Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1

अपडेट 17

मोना दरवाजे की तरफ बढ़ते जा रही थी और इधर मेरा दिल बैठे जा रहा था ढीले ढाले लोवर मे मोना के थिरक्ते कुल्हो का नज़ारा मुझे और जला रहा था

मोना दरवाजे के पास पहुचि और उसने लॉक खोल लिया मेरा दिल किया कि अभी लपक कर जाउ और उसे पकड़ लूँ लेकिन अब ऐसा कुछ
करना अपने हाथ से अपनी बेइज़्ज़ती करवाना था इसलिए मरे मन से मैं उसे देख रहा था तभी मोना ने लॉक वापस लगा दिया मेरे मन मे उम्मीद की कुछ किर्ने जागी लॉक लगा कर मोना वापस मूडी और मेरा चेहरा देखते ही उसकी हँसी छूट गई chudai

“ऐसा मुँह क्यों बना रखा है, मैं सिर्फ़ लॉक चेक करने गई थी और शायद तू ये समझा कि मैं वापस जा रही हू” वो हँसते हुए बोली और मेरे पास आ कर खड़ी हो गई

अब मैं कोई मौका नही छोड़ना चाहता था मैं झट से उठा और उसे गले से लगा लिया और दीवानो की तरह उसके गालो को चूमने लगा उसके बदन से आती मादक खुश्बू से एक बार फिर मेरा लंड फुल टाइट हो गया और उसकी नाभि के पास कहीं ठोकर मारने लगा अब तक मेरे हाथ उसकी पीठ पर घूमने लगे थे तभी मोना ने मेरा चेहरा अपने दोनो हाथो से पकड़ा और मेरे होंठो से अपने होंठ जोड़ लिए एक धुआँधार
किस शुरू हो चुकी थी और वो मुझसे इस तरह से चिपकी थी कि उसकी चुचिया पूरी तरह मेरे सीने मे दबी हुई थी उस पर मैं उसे पीठ से और अपनी तरफ दबा दबा कर उसके बूब्स की सॉफ्टनेस का मज़ा ले रहा था अब मोना मेरे होंठो को चूसने लगी थी और मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था अब मैनेअपने दोनो हाथ उसके विशाल मांसल कुल्हो पर रख दिए और उन्हे दबाने लगा मेरे ऐसा करने से मोना और भी ज़्यादा जोश मे आ गई और अपनी जीभ मेरे मुँह मे घुसेड कर मेरी जीभ को चूसने लगी

कुछ देर तक उसके कुल्हो को दबाने के बाद मैं अपनी एक उंगली उसकी गान्ड की दरार मे घुमाने लगा जिससे मोना की बेकरारी और बढ़ने लगी और इधर मेरा लंड भी झटके मारने लगा था तभी मुझे अपनी उंगली उसकी गान्ड के छेद पर महसूस हुई और मैं अपनी वो उंगली
उसकी गान्ड मे घुसाने लगा कपड़ो के कारण उंगली उसकी गान्ड मे तो जा नही सकती थी लेकिन इससे मोना बार बार सिसकिया ज़रूर ले रही थी

तभी मोना ने अपना एक हाथ पिछे कर के मेरा हाथ पकड़ा और उसे लोवर के उपर से ही अपनी चूत पर रख दिया मैं समझ गया कि इसकी चूत मे बहुत खुजली हो रही और मैं उसकी चूत को कपड़ो के उपर से ही अपनी मुट्ठी मे भर कर दबाने लगा

“आह…….अफ……आआ….म..” अब जैसे मोना पागल सीहो गई थी उसने मुझे किस करना बंद कर दिया और आँखे बंद कर के मेरे कंधो पर अपना सिर टीका कर अपनी चूत रागड़ाई का मज़ा लेने लगी

अब मेरा भी धैर्य जवाब देने लगा था मैने मोना को अपने से अलग किया और उसकी टीशर्ट उतारने लगा मोना ने भी कोई विरोध ना करते हुए अपने हाथ उपर कर दिए एक पल बाद ही मोना के ब्रा मे फँसे बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखो के सामने थे मेरा मन किया कि अभी उन्हे दबा दबा कर निचोड़ डालु chudai

लेकिन मैने जैसे तैसे अपने आप को रोका और एक झटके से उसका लोवर भी उसकी एडियों तक खिच दिया जिसे मोना ने अपने पैरो से बाहर निकाल दिया अब वो मेरी मनपसंद मुद्रा मे मेरे सामने खड़ी थी मैं बड़े गौर से उसे देख रहा था साली फुल पटाखा थी कहीं से भी कम नही थी उसकी बड़ी बड़ी चुचियों के नीचे सपाट पेट पर गहरी नाभि और उसके नीचे केले के तने जैसी भरी हुई जाँघो के बीच पैंटी के अंदर
फूली हुई चूत क्या मस्त लग रही थी अब मैं उसके पिछे साइड आकर उसकी गान्ड के दर्शन करने लगा जिसकी दरार के अंदर अभी उसकी पैंटी फँसी हुई थी

“उधर पिछे से क्या देख रहे हो देखने की चीज़ तो सामने है” वो शरमाते हुए बोली

“तुझे नही पता मोना कि तू क्या चीज़ है तू हर तरफ से लाजवाब है” मैं बोला और मैने भी अपनी संडो और लोवर निकाल दिया अब मैं उपर
से पूरा नंगा था और नीचे सिर्फ़ मेरी चड्डी थी जिसमे से मैने लंड को भी बाहर निकाल लिया था लेकिन मोना ये नही जानती थी

मैं आगे बढ़ा और मैने मोना को पिछे से अपनी बाँहो मे भर लिया और उसकी गर्दन चूमते हुए उसकी चुचियो को ब्रा के उपर से ही मसल्ने लगा और इधर मेरा लंड मोना की गान्ड पर ठोकरे मारने लगा ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं स्वर्ग मे आ गया हूँ मोना की सख़्त लेकिन मुलायम चुचियो को दबा कर जैसे मैं निहाल हो गया था मोना भी आँखे बंद कर चुकी थी और अपने दूध दबवाने का पूरा मज़ा ले रही थी तभी मैने
एक हाथ उसकी पैंटी मे घुसेडकर उसकी चूत को सहलाने लगा मोना कसमसाने लगी और उसने अपना एक हाथ पीछे कर मेरी गर्दन को पकड़ लिया

अब मैने अपना दूसरा हाथ भी उसके दूध से हटाया और पीछे लाकर उसकी पैंटी को नीचे कर के अपना लंड उसकी गान्ड की दरार मे फँसा कर खड़े खड़े ही धक्के मारने लगा मोना को अपनी गान्ड पे मेरा नंगा लंड महसूस होते ही उसने अपना दूसरा हाथ पिछे लाकर मेरा लंड पकड़ लिया

“अरे तूने कपड़े कब उतारे और इसे क्यों बाहर निकाला” वो बोली

“क्यों, मज़ा नही आरहा है क्या कहे तो हटा लूँ” मैं वैसे ही धक्के मारते हुए बोला

“नही हटा मत लेकिन वो जगह ग़लत है, रुक मैं इसे रास्ता दिखाती हूँ” कह कर मोना ने मेरे लंड को थोड़ा नीचे कर अपनी चूत पर सेट कर लिया

“मोना क्या तू तैयार है” मैं उसका इशारा समझ कर बोला

“किस लिए” उसने पुछा

“चुदने के लिए” मैं बोला

“छ्हीईइ…..कैसे गंदे वर्ड यूज़ करता है तू” वो बोली

“अब चोदने को चोदना नही कहूँगा तो और क्या कहूँगा, अब बता क्या तू तैयार है” मैं बोला

“मुझे नही पता तुझे जो लगे कर” वो धीमे स्वर मे बोली

अब मुझे हरी झंडी मिल गई थी मैं उसकी चूत से बहते हुए पानी का अंदाज लगा कर पहले ही समझ गया था कि ये चुदने से मना नही करेगी अब मैने जल्दी से उसकी ब्रा और पैंटी को उसके बदन से अलग किया और उसे बेड पर धकेल कर खुद की चड्डी उतार कर बेड पर आ गया जहाँ मोना पूरी नंगी पड़ी हुई थी लेकिन अब उसने अपने एक हाथ से अपनी चूत को छुपा लिया था जबकि अपना एक हाथ अपनी आँखो पर रख लिया था

“अब कैसा शरमाना जान अब तो तू कली से फूल बनने वाली है इसका पूरा मज़ा ले” मैं बोला और मैने उसका हाथ उसकी चूत से हटा दिया और उसकी चूत की एक पप्पी ले ली और उसके बाद उसके बड़े बड़े बूब्स को मुँह मे भर कर चूसने लगा कभी कभी मैं उसके बूब्स या
निपल पर काट भी लेता था मेरा लंड मोना की चूत से लेकर नाभि तक रगड़ खा रहा थाइन सब से मोना तो जैसे सातवे आसमान पर पहुच गई थी उसने अपने दोनो ही हाथो की मुट्ठी मे बेड की चादर भींच रखी थी और इधर मेरे
लंड का भी बुरा हाल था जिससे बूँद बूँद गढ़ा चिपचिपा पानी बाहर आते ही जा रहा था

जब मेरा दिल मोना के बूब्स से भर गया तो मैने

उसकी दोनो टाँगे फैला कर उठा ली और अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर सेट कर दिया सुबह उस बंजारन से की चुदाई का ज्ञान अब मेरे काम आरहा था

“आर यू रेडी” मैने पुच्छा

मोना कुछ बोली तो नही लेकिन उसने हां मे गर्दन हिला दी अब मैने देर करना ठीक नही समझा और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया जिससे मेरा लंड तो मोना की चूत मे दो इंच घुस कर रुक गया लेकिन मोना के मुँह से एक चीख निकल गई लेकिन वो इतनी तेज़ नही थी कि रूम से बाहर जाती लेकिन अब मोना ने हाथ पैर झटकते हुए मुझे हटाने की कोशिश करना शुरू कर दिया था लेकिन वो मुझे हटा नही पा रही थी
अब मैने उसके होंठो पर अपने होठ रखे और अपने लंड का दबाव उसकी चूत पर और बढ़ा दिया लंड थोड़ा थोड़ा अंदर जाने लगा और मोना मछली की तरह तड़पने लगी लेकि मैं रुका नही और मैं अपना पूरा लंड उसकी चूत मे घुसेड कर ही माना मोना के मुँह से गुणन्ं….गन….. की दबी दभी आवाज़ आ रहीथी लेकिन अब मोना हाथ पाँव तो नही चला रही थी लेकिन उसकी आँखो से आँसुओ की धार लगी थी और चेहरे पर बहुत जायद दर्द के भाव थे

मैने अब उसके मुँह से अपना मुँह हटा लिया लेकिन लंड अभी भी पूरा उसकी चूत मे ही था

“कितना बेरहम है तू, तुझे दूसरे के दर्द का ज़रा भी एहसास नही होता क्या जान ही निकाल कर रख दी मेरी थोड़ा रुक जाता तो क्या जाता तेरा” वो सुबक्ते हुए बोली

“देख मोना ये दर्द तो सभी लड़कियो को पहली बार मे होता ही है अगर मैं तब रुक जाता तो शायद फिर कभी तू मुझे चोदने का मौका ही नही देती, देख अब पूरा लंड अंदर जा चुका है और जितना दर्द तुझे होना था वो भी हो चुका अब तो तू बस चुदाई के मज़े ले” मैं बोला

“अभी रुक अभी धक्के मत मारना अभी भी दर्द हो रहा है” वो बोली

दर्द तो मुझे भी हो रहा था ऐसा लग रहा था कि लंड बुरी तरह से छिल गया है लेकिन चुदाई अधूरी भी नही छोड़ सकता था इसलिए अब मैं एक बार फिर मोना के बूब्स खेलने मे लग गया और जब कुछ देर बाद मोना ने अपनी कमर हिलाई तो मैने धक्के लगाने शुरू कर दिए कुछ धक्को के बाद ही मोना की चूत पूरी तरह से गीली हो गई और अब लंड अच्छे से इन-आउट होने लगा था अब मोना भी सेक्सी आवाज़े
निकालते हुए नीचे से धक्के लगाते हुए मेरा पूरा साथ दे रही थी और कोई 5 मिनिट बाद ही मुझे लगा जैसे मेरा होने वाला है तभी मोना का शरीर भी अकड़ गया और वो आहे भरते हुए झड़ने लगी

“ओह……मययी……गॉड……आहह…..सोनू.पा… पता नई मुझे क्या हो रहा है……” मोना के मुँह से निकला

और उसकी कमर बेड से उपर उठ गई और इधर मैं भी उसकी कुवारि चूत के अंदर पिचकारिया छोड़ने लगा हम दोनो एक साथ ही झड चुके थे

थोड़ी देर बाद मैं मोना के उपर गिरे हुए ज़ोर ज़ोर से हांप रहा था जैसे कोई मेराथन दौड़ कर आया हूँ और मोना की साँसे भी लोहार की धौंकनी की तरह चल रही थी

कोई 10 मिनिट बाद हम नॉर्मल हुए तो मोना की निगाह घड़ी की तरफ गई रात के 12.30 बज गये थे

“सोनू हट……निशा की पढ़ाई भी हो चुकी है अगरवो यहाँ आ गई तो लफडा हो जाएगा” मोना बोली और उसने मुझे हटा दिया

जैसे ही मैं उसके उपर से हटा हम दोनो की ही निगाह मोना की चूत पर गई जिसमे कुछ खून लगा हुआ था और चूत के नीचे चादर पर भी दो चार बूँद खून लगा हुआ था जिसे देखते ही हम दोनो के होंठो पर मुस्कान आ गई थी

“बहुत गंदा है तू तूने आज मुझे खराब कर ही दिया लेकिन यार तूने अपना माल मेरे अंदर ही निकाला था कहीं कुछ हो गया तो” वो बेड से
उठते हुए बोली

“इसमे मेरी क्या ग़लती है मैने तो तुझसे पुछा था और तेरे हां कहने के बाद ही मैने कुछ किया, और तू चिंता मत कर मैं कल ही शहर से तुझे ई-पिल ला दूँगा कुछ नही होगा” मैं बोला

“चल अब भाषण बंद कर और ये चादर मुझे दे और बेड पर दूसरी बिच्छा ले जब तक मैं धोती हूँ” कह कर मोना ने वो चादर उठाई और उसे
लेकर बाथरूम मे चली गई

मैं भी बेड से उतरा और पास पड़ी मोना की पैंटी से अपने लंड को सॉफ करके मैने अपने कपड़े पहन लिए फिर मैने दूसरी चादर बेड पर बिच्छा दी तब तक मोना भी अपनी चूत सॉफ करके वापस आ गई थी उसने जैसे ही अपनी पैंटी उठाई उसे पता चल गया कि मैने क्या किया है

“सच मे बहुत गंदा है तू…..” वो बोली लेकिन वही पैंटी पहनना उसकी मजबूरी थी तो उसने जल्दी से अपने सारे कपड़े पहने और बेड पर बैठ गई और मेरा मोबाइल देखने लगी मैं भी दरवाजा खोल कर बेड पर लेट गया और हम दोनो नॉर्मल बाते करने लगे कोई 15 मिनिट बाद दीदी रूम मे आई

“अरे अभी तक बाते ही कर रहे हो तुम दोनो” वो बोली

“तो और क्या करे” मैं बोला

“म..म…मेरा मतलब था रात बहुत हो गई है अब हम सभी को सो जाना चाहिए” दीदी बोली

“ओह्ह्ह….मैं तो कुछ और ही समझा था” मैं बोला

“मैं तेरे मुँह नही लगना चाहती, चल मोना अब चलते है कल सुबह जल्दी उठना है” दीदी बोली और दरवाजे की तरफ बढ़ गई मोना भी उसके पिछे हो ली

“सोनू सुबह तू भी जल्दी उठना कल मेरा पेपर है और तुझे मुझको कॉलेज लेकर चलना है” दीदी
दरवाजे के पास जाकर बोली

“मेरी नींद जल्दी नही खुलती तुम ही उठा देना मुझे” मैने जवाब दिया

“ओके गुड नाइट…..” दी बोली और रूम से बाहर निकल गई मोना पहले ही जा चुकी थी

मैं भी उठा और दरवाजा बंद करके वापिस बेड पर लेट गया और अभी थोड़ी देर पहले जो हुआ उसे याद करने लगा और सोचा कि सच मे सुकून की ही चुदाई मे मज़ा आता है जैसा मोना को चोदने मे आया था वरना सुबह की चुदाई से तो घृणा ही आई थी और पता नही यही सब सोचते हुए कब मुझे नींद लग गई……….

अपडेट 18

सुबह मुझे दीदी ने उठाया कल दिन और रात की चुदाई की वजह से मुझे बहुत थकान हो रही थी और मैं कुछ देर और सोना चाहता था लेकिन दीदी का आज पेपर था इसलिए मजबूरी मे मुझे उठना ही पड़ा साला रात को मोना की चुदाई के बाद से लंड भी बहुत दर्द कर रहा था उसके मुँह पर बहुत जलन हो रही थी जो मुझे अलग परेशान किए जा रही थी जिसके लिए मैने किशन को फोन लगाया और उसे अपने लंड
के लिए दवाई पूछी लेकिन उसे ये नही बताया कि रात मैने मोना को चोदा था मेरी बात सुनकर वो हंसा और बोला कुछ नही होता यार तू
वहाँ थोड़ा घी लगा ले कुछ देर मे ही आराम मिल जाएगा उसकी बात सुनकर मैने राहत की सांस ली और फिर नहा धो कर नीचे की तरफ चल दिया chudai

आज मैने वाइट शर्ट के साथ ब्लू जींस पहनी थी शर्ट का उपर का एक बटन खोल रखा था जबकि आस्तिने भी मोडी हुई थी चेहरे पर दो दिन की हल्की हल्की शेव थी और पैरो मे मैने ब्लॅक जूते पहने थे आज मैं अपने आपको ही बहुत स्मार्ट और हॅंडसम लग रहा था जोकि मैं था भी
वरना मोना जैसी मस्त माल मुझे इतनी जल्दी चोदने कैसे देती

मैं नीचे हॉल मे पहुचा और टीवी चालू कर लिया “आज सुबह सुबह इतना बन ठन के कहाँ चले भाई” तभी मुझे किसी की आवाज़ आई मैने
देखा तो हैरत मे पड़ गया वो डॉली थी

“तू….तूने मुझसे बात की” मैं आश्चर्य से बोला

“क्यों मैं तुझसे बात नही कर सकती क्या” वो बोली

“नही ऐसी बात नही है वो तू मुझसे नाराज़ थी ना इसलिए पूछा” मैं बोला

“हुम्म…..रात मैने तेरे बारे मे सोचा तो सच मे मुझे तेरी कोई ग़लती नही लगी अगर तू जानता होता कि मैं तेरी बहन हूँ तो तू कभी भी वैसा नही करता और फिर आज कल के सारे लड़के एक जैसे ही होते है लड़की को देखते ही उनकी लार टपकने लगती है इसलिए मैने तुझे माफ़ कर दिया” डॉली बोली

“ओह्ह्ह….थॅंक्स डॉली, तो अब दुश्मनी ख़तम और दोस्ती शुरू” मैं बोला

“ओये….मैं तेरी दुश्मन कब थी वो तो बस नाराज़ थी थोड़ा और मैं तेरी बहन हूँ वैसे ही हमारा एक रिश्ता है तो ये दोस्ती का रिश्ता क्यों” वो बोली

“बस ऐसे ही असल मे भाई बहन आपस मे अपनी कोई बात शेयर नही करते लेकिन दोस्ती मे चलता है उसपर एक बात और है कि अगर तू किसी को कहेगी कि ये मेरा भाई है तो कोई भी तेरी तारीफ नही करेगा लेकिन अगर तू ये कहेगी कि ये मेरा दोस्त है तो कोई भी कहेगा कि
वाह….डॉली कितना हॅंडसम है तेरा फ्रेंड” मैने शोखी बघारी

“क्या…..तू और हंडसॅम? पागल हो गया है क्या,पहले ज़रा आईने मे अपनी सूरत तो देख एकदम बंदर लगता है” वो बोली

“अगर मैं बंदर जैसा लगता हूँ तो फिर तो पक्का तू मेंढक जैसी लगती होगी आईने मे टररर…टर्ररर…” मैने भी उसे चिड़ाया

“क्या….तूने मुझे मेंढक कहा” इतना कह कर वो मेरी तरफ लपकी लेकिन मैने भी दौड़ कर पास आती मम्मी की ओट लेली

“अरे क्या हुआ तुम लोग ऐसे भागा दौड़ी क्यो कर रहे हो” मम्मी डॉली को रोकती हुई बोली

“मम्मी इसने मुझे मेंढक कहा” डॉली तिनकते हुए बोली

“नही मम्मी पहले इसने मुझे बंदर कहा क्या मैं बंदर जैसा लगता हू” मैने कहा

“चलो अब लड़ाई बंद करो और नाश्ता कर लो” मम्मी बोलीतब तक काम वाली बाई नाश्ता ले आई

“देख लूँगी तुझे बाद मे” डॉली बोली और कुर्सी पर बैठ गई

“मम्मी दीदी और मोना कहाँ है” मैने पूछा

“बेटा आज उसका पेपर है ना तो मंदिर तक गई है” मम्मी ने बताया

“लेकिन तुझे दीदी से क्या काम है” डॉली ने पूछा

“दीदी ने कहा है कि आज उनका पेपर है तो मैं उन्हे कॉलेज ले जाउ” मैने बताया

“ओह्ह……तो ये बात है, तभी इतना सज़ा धज़ा है लेकिन वहाँ तेरी दाल नही गलने वाली वहाँ सभी लड़किया तेरे से बड़ी है” नाश्ता करते हुए
डॉली ने फिर मुझे चिड़ाया

“वो तो जब मैं वहाँ पहुचूँगा तभी मालूम पड़ेगा वैसे वापस आने पर तू दी से पूछ लेना”
मैं बोला

“मैं जानती हूँ वहाँ क्या होगा दी से पूछने की मुझे कोई ज़रूरत नही है” डॉली बोली

तभी दीदी वापस आ गई और मुझे देखते ही उसने सीटी बजाई और बोली “ओये हीरो, तू मुझे कॉलेज छोड़ने जा रहा है या किसी फोटो शूट मे जा रहा है”

“क्या मतलब….” मैने पूछा

“आबे इतना बन-ने सवारने की क्या ज़रूरत थी” दीदी बोली

“क्या….तुम दोनो भी ना, मेरे बेटे को क्यों नज़रलगा रही हो” इतना कह कर मम्मी उठी और कहीं से लाकर एक कला टीका मेरे माथे पर लगा दिया

“अले…मेला प्याला बच्चा…..” डॉली ने मम्मी को चिड़ाया

“अब बकवास बंद करो और चुपचाप नाश्ता करो मुझे और भी कई काम है” मम्मी ने डॉली को डांटा

और फिर हम सभी चुपचाप नाश्ता करने लगे नाश्ते के बाद मम्मी अंदर चली गई और मैं और दीदी बाहर निकल गये तभी डॉली ने मुझे अंदर बुलाया

“हां….क्या बात है” मैं बोला

“बस तुझे एक बात बतानी थी” डॉली बोली

“क्या” मैने पूछा

“सच मे आज दी के कॉलेज की लड़कियो की खैर नही, आज तू लग ही इतना स्मार्ट रहा है लेकिन याद रखना किसी को साथ मे घर मत ले आना जो करना है वही करना वरना पापा को तो तू जानता ही है” डॉली बोली और हँसने लगी chudai

“तू कहे तो मैं जाता ही नही, आज दिन भर तेरे पास ही बैठता हूँ” मैं मुस्कुराते हुए बोला

“मेरे साथ तेरी दाल नही गलने वाली तू वहीं जा”

डॉली बोली

“ओके….जैसी तेरी मर्ज़ी लेकिन बाद मे कुछ नही कहना” मैं बोला

“बाद की बाद मे देखेंगे अब जा दी बाहर खड़ी है, बाइ” डॉली बोली

“बाइ” मैने भी जवाब दिया और बाहर आकर बाइक स्टार्ट की और दीदी को बैठा कर आगे बढ़ा दी

आज डॉली के बात करने से मुझे बहुत अच्छा लगा था मेरे सिर से एक टेन्षन ख़तम हो चुका था..chudai Adultery चुदने को बेताब पड़ोसन – hindi chudai ki kahani

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