सॅम अब बोनेटके पास गया और उसने वहा रखा हुवा शुरु मोबाईल उठाकर अपने कानको लगाया. उधरसे अबभी, ” हॅलो… सॅम… हॅलो… पासवर्ड क्या है … जल्दी बोलो … टाईम खत्म होनेको आया है …” ऐसा सुनाई दे रहा था.
” इन्स्पेक्टर … इतनीभी जल्दी क्या है … बताता हूं ना पासवर्ड ” सॅमने कहा और उसने अपने हाथमें पकडी बंदूक अस्तित्व पर तानी.
इधर ईशा, इन्स्पेक्टर, कश्यपजी इन्स्पेक्टरके हाथमें पकडे मोबाईलपर चल रहा संभाषण कान लगाकर सुन रहे थे, और साथही सामने मॉनिटरकी तरफ देख रहे थे. कमसे कम मोबाईलपर आ रहे सॅमके बोलनेके आवाजसे तो लग रहा था की अस्तित्व मुष्कीलमें फंसा हुवा है. और सामने मॉनीटरपर -‘ आल दी सर्व्हर डाटा अँड कॉम्प्यूटर डाटा ह्याज बिन डिलीट. टू रीकवर एंटर दी पासवर्ड’ और मॉनिटरपर उलटी गिनती चल रहा टाईम बॉम्ब जैसी घडी बता रही थी – टाइम- ००:०२:१०. और उपरसे सॅम अबभी पासवर्ड बतानेके लिए तैयार नही था. हर एकको अलग अलग चिंता सता रही थी. ईशाको अस्तित्व की. कश्यपजींको कंपनीकी और इन्स्पेक्टरको अस्तित्व और कंपनीकी. आखिर मॉनिटरपर चल रही घडी बता रही थी – टाइम- ००:००:५०.
” टाईम खत्म होनेको आया है … जल्दी पासवर्ड बताओ” इन्स्पेक्टर लगभग चिल्लाए.
” बताता हूम इन्स्पेक्टर… धिरज रखो “
टाइम- ००:००:४०.
” अब क्या डाटा डिलीट होनेके बाद बताओगे ? ” इन्स्पेक्टर चिढकर बोला.
कश्यपजींने उनके पिठपर हाथ रखकर उन्हे शांत रहनेका इशारा किया. नही तो सॅम अगर चिढ गया तो वह पासवर्ड बतानेके लिए इन्कार कर सकता है.
टाइम- ००:००:३०.
” प्लीज … जल्द से जल्द बता दो ” इन्स्पेक्टर मानो अब गिडगिडाने लगे थे.
” उसे पहले अस्तित्व को छोड देनेके लिए बोलीए ” ईशा अपने आपको ना रोक पाकर चिल्लाई.
” और तुम्हे पहले अस्तित्व को छोडना पडेगा ” इन्स्पेक्टर.
टाइम- ००:००:२०.
” पहले उसे छोडना है या पासवर्ड बताना है ? ” सॅमभी मौकेका फायदा लेते हूए बोला.
” पहले अस्तित्व को छोड दो ” ईशाने कहा.
उधरसे सॅमके ठहाकेकी आवाज आ गई.
टाइम- ००:००:१०.
” नही इन्स्पेक्टर पहले मै पासवर्ड बतानेवाला हूं …क्यो ठीक है ना ?”
” बोलो जल्दी …” इन्स्पेक्टर
” हं यह लो – इलव्ह… ऑल स्मॉल… नो स्पेस इन बिट्विन..”
टाइम- ००:००:०३
सामने कॉम्प्यूटरपर बैठे एक कर्मचारीने तुरंत पासवर्ड टाईप किया.
टाइम- ००:००:०१
और एंटर दबाया.
मॉनिटरवर चल रहा काऊंटर रुक गया और मेसेज आ गया, ” पासवर्ड करेक्ट… रिकवरी स्टार्ट”
सब लोगोंने अपने इर्द गिर्द देखा. सभी कॉम्प्यूटरके मॉनिटरपर वही मेसेज आया था – ” पासवर्ड करेक्ट… रिकवरी स्टार्ट”
हॉलमें उपस्थित सब लोग, सिर्फ एक ईशाको छोडकर इतने खुश हो गए की वे तालियां बजाने लगे. मानो कोई यान आसमानमें किसी ग्रह पर सही सलामत उतरनेमें कामयाब हुवा हो. लेकिन अचानक इन्स्पेक्टरके हाथमें पकडे हूए शुरु मोबाईलसे आए बंदूकके आवाजने, सब लोगोंकी तालियां एकदम बंद हो गई और हॉलमें श्मशानवत सन्नाटा छा गया. ईशा तो इतनी देरसे उस पर पड रहा तनाव सह नही पाकर और बंदूकका आवाज सुनकर अस्तित्व का क्या हो गया होगा इसके कल्पनामात्रसे बेहोश होकर निचे गिर गई.
एक तरफ सॅम मोबाईलपर बोल रहा था और दुसरे हाथमें उसने अस्तित्व पर बंदूक तानी हूई थी. आखिर उसने लगभग ५ सेकंद बचे होगे तब इन्स्पेक्टरको पासवर्ड बताया था – ” हं यह लो पासवर्ड – इलव्ह… ऑल स्मॉल… नो स्पेस इन बिट्विन..”
सॅमने अब शुरु मोबाईल फिरसे गाडीके बोनेटपर रख दिया. और वह उस अस्तित्व की तरफ ताने हूए बंदूकका ट्रीगर दबाने लगा.
” रुको … तुम बहुत बडी भूल कर रहे हो …” अस्तित्व किसी तरह बोला.
” भूल … इसके बाद तुम्हारी वजहसे … सिर्फ तुम्हारे हठकी वजहसे … मुझे जिस अंडरवर्डमें जाना पड रहा है … उसके लिए मुझे एक योग्यता हासील करनी पडेगी … पुछो कौनसी ? … कम से कम एक खुन… और वह योग्यता अब मै हासिल करनेवाला हूं ” सॅमने कहा और उसने झटसे बंदूकका ट्रीगर दबाया.
एक बडीसी आवाज हो गई और बगलमें खडे गाडीके खिडकीके कांचपर खुनकी बडी बडी छिंटे उड गई थी.
मोबाईलसे बंदूककी आवाज सुननेके बाद ईशा चक्कर आकर निचे गिर गई. कंपनीके हॉलका खुशीका माहौल एकदमसे श्मशानवत सन्नाटेमें बदल गया. इन्स्पेक्टरने तुरंत एक दो लोगोंकी सहायता लेकर ईशाको उठाया. किसीने झटसे फोन कर ऍम्बूलन्स बुलाई.
ईशा बेडपर पडी हुई थी. उसके पास डॉक्टर खडे थे और उसका बीपी चेक कर रहे थे. इन्स्पेक्टर, कश्यपजी, निकिता और, और दो चार लोग उसके आसपास खडे थे.
” डॉक्टर कैसी है उसकी तबियत ?” निकिताने पुछा.
” इनके उपर अचानक बहुत बडा आघात हुवा है जो की वे सह नही पाई … ऐसे वक्त थोडा वक्त बितने देना बहुत जरुरी होता है … फिलहाल मैने इनको निंदका इन्जेक्शन दिया है … तबतक आप लोग बाहर बैठीएगा … लेकिन उन्हे होश आए बराबर उनके पास कोई होना बहुत जरुरी है … इनके करीबी कौन है ?” डॉक्टरने पुछा.
” मै ” निकिताने जवाब दिया.
” आप कौन … इनकी बहन ?”
” नही मै इनकी दोस्त हूं ” निकिताने कहा.
” दुसरा कोई नही है? … जैसे मां बाप भाई बहन.”
निकिताने उलझनमें इधर उधर देखा तो इन्स्पेक्टरने कहा, ” डॉक्टर उनका नजदिकी ऐसा कोई नही है “
” अच्छा ठीक है … ऐसा करो आप इनके पास रुको ” डॉक्टरने निकितासे कहा.
वैसेभी निकिताका वहांसे हिलनेके लिए मन नही कर रहा था. बाकी सब लोग कमरेसे बाहर चले गए और निकिता वही उसके सिरहाने बैठी रही. वह भलेही उसकी बॉस रही हो लेकिन उसने उसे कभी बॉसकी तरह ट्रीट नही किया था. और असलमें ईशाने उसे एक दोस्तके हैसियतसेही वह पीए का जॉब जॉइन करनेके लिए कहा था. निकिता उसके सिरहाने बैठकर उसे होश आनेका इंतजार करने लगी.
ईशाको इंजक्शन देकर लगभग दोन-तिन घंटे हो गए होंगे. उसके रुमके बाहर अबभी इन्स्पेक्टर, कश्यपजी और बाकी काफी लोग उसे होश आनेकी राह देख रहे थे. होशमें आनेके बाद उसकी दिमागी हालत कैसी रहती है इसपर काफी चिजे निर्भर करती थी. असलमें उसे मां बाप ऐसे एकदम करीबी कोई ना होनेसे उसने अस्तित्व पर अपनी पुरी जिंदगी निछावर की थी. और उसका उसे ऐसे बिचमें छोडकर चला जाना उसके लिए बहुत बडा आघात था. तभी एक नर्स जल्दी जल्दी बाहर आ गई.
” इन्स्पेक्टर उन्हे होश आ गया है ” नर्सने कहा और वह फिरसे अंदर चली गई.
सारे लोग अंदर जानेके लिए हरकतमें आ गए.
अंदर ईशा निकिताके कंधेपर सर रखकर जोर जोरसे रो रही थी. और निकिता उसके पिठपर थपथपाकर और सरपर हाथ फेरते हूए उसे जितना हो सके उतना धीरज बंधानेकी कोशीश कर रही थी. दरअसल पहले वह बुरी खबर सुननेके बाद उसे अपनी भावनाए व्यक्त करनेके लिए मौका नही मिला था क्योंकी वह अपनी भावनाओंको व्यक्त करनेके पहलेही बेहोश हो गई थी. कमरेंमे वह हृदयविदारक दृष्य देखकर इन्स्पेक्टर उसे धीरज बंधानेके लिए आगे बढने लगे, तब बगलमें खडे डॉक्टरने उन्हे इशारेसेही मना कर दिया. डॉक्टरकाभी सही था क्योंकी उसका सारा दर्द बाहर आना बहुत जरुरी था. सब लोग, भलेही उन्हे बहुत दुख हो रहा था फिरभी चुप्पी साधकर वह दृष्य देखते रहे.
तभी कमरेके बाहर, काफी दुरसे, शायद अस्पतालके प्रमुख द्वारसे आवाज आया, ” ईशा…”
वह आवाज सुनकर ईशाही नही तो वहां उपस्थित सारे लोगोंको मानो कुछ आभास होगया है ऐसा लगा. ईशाका रोना रुक गया था. सारे लोग स्तब्धतासे खडे होकर दरवाजेकी तरफ देख रहे थे.
” ईशा ” फिरसे आवाज आ गया.
इसबार काफी नजदिकसे आए जैसा. लगभग दरवाजेकी बाहरसे ही. अब ईशा उठकर खडी हो गई और दरवाजेकी तरफ जाने लगी. कमरेमें उपस्थित बाकी लोगभी दरवाजेकी तरफ जाने लगे. ईशा दरवाजे तक पहूंच गई होगी जब कमरेका दरवाजा खुला और दरवाजेमें अस्तित्व खडा था. उसके सारे कपडे और सारा शरीर खुनसे सना हुवा था. दोनों आवेशके साथ एक दुसरेकी तरफ दौडे और उन्होने एक दुसरेको बाहोंमें लिया.
४१
सॅमने इन्स्पेक्टरको पासवर्ड बतानेके बाद शुरु मोबाईल गाडीके बोनेटपर रखा. और वह उस अस्तित्व की तरफ ताने हूए बंदूकका ट्रीगर दबाने लगा.
” रुको … तुम बहुत बडी गलती कर रहे हो …” अस्तित्व किसी तरहसे बोला.
” भूल … इसके बाद तुम्हारी वजहसे … सिर्फ तुम्हारे हठकी वजहसे … मुझे जिस अंडरवर्डमें जाना पड रहा है … उसके लिए मुझे एक योग्यता हासील करनी पडेगी … पुछो कौनसी ? … कम से कम एक खुन मेरे नामपर होनेकी… और वह योग्यता अब मै हासिल करनेवाला हूं ” सॅमने कहा और उसने झटसे बंदूकका ट्रीगर दबाया.
एक बडीसी आवाज हो गई और सॅमके हाथमें पकडे बंदूकका किसी बॉंम्बकी तरह विस्फोट हो गया.
अतुलके शरीरके टूकडे टूकडे होकर चारो ओर उड गए थे. अस्तित्व अपना बचाव करते हूए पिछेकी तरफ लपक पडा था. फिरभी खुनकी छिंटे सॅमके शरीरपर उड गई थी और उसका पुरा शरीर और कपडे खुनसे सन गए थे. पासमें खडे कारके शिशेभी सॅमके खुनसे सन गए थे.
थोडी देर बाद अस्तित्व उठ खडा हुवा. उसने निचे गिरे हुए सॅमके शवपर अपनी नजर डाली.
फिरभी मैने उसे बतानेकी कोशीश की की वह बंदूक ना होकर बॉम्ब है …
लेकिन वह मानाही नही … उसमें मेरा क्या दोष…
अस्तित्व मानो अपने आपको समझानेकी कोशीश कर रहा था.
आखिर क्या है … की पराई नार … और पराये हथीयारसे आदमीको बचना चाहिए…
अस्तित्व के जहनमें आकर गया.
४२
ईशा अपने ऑफीसमें अपने काममें व्यस्त थी. उसने हमेशाकी तरह आए बराबर कॉम्प्यूटर ऑन करके रखा था. तभी कॉम्प्यूटरपर चाटींगका बझर बजा. उसने मॉनिटरपर देखा. एक मेसेज था –
” मिस ईशा … ५० लाख रुपयोंका मेरे लिए इंतजाम करना वर्ना नतिजा तो तुम जानतीही हो …” ईशाने वह मेसेज पढा और उसके रोंगटे खडे हो गए.
तभी अस्तित्व और निकिता उसके कॅबिनमें आ गए.
” ईशा चलो आज हम पिक्चरको चलते है …मॉर्निंग शो”
” अस्तित्व … इधरतो देखो … ब्लॅकमेलरका फिरसे मेसेज आ गया है” ईशा उसका ध्यान मॉनिटरकी तरफ आकर्षीत करते हूए बोली.
अस्तित्व कॉम्प्यूटरके पास जाकर देखने लगा. लेकिन निकिता अपनी हंसी नही दबा सकी. वह जोरजोरसे हसने लगी.
” ए क्या हुवा ?” ईशा.
” अरे वह मेसेज अभी अभी अस्तित्व ने बगलके कॅबिनसे भेजा है ” निकिता हंसते हूए बोली.
” लेकिन वह तो अभी अभी यहां आया है ” ईशा.
” अरे नही … बगलके कॅबिनसे वह मेसेज भेजकर तुरंत हम इधर आ गए.
” यू नॉटी बॉय” ईशा अस्तित्व पर पेपरवेट उठाते हूए बोली.
और फिर पेपरवेट टेबलपर वापस रखते हूए वह उठ गई और उसके पास जाकर उसके छातीपर प्यारसे मारने लगी. अस्तित्व ने हल्केसे उसे अपने आगोशमें खिंच लिया.
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