्छा नही कर रही हो कल तुम्हारी सहेलियों को मालूम पड़ गया की सोनू और तुम भाई बहन हो तो फिर तुम्हारी हालत क्या होगी” डॉली बोली
अब सोचने की बारी दीदी की थी
“कल का कल से देखा जाएगा अभी तो मुझे उस पिक्निक मे जाना है वैसे मुझे पूरा यकीन है कि उनमे से किसी को कभी भी पता नही चलेगा
कि सोनू मेरा भाई है” आख़िर मे दीदी बोली
दीदी की बात सुनकर डॉली ने हार मानने वाले अंदाज़ मे अपने कंधे झुका लिए और बोली “ठीक है लेकिन ये
याद रखना कि सोनू हमारा भाई है कही ऐसा ना हो कि वहाँ के मस्ती भरे महॉल मे बहक कर तुम सारी हदे तोड़ दो”
“तुझे क्या लगता है कि मैं ऐसा कर सकती हूँ?” दीदी ने पूछा
“नही- नही मुझे पता है कि तुम ऐसा नही कर सकती मैं तो बस बता रही थी” डॉली हड़बड़ाते हुए बोली
और तभी मैं वहाँ आ गया जिससे इन दोनो ने टॉपिक ही चेंज कर लिया और एक बार फिर हम गपशप मे बिज़ी हो गये…
Dosto kaise lagi chudai ki kahani mail karke jarur bataye Thanks