रघु जोरो से हंसा लेकिन रघु की ये हँसी सोमनी के आंखों में आंसू लाने को काफी थे ,पहले तो रघु उसके ऊपर कुछ सहम कर भी देता लेकिन इस हरकत के बाद उसे भी पता था की उसका हाल बहुत ही बुरा होने वाला था ,लेकिन आखिर वो करने क्या वाला था,वो क्या सिर्फ उससे सेक्स करता ,ये तो सोमनी के लिए एक बहुत ही छोटी सजा होती क्योकि सोमनी तो रोज ही कई लड़को के साथ सोती थी ,तो क्या वो उसे मारने वाला था…सोमनी के दिमाग में हर तरह की बाते कौध रही थी और डर से उसकी सांसे रुकने को हो रही थी ,वो बार बार जोरो से सांसे ले रही थी ,
इधर रघु बड़े ही इत्मीनान से उसे देख रहा था ,
“जा जाकर मेरे लिए तेरे बाप की वो महंगी वाली दारू की बोलत लेकर आ जिसे उसने अपने दोस्त से मंगवाई थी “रघु का आदेश सुनकर ही वो कांप गई ,वो बोतल उसके बाप की जान थी वो किसी खास मौके पर ही एक दो पैक उससे निकाल कर पीता था ,
सोमनी हिलने का नाम ही नही ले रही थी ,
“मादरचोद समझ नही आता की क्या कहा जल्दी से जा और हा साथ में बर्फ और कुछ खाने का समान भी लाना “वो डरी हुई भागी उसके पास और कोई चारा भी तो नही था ……
रघु चाहता तो अभी उसके साथ सेक्स कर सकता था लेकिन उससे उसे शायद कुछ भी हासिल नही होता क्योकि एक आदमी के सेक्स से उसका कुछ भी बिगड़ने वाला नही था,उसके लिए ये रोज का खेल था इसलिए उसने सोमनी को वहां चोट करने की ठानी जंहा उसे सबसे ज्यादा दुख हो,वो था उसका ईगो,रघु मन ही मन बहुत खुस होने लगा,वो जाकर सोमनी के ही कमरे में बैठ गया,वो जाकर उसके बिस्तर में पसर गया…
“ला इधर रख ,चल एक पैक बना “सोमनी का दिमाग गुस्से से फटा जा रहा था वो जिसे अपने जूती में रखा करती थी वही आज उसपर ऐसे हुक्म चला रहा था,लेकिन वो कर भी क्या सकती थी ,वो एक पैक बना कर रघु के सामने किया रघु बड़े ही आराम से किसी राजा की तरह बिस्तर से लगे हुए दीवार में अपने को ठिका कर लेटा रहा,
“मेरे पैर दबा ,मालिक की सेवा ही नॉकरो का धर्म होता है “रघु जोरो से हंसा जिसे सुनकर सोमनी लज्जा से भर गई ,वो उसके पैर दबाने को झुकी ,
“ऐसे नही पहले अपनी कमीज उतार ले और मेरा पेंट भी “
अब वो ऊपर सिर्फ ब्रा में थी ,रघु का लिंग अभी भी सोया हुआ था ,सोमनी के नाजुक से हाथ उसके जांघो तक मालिस कर रहे थे ,वो अब दूसरा पैक गटक रहा था,सोमनी के बड़े बड़े बोब्स उसके ब्रा से बाहर आने को झूल रहे थे जो की रघु को भी उत्तेजित कर रहे थे लेकिन वो अपनी ही मस्ती में मस्त था ,उसका लिंग धीरे धीरे खड़ा होने लगा था ,वो सोमनी का हाथ पकड़कर अपने लिंग के ऊपर लाता है ,
“चल चूस इसे “
सोमनी तो ये करती आयी थी लेकिन कोई इस तरह से जलील करके उसे ये सब नही करा सकता था,वो गुस्से में भी थी,ग्लानि से भरी हुई भी थी ,और एक झिझक उसे पहली बार जकड़े हुए भी था,वो काँपते हुए हाथो से उसके लिंग को पकड़कर उसे उसके अंडरवियर से बाहर निकालती है ,जैसे ही वो अपना मुह उसके पास ले जाती है उसे उसके गंदे पन का अहसास हो जाता है उसे उल्टी सी आती है जिसे देखकर रघु को बहुत ही आनद आता है,
“क्या हुआ साली दिखा अपना रंडिपन “
सोमनी के आंखों में आंसू आ गए थे ,उसने जब रघु के लिंग की ऊपरी चमड़ी सरकाई तो उसे एक सफेद परत दिखाई दी,रघु ने शायद कई दिनों से उस जगह को साफ नही किया था,उससे मांस के सड़ने जैसी बदबू से सोमनी को उल्टी आने लगी लेकिन वो थोड़ी सम्हाली और एक रुमाल से उसे साफ करने की कोशिश करने लगी,लेकिन रघु ने उसे रोक दिया .
“रुक साली उसे अपने होठो से साफ कर ,अपनी जीभ से चाटकर “
इस बात का तो अंदेशा सोमनी को भी था वो सम्हाल कर अपने रुमाल को एक तरह रखती है और झुककर रघु के लिंग को अपने मुह में डालती है,
“आह साली “
रघु जैसे एक आनंद से झूम उठता है ,जिसके सपने उसने इतने बरसो देखे थे वो आज पूरा हो रहा था,वो अपना हाथ उसके सर पर रख देता है और अपने ताकत का इस्तमाल करके उसके सर को जोरो से दबाता है,रघु का पूरा लिंग सोमनी के मुह में समा गया था ,वो उसके गले तक जा रहा था जिससे सोमनी को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी वो गु गु की आवाज कर रही थी और अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी ,रघु को ये सब देखकर बहुत मजा आया और उसने अपनी पकड़ और भी मजबूत कर दी ,
सोमनी के लिए ये बर्दास्त के बाहर हो रहा था वो अपने सर को जोरो से हिलाने लगी ,लेकिन रघु की पकड़ मजबूत थी ,अब उसके हाथ पैर भी छटपटा रहे थे ,वो उसके जांघो को अपने हाथ ओ से मार रही थी ,रघु किसी शैतान की तरह हँस रहा था,लेकिन उसे छोड़ नही रहा था,सोमनी की आंखे भीग चुकी थी ,जिल्लत और दर्द उसके जेहन को दर्द से डुबो रहा था ,वो अब जोरो से रो रही थी लेकिन उसकी आवाज उसके मुह में ही दब जा रही थी ….
आखिर जब रघु को लगा की ये बहुत ज्यादा हो जाएगा उसने उसे छोड़ दिया ,सोमनी दहाड़ मार कर रोने लगी उसकी आंखे लाल थी मुह से लार निलक रहा था,सांसे तेज थी ,लेकिन वो गुस्सा करने की हालत में नही थी ,रघु की हँसी उसके कानो के में गूंजने लगी थी जो उसके दर्द को और भी बड़ा रहा था …
“क्यो मादरचोद मजा आया ,अब सांस ले ली तो चल फिर से शुरू हो जा “
सोमनी उसे दहसत भरी निगाहों से देखने लगी
“चूस इसे मादरचोद “रघु उसके बालो को पकड़कर जोरो से अपने लिंग की तरह ले जाता है ,सोमनी अब भी जोरो से रो रही थी लेकिन वो मजबूर इतनी थी की इसका कोई भी विरोध नही कर पाई ,इस बार भी वही हुआ लेकिन इस बार रघु उसके सर को ऊपर नीछे करता वो मजे के सागर में था ,कभी कभी वो सर को जोरो से दबा देता जिससे उसका लिंग सोमनी के गले में जा धसता जिससे वो कांप जाती थी लेकिन रघु को इससे कोई भी फर्क नही पड़ रहा था ,वो तो अपने मजे में था ,आखिर उसने सोमनी का सर जोरो से अपने जांघो के बीच गड़ाया जिससे उसका लिंग सोमनी के गले में जा टकराया वो छटपटाई लेकिन रघु ने अपनी पकड़ मजबूत रखी और अपना पूरा वीर्य उसके गले से नीचे उतार दिया ,वो थककर गिर पड़ा और सोमनी को छोड़ दिया ….
दोनो ही हाँफने लगे थे ,सोमनी ने उसके झड़ने के लिए भगवान को धन्यवाद दिया ,रघु को भी ये आभास हुआ की अगर वो ऐसे ही जल्दी झड़ गया तो सोमनी को वो तकलीफ कैसे दे पायेगा जो उसे देना था ,उसके होठो पर एक मुस्कान आयी और उसने अपनी जेब से एक दवाई निकाली,इसे उसने खास आज के लिए ले रखा था ,वो एक गोली अपने ड्रिंक के साथ पी गया ,इसका असर उसे आधे घंटे बाद दिखने वाला था तो लेटे हुए सोमनी को देखने लगा और उसकी ललचाई आंखों में उसके वक्ष स्थल झूल गए ,उसके होठो में एक शैतानी की मुस्कान खिल गई
“मेरे लिए एक सिगरेट जला कर ला “
रघु उसके सामने सिगरेट का एक पैकेट फेंककर बोला वो जाकर एक माचिस ले आई और सिगरेट जला कर उसके हाथो में दे दिया ,रघु ने उसे खीचकर उसे अपने गोद में सुला लिया ,दो कस खिंचने के बाद वो सोमनी के वक्षो की ओर देखने लगा और अपने हाथो से उसे जमकर मसलने लगा ,वो सिगरेट को उसके दाहिने वक्ष की ओर ले जाने लगा ,
“नही ये क्या कर रहे हो ,नही “
सोमनी कांप ही गई से समझ आ चुका था की वो क्या करने वाला है ,रघु शैतानी मुस्कुराहट से उसे देखता है और चुप रहने का इशारा करता है,वो डर से काँपने लगती है ,रघु सिगरेट को उसके वक्षो के पास ले जाकर घूमता है उसकी तपन से सोमनी का जिस्म फिर से कांप जाता है ,लेकिन अभी तक रघु ने उसे उसके चमड़ी से छुवाय नही था,जिससे सोमनी के मन में डर की लहर बढ़ने लगती है ,वो अब भी इंतजार में थी लेकिन रघु तो जैसे खेलने के ही मूड में था ,वो हल्के से सिगरेट को छुवा कर फिर से उसे हटा लिया ,
“आह ,नही “इसबार सोमनी की आंखे बंद थी और उसके मुह से एक नशीली सी आवाज निकली रघु जानता था की सोमनी को इस खेल में थोड़ा तो मजा आया है ,वो अब जल्दबाजी के मूड में नही था ,वो उसे अपनी दासी बनाना चाहता था ,वो उसके लिए सालो तड़फा था वो कुछ ऐसा करना चाहता था की सोमनी भी उसके कदमो से सालो तक रहे ,एक ही बार में गुस्से में आकर जबरदस्ती करना उसे पसंद नही था ,फिर से सिगरेट को उसके वक्षो के ऊपर घुमाने लगा और आहिस्ता आहिस्ता से उसके निप्पलों पर अपनी उंगलिया फेरने लगा ,उसका लिंग अब अकड़ाने लगा था शायद दवाई असर दिखाने लगी थी वही सोमनी को भी ना चाहते हुए भी एक नशा सा चढ़ रहा था वो मदहोश हो रही थी ……
उसने उसके निप्पलों को हल्के हल्के उंगलियों से मसलना जारी रखा जबकि सिगरेट को उसके वक्षो पर हल्के हल्के घुमा रहा था कभी कभी ही वो उसके त्वचा को टच करती जिससे सोमनी के मुह से आहे निकल जाती वो दर्द देने वाला नही बल्कि मजा देने वाला बन गया था,रघु को अपनी ही हरकत पर हैंसी आ रही थी वो सोमनी का जबरदस्ती करना चाहता था उसे रुलाना चाहता था लेकिन वो उसे ही मजा दे रहा है ,लेकिन उसे पता था की ये तो बस इन्वेस्टमेंट है …जिसका रिटर्न उसे जिंदगी भर मिलेगा ….
सोमनी थोड़ी थोड़ी मदहोश होने लगी थी ,रघु जाकर थोड़ा रंग ला लेता है और सोमनी को पकड़ उसके होठो को चूमता हुआ उसके होठो में अपने होठो को घुसा कर बड़े ही पैसनेटली चूमने लगता है ,देखते ही देखते दोनो के हाथ एक दूसरे पर चल रहे थे ,दोनो ही लंबी लंबी सांसे ले रहे थे,एक दूजे के होठो पर अपनी जीभ घुसा कर बैठे थे ,और एक दूसरे पर रंग लगा रहे थे ,अब दोनो ही पूरी तरह से नंगे थे ,दवाई का असर रघु के लिंग पर दिख रहा था और उसके होठो में कातिलाना मुस्कुराहट झूमने लगी वो सोमनी के गीले हुए योनि में अपने लिंग को पेलता चला गया ,दोनो जिस्म मिले दोनो ही मजे से कहारे ले रहे थे ,किसी को ये यकीन ही नही होता की रघु सोमनी का बलात्कर कर रहा था असल में अब ये जबरदस्ती नही रह गया था क्योकि मजे तो दोनो ही ले रहे थे ,आखिर कर दोनो झड़े ,रघु ने सोमनी को अंदर तक भीगो दिया था …
सोमनी को अब भी समझ नही आ रहा था की आखिर रघु ने उसके साथ इतना अच्छा व्यव्हार क्यो किया ,लेकिन इस हादसे के बाद से ही वो रघु की पर्सनल रांड बन चुकी थी ,और उसके बच्चों की मा भी ,रघु के कहने पर ही उसने किशन से शादी कर ली ,सोमनी ने किशन को उसका बच्चा पेट में होने की बात कह कर ब्लैकमेल कर उससे शादी कर ली ,अब रघु किशन को देखकर हंसता था ,रघु ने ना सिर्फ अपना बदला लिया बल्कि हमेशा के लिए अपना जुगाड़ भी फिक्स कर लिया …
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