Chudai मेरा परिवार और मेरी वासना – Part 1


अपडेट 9

नाश्ते के कुछ देर बाद लगभग 10 बजे किशन और अशोक मेरे घर आए जहाँ उन्होने पापा से मुझे पार्टी देने की बात कही और मुझे
साथ लेजाने के लिए उनसे इजाज़त माँगी तो पापा ने बेहिचक इजाज़त दे दी क्योंकि वो भी जानते थे कि इतने दिनो बाद मिले दोस्तो मे इतना सब तो चलता ही है

घर से मैं अपनी बाइक पर निकला मेरे साथ अशोक था हम किशन की बाइक पिछे पिछे चल रहे थे जो उसके खेत की तरफ जा रही थी किशन का खेत गाओं से कोई 2 किमी दूर था और इसीलिए उधर बहुत कम लोगो का आना जाना होता था इसलिए ये जगह बहुत अच्छी
थी चुदाई जैसे काम के लिए

हम लोग खेत मे बने उस मकान मे पहुचे जिसमे एक बहुत बड़ा हॉल था जो शायद तैयार फसल रखने के काम आता होगा लेकिन अभी वो खाली था और साइड मे दो रूम बने हुए थे पीछे एक कमरा और बना हुआ था जिसमे एक लकड़ी से जलने वाला चूल्हा था जहाँ किशन
का एक नौकर मुर्गा काटने मे लगा हुआ था

“क्यों भाई छोटे कितना टाइम लग जाएगा मुर्गा बनने मे” अशोक ने पुछा

“बस कोई आधा घंटा” नौकर जिसका नाम छोटे था बोला

“और रोटी चावल का क्या इंतज़ाम है” मैं इधर उधर देखते हुए बोला

“वो सब आइटम ढाबे से ला लिया है खाना खाते वक्त गरम कर लेंगे” किशन बोला

“अरे छोटे वो लोग आई कि नही” तभी अशोक बोला “आ गई है भैया रूम मे बैठी है” छोटे बोला

“वो लोग मतलब, एक से ज़्यादा को बुलाया है” मैने पुछा

“नही तो क्या हम दोनो बगैर चुदाई के रह जाते, तीनो के लिए तीन बुलाई है पर पहला चान्स तेरा होगा कि तीनो मे से तू जिसे पसंद कर लेगा वो तेरे साथ जाएगी बाद हम दोनो आपस मे देख लेंगे” अशोक बोला

“तो चलो फिर देर क्यों कर रहे हो” किशन बोला और अंदर बने एक रूम की तरफ बढ़ गया

मैं और अशोक भी उसके पिछे चलने लगे लेकिन मेरी हालत अजीब सी हो गई थी ज़िंदगी की पहली चुदाई करने के नाम से ही मेरा बदन काँपने लगा था और धड़कने भी तेज हो गई थी गला सुख चुका था भले ही मैने बहुत सी ब्लू फिल्म देखी थी लेकिन जब प्रॅक्टिकल का
समय आया तो मैं समझ नही पा रहा था कि मैं ये सब कैसे करूँगा

हम तीनो रूम मे पहुचे जहाँ तीन लड़किया बैठी थी उसमे से एक शादी शुदा थी बाकी दो कुवारि थी दोनो कलर तीनो का ही सावला था लेकिन नाक नक्श बढ़िया बने हुए थे हमे आते देख तीनो ही लड़किया खड़ी हो गई

“ले भाई पसंद करले अपने लिए कोई भी” किशन मुझसे बोला

“म..मा…” मेरे मुँह से कुछ भी निकल नही पा रहा था

“अबे ये क्या बकरी की तरह मे मे कर रहा है जल्दी से बता किसे चोदेगा तू” अशोक बोला

अब मैने धययन से तीनो को देखा दोनो कुवारि लड़किया 20-21 साल की रही होगी जबकि तीसरी कोई 25 की होगी लेकिन हर तरफ से
भारी भारी लग रही थी उसके दूध और गान्ड उन दोनो लड़कियो से बड़े थे और चेहरा भी बहुत आकर्षक था तो मैने उसकी तरफ इशारा कर दिया

“गई भैंस पानी मे, अबे ज़िंदगी की पहली चुदाई कर रहा है वो भी शादीशुदा के साथ करेगा” किशन बोला

“अब यार जब इसे वही पसंद है तो ठीक है और वैसे भी ये दोनो सिर्फ़ नाम की कुवारि है गड्ढे तो तीनो के एक जैसे ही बड़े है” अशोक बोला

“ये भी ठीक है, तो चलो अपन चारो साइड वाले रूम मे चलते है इन दोनो को यही करने दो” किशन बोला

“लेकिन तुम दोनो एक ही रूम मे” मैने पुछा

“भाई ये तेरा पहला टाइम है इसलिए तू अलग रूम मे है अगली बार हम तीनो एक ही रूम मे करेंगे समझे, और हां तू देखना हमारे दोस्त का पहली टाइम है ख़याल रखना की उसे पूरा मज़ा आए” अशोक बोला और फिर वो चारो वहाँ से निकल गये

अब रूम मे मैं और वो लड़की दोनो ही थे वो आगे बढ़ी और उसने दरवाजा बंद कर दिया और मुझे देखने लगी लेकिन मेरे तो हाथ पाव सुन्न पड़े हुए थे मैं अपनी जगह से हिला भी नही

“क्या नाम है बाबू तेरा, और क्या सच मे ये तेरा पहली बार है” उसने पुछा

“स.स…सोनू, और ये मेरा पहली बार ही है” मैं हकलाते हुए बोला

“तो फिर चल आजा, और शुरू हो जा” वो बोली

“लेकिन मुझे तो कुछ आता ही नही” मैं बोला

“क्यों, क्या कभी नंगी फिल्म नही देखी है” वो हँसते हुए बोली

,”देखी है लेकिन देखने और करने मे बहुत फरक होता है” मैं बोला

“तो चल कपड़े उतार मैं सिखाती हूँ तुझे” वो बोली और अपनी साड़ी उतारने लगी कुछ ही देर मे वो सिर्फ़ पैंटी मे मेरे सामने खड़ी हुई
थी उसके बड़े बड़े बूब्स खुली हवा मे सांस ले रहे थे इधर मैं भी अब तक सिर्फ़ चड्डी मे हो चुका था

“देख बाबू उम फ़िल्मो मे बहुत कुछ दिखाया जाता है जैसे लंड और चूत चूसना जो कि हक़ीकत मे कही कही ही होता है मैं बाकी सब
को तैयार हू लेकिन तेरा लंड मुँह मे नही लूँगी ठीक” वो बोली

“ओके” मैं बोला

मेरे इतना बोलते ही वो नीचे बिछि चटाई पर लेट गई और मुझे इशारे से पास बुलाया मैं उसके पास पहुचा और उसके बूब्स को घूर्ने लगा वो शायद मेरा मतलब समझ गई थी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने एक दूध पर रख दिया और बोली “इससे मुझे कोई ऐतराज नही है जितना चाहे इनसे खेल इन्हे दबा”

पहली बार मेरे हाथ किसी लड़की के बूब्स पर थे उसके बूब्स को अपने हाथो मे महसूस करके पता नही मुझे क्या हुआ मैं उन्हे ज़ोर ज़ोर
से मसल्ने लगा जिससे वो दर्द के मारे कराहने लगी

“अरे पागल है क्या, जनवरो की तरह क्यों कर रहा है जो भी करना है आराम से कर प्यार से कर मैं तो धन्दे वाली हूँ इसलिए सहन कर गई वरना कोई शरीफ लड़की होती ना तो दोबारा हाथ भी नही लगाने देती” वो बोली

उसकी बात सुनकर अब मैं धीरे धीरे उसके बूब्स दबा रहा था और इधर मेरा लंड अंडर वेर मे अकड़ कर दर्द करने लगा था

“तू भी कुछ करना मेरे लंड का” मैं बोला और मैने अपनी चड्डी उतार दी

मेरा लंड नंगा होते ही उसने उसे मुट्ठी मे भर लिया और ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए आगे पिछे करने लगी

और मैं मैं कभी उसके बूब्स को दबाता कभी चूस्ता कभी उसके निपल्स को निचोड़ता तो कभी दाँतों से काट-ता लगभग कोई 5 मिनिट बाद वो बोली “देख बाबू इतना टाइम नही है अपने पास ये सब करना हो तो कभी पूरी नाइट के लिए बुक कर लेना अब चल जल्दी से चोद चाद कर मुझे रवाना कर और भी ग्राहक खड़े होंगे मेरे टोले पर”

मुझे गुस्सा तो आया कि पहली चुदाई वो भी जल्दी मे लेकिन क्या करता उसकी बात भी सही थी और फिर यहाँ कोई आ भी सकता था इसलिए जल्दी कर लेना ही बेहतर था

अब उसने अपनी दोनो टाँगे फैला ली थी पहली बार मेरी नज़र उसकी चूत पर पड़ी वो थी तो बगैर बाल की लेकिन बहुत काली और उसके लिप्स भी बहुत फैले हुए थे ब्लूफिल्म की चूत से उसकी चूत की तुलना करने पर मुझे लगा कि अगर ब्लूफिल्म मे भी ऐसी ही चूत दिखाते तो शायद ब्लूफिल्म बिकना ही बंद हो जाती खैर मैं भी अब उसकी टाँगो के बीच आ गया उसने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पर लगाया और मुझे धक्का मारने को कहा मैने भी ज़ोर लंड पेल दिया जो उसकी सुखी चूत की रगड़ से छिल सा गया फिर
मैने धीरे धीरे करके सारा लंड उसकी चूत मे उतार दिया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड किसी गरम भट्टी मे आगे पिछे हो रहा हो कुछ धक्को के बाद उसकी चूत भी गीली हो गई और अब मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगाने लगा कोई 15 – 2
0 धक्को के बाद मैं उसकी चूत मे ही झड गया और कुछ देर तक उस पर पड़े पड़े ही हान्फता रहा मेरी ज़िंदगी की पहली चुदाई पूरी हो
गई थी जो सुखी सुखी ही थी लेकिन पहली बार मैं किसी चूत मे झडा था तो मुझे मज़ा भी आज तक का सबसे ज़्यादा आया था

“चलो अब उठो” वो बोली

मैं उस पर से उठा और पास ही पड़े एक कपड़े से अपना लंड पोछा और अपने कपड़े पहनने लगा

“एक बात बोलू बाबू पहली बार मे ही तूने बहुत लंबा खिचा है अगर तुझे चैन से चोदने को मिले ना तो शायद तू तो चुदने वाली की चूत का भुर्ता बना देगा” वो कपड़े पहनते हुए बोली

“वैसे तूने तेरा नाम नही बताया” मैने पुछा

“तूने अभी तक पुछा ही कहाँ था वैसे मेरा नाम रेखा है” वो बोली

अब तक हम दोनो ही कपड़े पहन चुके थे और हम बाहर निकले बाहर अशोक और किशन हॉल मे बैठे हुए थे

“बड़ी देर लगा दी भाई” अशोक मुझे देखते हुए बोला

मैं बस मुस्कुरा कर रह गया

वो लड़की तब तक पिछे जाचूकी थी

“भाई मज़ा आया कि नही” किशन ने पुछा

“यार ज़िंदगी की पहली चुदाई की है मज़ा तो आना ही था लेकिन जैसा फ़िल्मो मे देख कर सोचा था उतना मज़ा नही आया” मैं बोला

“वैसा मज़ा तो सुकून से की हुई चुदाई मे ही आसक्ता है ऐसे चोरी की डरते डरते की हुई चुदाई मे तो सिर्फ़ खड़े लंड को ठंडा कर के आयिल ही चेंज कर सकते है बस” किशन बोला

“चलो फिर भी सब ठीक ही रहा” मैं बोला

फिर हम सब खाना खाने चले गये जहाँ आज फिर बियर का दौर चला और आज मैने 1.5 ग्लास बियर पी लेकिन तुरंत खाना खा लेने की वजह से नशा ज़्यादा नही हुआ

आज की चुदाई करने के बाद मैं समझ गया था कि ये सब बेकार है ऐसी चुदाई मे कुछ नही रखा हर किसी ऐरी गैरी लड़की को चोदने मे कोई मज़ा नही है और मैने तौबा कर ली कि आज के बाद ऐसा नही करूँगा लेकिन आज की चुदाई का मुझे बहुत फ़ायदा भी हुआ क्योंकि अब मैं चुदाई के खेल मे अनाड़ी नही था बहुत कुछ सीख भी गया था फिर कोई दोपहर के 3 बजे हम घर के लिए रवाना हो गये और
घर पहुचते ही मैं अपने रूम मे जाकर बेड पर लेट गया क्योंकि चुदाई की थकान और बियर की झुनझुनी मुझे नींद के आगोश मे
धकेले जा रही थी…..

ChudaiCollege Sex Story – कॉलेज दुनिया की पहली चटक

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