Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

अपडेट 19

दीदी और मैं शहर के लिए निकल पड़े दीदी ने भी आज बिल्कुल मेरी ही तरह वाइट शर्ट और ब्लू जीन्स पहना हुआ था और वो बहुत सुंदर और हॉट लग रही थी और बिके पर मेरे पीछे दोनो तरफ पैर डाले बैठी हुई थी लेकिन वो मुझसे चिपकी नही थी बल्कि उसने कुछ दूरी बना
कर रखी थी ताकि हमारे बदन आपस मे चिपके नही लेकिन मैं जानता था कि अभी थोड़ी ही देर मे सड़क के गड्ढे उसे मुझसे चिपका देंगे

“वैसे एक बात तो है दी, आज हम दोनो के मेचिन्ग कपड़े देख कर कोई भी पहचान लेगा कि हम भाई बहन है” मैं बोला

“जी नही बल्कि कोई भी ये समझेगा कि हूँ गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड है” दीदी बोली

“वोही तो मैं भी चाहता हूँ कि हम गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड बन जाए लेकिन तुम हो कि मानती ही नही” मैं बोला और तभी रोड पर एक गड्ढा आया और मैने ब्रेक लगाए जिससे दीदी का बदन मेरी बदन से चिपक गया लेकिन अभी भी उसके बूब्स मेरी पीठ पे दबे नही थे तो उसने कुछ नही कहा

“कैसा लड़का है तू अभी कल ही तो तूने मोना को अपनी गर्लफ्रेंड बनाया है और इतनी जल्दी ही मुझे लाइन दे रहा है” दी बोली

“लेकिन मोना के पहले तो मैने तुम्हे प्रपोज़ किया था ना और वैसे भी मोना ने शर्त भी तो रखी है मेरी गर्लफ्रेंड बनने के लिए और अभी वो मेरी गर्लफ्रेंड बनी कहाँ है और वैसे भी अगर तुम मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ तो मोना जैसी 100 कुर्बान” मैं बोला

“वैसे मोना ने शर्त क्या रखी है” दीदी ने पूछा

“वो तो उसने अभी तक बताया ही नही” मैं बोला और मुझे एक बार फिर गड्ढे की वजह से ब्रेक लगाने पड़े और इस बार दीदी की बड़ी बड़ी
चुचियो के मुलायमपन का एहसास मेरी पीठ को हुआ जिससे मैं मस्त हो गया

“तो फिर रात इतनी देर तक तुम दोनो क्या करते रहे” दीदी ने पूछा अभी तक उसने नोटीस नही किया था कि उसके बूब्स मेरी पीठ से टकराए है

“क्या खाक किया, वो मेरे मोबाइल पर लगी हुई थी और इधर उधर की बाते कर रही थी, वैसे तुम क्या समझी थी” मैने पूछा और एक बार
फिर ब्रेक लगा दिया अबकी बार थोड़ा ज़्यादा ही हो गया था इस बार उसके बूब्स पूरी तरह से मेरी पीठ पर दब गये थे

“अरे देख कर गाड़ी चलाना” इस बार दीदी बोली और थोड़ा पिछे हो गई

“देख कर ही तो चला रहा हू अब रोड पर गड्ढे ही इतने है तो मैं क्या करूँ, वैसे तुमने बताया नही कि तुम क्या समझी थी” मैने कहा और
बाइक की स्पीड कम कर दी क्योंकि मैं नही चाहता था कि हम जल्दी शहर पहुच जाए और मेरे मज़े ख़तम हो जाए

अब तक दीदी के बूब्स को महसूस करके मेरा लंड भी टाइट हो चुका था

“मुझे क्या समझना था जिस तरह से मोना तेरे मोबाइल पर पॉर्न पिक्स देख रही थी और तू भी उसे गर्लफ्रेंड बनाने को मरा जा रहा था उससे
तो क्लियर था कि कल रात तुम दोनो बहुत आगे बढ़ने वाले हो लेकिन तू जो कह रहा है वो मानने वाली बात नही है” दीदी बोली

“तो मोना से ही पूछ लेना, फिर तो मेरी बात का यकीन आएगा ना” मैं बोला

“पूछा था मैने लेकिन उसने भी वही जवाब दिया जो तू कह रहा है” दीदी ने बताया

और तब तक एक बार फिर मैने ज़ोर का ब्रेक लगा दिया जिससे दीदी फिर मेरी पीठ से टकराई और बॅलेन्स बनाने के चक्कर मे उसने मेरी कमर को पकड़ना चाहा तब तक बाइक एक गड्ढे मे और उछली जिससे दीदी का हाथ मेरे खड़े लंड से टकराया और बाइक के संभालने तक वही मेरे खड़े लंड को दबाता रहा

“क्या कर रहा है…..आराम से नही चला सकता क्या मैं गिरते गिरते बची हू अभी” दीदी चिल्लाते हुए बोली

“अब इससे ज़्यादा स्लो कैसे चलाऊ, अच्छा एक काम करो तुम मुझसे चिपक कर और मुझे पकड़ कर बैठ जाओ जिससे तुम गिरोगी नही” मैं
बोला और एक बार फिर गड्ढा और रिज़ल्ट वही “ढपक्क….”

“हूंम्म…..अब मैं समझ गई तेरी चाल” दीदी बोली

लेकिन उसका हाथ अभी तक मेरे लंड पर ही था “क्या समझ गई” मैने पूछा

“यही कि तू बगैर मेरे गर्लफ्रेंड बने ही मुझसे गर्लफ्रेंड वाले मज़े लेना चाहता है और ये बार बार ब्रेक लगाने वाली स्टाइल ना बहुत पुरानी हो गई है समझा” दीदी बोली

“अरे वाह तुम तो बहुत समझदार हो लेकिन मज़े तो तुम भी ले रही हो” मैं बोला

“क्या….मैं कहाँ मज़े ले रही हूँ” दीदी कुछ समझी नही

“ज़रा देखो तो तुम्हारा हाथ कहाँ है” मैने उसे बताया

और जैसे ही उसे समझ मे आया कि उसने अपना हाथ मेरे लंड पे रखा है तो झट से हाथ हटा लिया उसका चेहरा शरम से लाल हो गया और बोली “लेकिन इसमे मेरी क्या ग़लती थी गिरने से बचने के लिए ही मैने वहाँ हाथ रखा था मुझे क्या पता था कि वहाँ तेरा……” और कहते कहते
वो चुप हो गई

“वहाँ मेरा क्या….” मैने उसे छेड़ा

“तुझे पता है कि वहाँ तेरा क्या है अब ज़्यादा बन मत, और ज़रा स्पीड बढ़ा हम लेट हो रहे है” वो बोली”लेकिन फिर तुम कहोगी कि मैं जानबूझ कर गड्ढे कुदा रहा हूँ” मैं बोला

“तू उसकी चिंता मत कर मैं जानती हूँ कि तू वैसे भी गड्ढे कुदा कुदा कर अपने मन की करेगा इसलिए मैं वैसे ही तुझसे चिपक जाती हूँ कम से कम जल्दी तो पहुच जाएँगे” कहते हुए सच मुच दीदी मुझसे चिपक गई और मेरी कमर मे अपने दोनो हाथ लपेट लिए जिससे मेरी मुराद
पूरी हो गई और उसके बूब्स की गर्मी मेरी पीठ मे समाने लगी और मैने बाइक की स्पीड बढ़ा दी जिससे लगातार बाइक गड्ढो मे कूद रही थी
जिससे बार बार दीदी के बूब्स मेरी पीठ पर पूरे दब रहे थे जिसका मैं पूरा मज़ा ले रहा था और शायद वो भी मज़े ले रही थी क्योंकि बाइक
धीरे भी कूदती तो वो और ज़ोर से अपने बूब्स मेरी पीठ मे गढ़ा देती थी

खैर कोई 20 मिनट बाद हम उसके कॉलेज पहुच गये जहाँ एंटर करते ही मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी परीस्तान मे आ गया हूँ चारो तरफ
खूबसूरती जैसे बिखरी पड़ी थी पार्किंग के पास पहुचते ही कुछ लड़कियों ने दीदी को देख कर हाथ हिलाया और और मैने बाइक पार्क कर दी

“देख सोनू यहाँ किसी को बताना मत कि तू मेरा भाई है, समझा” बाइक से उतरते ही दीदी मुझसे बोली

“लेकिन क्यों” मैने पूछा

“लेकिन वेकीन छोड़ जैसा कहा है वैसा ही कर” दीदी बोली

“लेकिन इसमे मेरा क्या फ़ायदा है” मैं अडते हुए बोला

“तू मुझे गर्लफ्रेंड बनाना चाहता है ना तो ये सब उसी के लिए है” दीदी ने बताया

“लेकिन उसमे मेरा कॉन सा फ़ायदा है वो तो तुम सिर्फ़ नाम की ही बनोगी ना” मैं बोला

“हो सकता है आगे चल कर काम की भी बन जाउ” दीदी शर्मा कर मुझसे नज़रे चुराते हुए बोली

“अगर ऐसा है तो ठीक है, मुझे मंजूर है” मैं बोला

तभी वहाँ 3-4 लड़किया आ गई और आते ही सबसे पहले उन्होने मुझे जिस नज़र से देखा उससे मुझे सॉफ लगा कि वो लोग मुझसे इंपरेसेड है मैं भी अपनी आँखो से सभी के बदन का नाप करने लगा और एक बात मुझे समझ मे आई कि ये सभी लड़किया फिगर के मामले मे पर्फेक्ट
है सभी के बूब्स और गान्ड बड़े थे और सभी सुंदर थी वो सभी लड़किया नीचे जीन्स पहने हुई थी जबकि उपर कोई टॉप या टीशर्ट पहनी हुई थी

“वाउ……निशा कॉन है ये हॅंडसम” एक लड़की दीदी से हॅंड शेक करती हुई बोली

“बाय्फ्रेंड होगा, हैना निशा” दूसरी बोली

अभी दीदी कुछ बोलती इसके पहले ही तीसरी बोल पड़ी “अरे बता ना कॉन है ये”

“अरे मुझे तो कुछ बोलने दो” दीदी ने कहना चाहा

“हां तो बोल ना हम भी तो यही चाहते है” तीसरी वाली फिर बोली

“ये मेरा दोस्त है सोनू, सोनू ये सभी मेरी सहेलिया है पक्की वाली” दीदी बोली

“हाई गर्ल्स” मैं बोला

“हाई…हॅंडसम” तीसरी वाली मुझसे चिपकती हुई बोली जिससे उसका एक दूध मेरी बाँह से रगड़ खा गया

“ओह्ह्ह्ह…..दोस्त है यानी के लाइन ओपन है, सुना दोस्तो

ये निशा का सिर्फ़ दोस्त है इसलिए जिसका भी अपने बाय्फ्रेंड से मन भर गया हो वो यहाँ ट्राइ कर सकती है” तीसरी वाली बोली

“थॅंक्स निशा हमे इस हॅंडसम से मिलवाने के लिए, वैसे तुम रहते कहाँ हो सोनू” पहली वाली बोली और मेरा हाथ पकड़ लिया

“आए….छोड़ उसे, मेरे सामने ही मेरे बाय्फ्रेंड को लाइन मार रही हो” तभी दीदी उससे मेरा हाथ छुड़ाते हुए बोली “और तू भी ज़रा साइड हो
अगर इसकी बाँह रगड़ने से तेरा मन भर गया हो” दीदी मेरे साइड से चिपकी हुई लड़की से भी बोली

“लेकिन अभी तो तू कह रही थी कि ये तेरा दोस्त है” दूसरी वाली बोली

“अब मुझे क्या पता था कि तुम लोग खुलेआम डाका मारने लगोगी” दीदी बोली

“हाय….निशा तूने तो मेरा दिल ही तोड़ दिया क्या क्या सोच लिया था मैने इस हॅंडसम और अपने बारे मे” तीसरी वाली बोली

“जो भी तूने सोचा था ना तेरे बदले अब वो सब मैं कर लूँगी, ठीक” दीदी कलपते हुए बोली

“सॉरी सोनू, काश तुम मुझे इससे पहले मिले होते, अब तो सारी मलाई निशा ही खाएगी” तीसरी वाली बोली

“वैसे तुम चाहो तो कुछ तुम्हारे हिस्से मे भी आ सकती है” मैं हँसते हुए बोला

“अच्छा वो कैसे निशा के होते हुए भी” उसने पूछा

“डियर अपना दिल दरिया है इसमे तुम सभी समा सकती हो” मैने जवाब दिया

“क्यों निशा अब क्या कहती हो, करोगी इसे मेरे साथ शेर” उसने दीदी से पूछा

अब दीदी ने आँख निकाल कर मुझे देखा और बोली “तुम्हारे दरिया की लंबाई चौड़ाई मैं बाद मे नापति हूँ, अब पेपर का टाइम हो गया है तुम
जाओ और ठीक तीन घंटे बाद यही मिलो, ओके”

दीदी की बात सुनकर वो सभी लड़किया हँसने लगी “ओके..” मैं बोला और मैने बाइक स्टार्ट कर ली

“बाइ….” एक साथ वो सभी बोली

“बाइ” मैंने भी कहा और वहाँ से निकल गया अब मुझे तीन घंटे शहर मे घूम कर ही बिताने थे क्योंकि अगर गाओं भी जाता तो आने जाने मे बहुत टाइम लगना था उसपर रोड भी खराब था तो मैं शहर ही घूमने लगा

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