शहनाज को भी लगा था की अभी तो राज उससे बात करेगा ही और देखेगा ही लेकिन ऐसा हुआ नहीं। शहनाज सो गई और उसकी नाइटी ढीली हो गई जिससे उसकी चूचियां बाहर आ गई। वसीम को नींद नहीं आ रही थी और उसका लण्ड टाइट था। शहनाज की चूची को देखकर वो उसे सहलाने और चूसने लगा। शहनाज नींद में थी और गरम थी वो सपने देख रही थी की राज उसके साथ ऐसा कर रहा है। वो मुश्कुरा रही थी और वसीम का पूरा साथ देते हुए वो पूरी गरम हो चुकी थी।
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वसीम ने शहनाज की नाइटी को सामने से पूरा खोल दिया और शहनाज का गोरा जिश्म चमक उठा। वसीम ने लण्ड को शहनाज की चूत पे लगाया और अंदर डाल दिया। शहनाज कमर उठाकर और अंदर लेने के लिए उछलने लगी, लेकिन राज का लण्ड होता तब तो अंदर जाता था तो ये वसीम का ही लण्ड । शहनाज की नींद खुल गई और उसका मूड आफ हो गया। वो वसीम को हटाने लगी।
वसीम पहले से ही पूरा टाइट था, लण्ड अंदर डालते ही 8-10 धक्के में उसने पानी छोड़ दिया। शहनाज को अब गुस्सा आ गया और उसका मन किया की वसीम से खूब झगड़ा करे लेकिन रात थी इसलिए वो मन मसोसकर रह गई और वसीम को अपने ऊपर से उतारकर बाथरूम चली गई।
शहनाज नाइटी उतार दी थी और नंगी ही बाथरूम गई थी। पेशाब करने के बाद वो चूत सहलाने लगी। सोचने लगी की कितना अच्छा सपना था की राज मुझे चूमते हुए मेरी चूची को सहला रहे थे, और फिर नाइटी की डोरी खोलकर नंगी चूचियों को सहला रहेज थे, और चूस रहे थे। आहह कितना अच्छा होता की ये राज ही होते, वसीम नहीं होता । आहह.. राज का लण्ड चूत में कितना अंदर तक जाता आह्ह… आहह… राज क्यों नहीं आपने पकड़ लिया मुझे दरवाजा पे? क्यों नहीं मुझे चूमने लगे? खोल देते मेरी नाइटी को और अच्छे से देखते मेरे नंगे जिश्म को देखते उस जगह को जहाँ में पैंटी ब्रा पहनती हूँ। छू लेते उस जगह को चूमते मसलते मेरी चूचियों को जो वीर्य आप पैंटी ब्रा पे गिराते है वो उस जगह पे गिरते जहाँ मैं उन्हें पहनती हूँ। आहह…. राज जी चोद लेते मुझे मेरी चूत में डाल देते अपना मोटा लण्ड और गिरा देते वीर्य मेरी चूत में। आहह… उम्म्म्म……. शहनाज की चूत ने पानी छोड़ दिया और वो हाँफती हुई बाथरूम से आ गई।
शहनाज को चोदने के बाद वसीम सो गया था। शहनाज नेकिचेन में जाकर पानी पिया और फिर सोने आ गई।
पहली बार आज शहनाज नंगी सो रही थी। शहनाज सोचने लगी की ये क्या सोच रही थी वो? ये कैसा सपना था की उसका पति वसीम उसे चोद रहा था लेकिन वो सोच रही थी की राज से चुद रही है। क्या मैं सच में राज से चुदवाना चाहती हूँ? हाँ, तभी तो मैं दरवाजा पे ऐसे गई थी। अगर राज जी मुझे कुछ करते तो क्या मैं उन्हें रोक पाती ? बिल्कुल नहीं। मैं उनसे चुदवाना चाहती हूँ तभी तो उनके वीर्य की खुश्बू मुझे पागल कर देती है। और जो आदमी मेरी पैंटी ब्रा पे वीर्य गिराता है रोज तो वो मुझे चोदने का सोचकर ही वीर्य गिराता होगा, कोई भजन गाकर तो वीर्य नहीं ही गिरता होगा।
मुझे चोदकर ही राज जी रिलैक्स हो पाएंगे। नहीं तो वो शरीफ इंसान अंदर ही अंदर घुट-घुट कर मार जाएगा। कल मैं उनसे सीधी-सीधी बात करूँगी, और अगर वो मुझे चोदना चाहेंगे तो मेरा जिश्म पेश है उनकी मदद के लिए मेरी वजह से वो आदमी मर रहा है तो ये पूरी तरह मेरी जिम्मेवारी है की मैं उन्हें इससे बाहर निकालूं, चाहे भले इसके लिए मुझे उन्हें अपना जिश्म ही क्यों ना देना पड़े।
शहनाज के अंदर से आवाज आई- “तू रंडी हो गई है क्या,
“तू रंडी हो गई है क्या, जो दूसरे मर्द से चुदवाने की बात सोच रही है? तू ऐसा सोचकर भी पाप कर रही है। अपने पति को धोखा देगी तू? राज के बड़े लण्ड के लालच में तू वसीम को धोखा देगी?”
अंदर से शैतान ने जवाब दिया- “धोखा वाली कौन सी बात हो गई? मैं तो राज की मदद करूँगी, क्योंकी वो मेरी वजह से दर्द सह रहा है। इतने सालों से वो अकेला है और अब मेरी वजह से तड़प रहा है, तो मेरा ही फर्ज़ है उसकी मदद करना। और मैं उससे चुदवाने नहीं जा रही हूँ। मैंने कहा की अगर मुझे अपना जिश्म देकर भी उसकी मदद करनी पड़ी को करूँगी। अगर मैं उससे चुदवाऊँगी ही तो कौन सा रोज चुदवाऊँगी ?शहनाज की राज से चोदवाने की ख्वाहिश
शहनाज सोचती सोचती नींद के आगोश में जा चुकी थी। सुबह जब नींद खुली तो नंगी थी शहनाज रोज सवेरे जागकर फ्रेश होती थी और फिर नहाकर इबादत करके फिर चाय बनाती थी और वसीम को जगाकर चाय देती थी। शहनाज नंगी ही बेड से उठी और फ्रेश होकर नहाने चल दी। पहली बार वो अपने घर में ऐसे नंगी घूम रही थी। नहाने के बाद वो एक साड़ी पहन ली और इबादत करने लगी। फिर चाय बनाकर उसने वसीम को जगाया और फिर किचेन के काम में लग गई।
शहनाज का ये सब डेली रुटीन था लेकिन शहनाज का ध्यान दोपहर पे था की आज वो राज से फाइनल बात करके रहेगी।
वसीम आफिस चला गया और शहनाज एक बजे का इंतजार करने लगी। उसके मन में बहुत उथल-पुथल मची हुई थी। आज वो स्टोररूम में नहीं गई। उसका प्लान था की जब राज पैंटी ब्रा हाथ में लेकर मूठ मार रहा होगा तब वो ऊपर जाएगी और राज से क्लियर कट बात करेगी।
आज फिर उसका दिल तेजी से धड़क रहा था की क्या होगा? कहीं राज ने मुझे चोदने की बात कह दी तो क्या मैं उसी वक़्त चुदवा लूँगी? अगर उन्होंने मना कर दिया और गलती मानते हुए बोल दिया की आगे से ऐसा कभी नहीं करेंगे तो? नहीं नहीं। मैं उन्हें गलती नहीं मानने दूँगी। इस तरह तो वो और शर्मिंदगी महसूस करेंगे और अंदर-अंदर ही और घुटेंगे। मुझे उन्हें समझाना होगा की आपने जो किया उसमें कुछ गलत नहीं है और आप तो बहुत महान हैं की बस ऐसा करके खुद को सम्हाल लेते हैं। मेरे सामने रहने पे भी मुझे देखते भी नहीं । आपकी जगह कोई और होता तो रोज जो दिन भर मैं अकेली होती हूँ, पता नहीं क्या करता? आपको घबराने शर्माने की जरूरत नहीं है। आप मुझसे बात कीजिए और मुझे बताइए की प्राब्लम क्या है?
दरवाजे से अंदर आते ही शहनाज के घर के दरवाजा को देखकर राज समझ गया की उसकी होने वाली रांड़ शहनाज आज ऊपर नहीं गई है। शहनाज का दरवाजा अंदर से बंद था। अगर वो ऊपर जाती तो दरवाजा या तो बाहर से बंद होता या फर खुला होता। उसे थोड़ा बुरा लगा की कहीं में ओवरएक्टिंग तो नहीं कर गया। ऊपर पैंटी ब्रा अपनी जगह पे राज के वीर्य के इंतजार में टंगी पड़ी थी। राज रूम में गया और कपड़े चेंज करके शहनाज का इंतजार करने लगा की शायद वो आए लेकिन वो नहीं आई।
राज अपने डेली के काम में लग गया, स्टोररूम के बाहर मूठ मारने का। उसने स्टोररूम में झाँक कर भी देखा लेकिन वहाँ कोई नहीं था। आज राज का लण्ड टाइट ही नहीं हो रहा था। उसे लगने लगा की मैंने ओवर आक्टिंग कर दी है। रात में शहनाज रंडियों की तरह बिना ब्रा पहने क्लीवेज दिखाते सिर्फ गाउन लपेटे आई थी और बात भी करने की कोशिश की। लेकिन मैं सीधा ऊपर आ गया था। कहीं रांड ने ये तो नहीं सोच लिया की मैं उसके हाथ नहीं आने वाला, और अब वो कहीं मुझसे दूर तो नहीं रहने वाली सही बात है यार, रोज-रोज कोई सिर्फ मुझे लण्ड हिलाता देखने क्यों आएगी? नहीं मेरी जान, मैं तुझे बिना चोदे नहीं छोड़ सकता। अगर मैं तुझे बिना चोदे मर गया तो मेरी रूह को भी शुकून नहीं मिलेगा। मुझे कुछ करना होगा। मैं तुझे खुद से दूर होने नहीं दे सकता।
राज ने पूरी कोशिश की और फिर मूठ मारकर वीर्य को पैंटी पे गिरा दिया और टांगकर रूम में चला गया। आज उसका मन तो नहीं था लेकिन इस चीज को वो छोड़ नहीं सकता था। शहनाज की पेंटी ब्रा पे वीर्य गिराना उसके प्लान का मुख्य हिस्सा है।
इधर शहनाज अंदाजे से रूम से निकली की अब राज लण्ड को पैंटी ब्रा पे रगड़ रहा होगा। वो आगे बढ़ने के लिए हुई लेकिन उसकी हिम्मत ही नहीं हुई। कल रात की ही तरह आज भी उसके पैर नहीं बढ़े। कल रात में और अभी में अंतर बस इतना था की कल शहनाज एक सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाई थी और रूम में सोने चली गई थी। आज पहले दो सीढ़ी, फिर चार सीढ़ी और फिर छत के दरवाजे तक जाकर शहनाज रुक गई थी। उसके मन में उठा तूफान शांत ही नहीं हो रहा था, और फिर वो नीचे आ गई। शहनाज बेचैन सी रही ।
शहनाज थोड़ी देर बाद हिम्मत करके उठी और सीधे धड़धड़ाते हुए छत पे चली गई, लेकिन तब तक राज रूम में जा चुका था। शहनाज अपनी पैंटी ब्रा को उठाई और वहीं पे उसे देखते हुए सूँघने लगी की अगर राज देख रहा हो तो उसकी हिम्मत उससे बात करने की हो जाए। शहनाज पैंटी को सूँघते हुए वहीं पे वीर्य को चाटने लगी । उसकी हिम्मत ने जवाब दे दिया और वो नीचे आ गई, और अपनी पहनी हुई पैंटी को उतार दी और राज के वीर्य लगी पैंटी को पहन ली। वो पैंटी के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी। राज का वीर्य उसकी चूत को भिगो रहा था और शहनाज के हाथों में भी लग गया था, जिसे शहनाज चाट ली।
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शहनाज ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और “आह्ह… राज आप इतने शरीफ क्यों हैं? क्यों नहीं मुझे देखते, क्यों नहीं मुझसे बात करते? आपको क्या लगता है मैं गुस्सा करूँगी ? बिल्कुल नहीं करूँगी। मैं तो आपकी मदद करना चाहती हूँ । उफफ्फ … राज आपको लगता है की मेरे जैसी पढ़ी-लिखी शरीफ घर की औरत आप जैसे इतने बड़े उम्र के इंसान से दोस्ती क्यों करेगी? ऐसा नहीं है राज अंकल मैं चाहती हूँ की आपसे बातें करूँ। अब आप ऐसे नहीं मानेंगे। अब मैं भी आपको मनाकर ही रहूंगी। आप मुझे शरीफ समझते हैं इसलिए बात नहीं करते ना? तो अब मैं रंडियों की तरह बिहेव करूंगी आपके सामने। तब तो आप मानेंगे ना?” शहनाज की चूत ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल होकर सोफे पे पड़ी रही।
राज ने शहनाज को छत पे आता देखकर और पैंटी ब्रा ले जाता हुआ देखकर थोड़ी राहत की सांस ली। शहनाज को अपना वीर्य सूँघता और चाटता हुआ देखकर राज के मुर्दा लण्ड में फिर से जान आ गई थी। लेकिन फिर भी उसने सोचा की अब जल्दी ही कुछ कर लेना चाहिए।आज वसीम को भी आफिस में मन नहीं लग रहा था। वो अपनी बीवी की हरकतों के बारे में सोच रहा था। उसे शहनाज पे बहुत गुस्सा आ रहा था। कैसे शहनाज राज को डिनर पे बुलाई और कैसे उसके लिए तैयार हुई ? कैसे वो उसके सामने खुद को पेश कर रही थी? और कल रात तो वो रंडियों की तरह बिहेव कर रही थी। मादरचोद कभी ब्रा पहन रही है तो कभी खोल रही है। अरे कुतिया चूत में इतनी ही आग है तो सीधे-सीधे जाकर चुदवा क्यों नहीं लेती हरामजादी और क्या पता चुदवाती भी हो, और चुदवा रही हो अभी दोपहर में दो घंटे रोज अकेले रहते हैं दोनों और सिर्फ दोपहर को ही क्यों, मेरे आते ही तो पूरा घर उनका उछल उछलकर चुदवाती होगी।
राज तो शरीफ इंसान है, लेकिन है तो मर्द अगर किसी मर्द को कोई इसके जैसी हसीन रंडी पटाए तो उसका लण्ड तो ऐसे ही टाइट हो जाएगा। राज भी अब तक चढ़ गया होगा रंडी पे। सोचते-सोचते वसीम गुस्से में ही शहनाज और राज की चुदाई सोचने लगा। इंटरनेट पे उसने कई तरह के पोर्न देखे थे और स्टोरीस पढ़ी थी। उसका लण्ड टाइट हो गया और वो अपनी बीवी की चुदाई राज के साथ एंजाय करने लगा। वो मन में सोचने लगा की राज ऐसे चोद रहा होगा तो वैसे चोद रहा होगा।
वसीम बाथरूम में जाकर मूठ मारने लगा, अपनी रंडी बीवी शहनाज के राज से चुदाई के नाम पे | उसका शहनाज से गुस्सा खत्म हो गया था और उसने सोच लिया था की शहनाज को जो करना है करने देगा। घर में कुछ जासूसी कैमरे लगवाकर वो अपनी बीवी को चुदवाते हुये देखेगा और जब उससे मन भर जाएगा तो उसे छोड़ देगा।
रात में राज ने दरवाजा में नाक किया। शहनाज अभी खाना बना ही रही थी। वसीम और शहनाज दोनों चकित हो गये की कौन आया, क्योंकी उनके यहाँ बहुत कम लोग आते जाते थे और जो आते भी थे उनके बारे में इन लोगों के पास पहले से खबर होती थी। वसीम ने दरवाजा खोला तो सामने राज खड़ा था।
दरवाजा खुलते ही राज ने कहा- “नमस्कार वसीम जी, पता नहीं कहाँ आज मेरे घर की चाभी खो गई है…’
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वसीम हँसने लगा और बोला- “अरे राज जी , तो इसमें इतना घबराने वाली कौन सी बात है? आप ही का घर है ये हम सिर्फ किराया देते हैं। आइए अंदर, यहीं रहिए। सुबह देखेंगे की चाभी का क्या करना है?”
तब तक शहनाज भी दरवाजा पे आ गई थी। उसके मन में तो लड्डू फूटने लगे की राज जी आए हैं और रात में यहीं रहेंगे। इससे पहले की राज वसीम की बात पे कुछ बोलता, शहनाज चहकते हुए बोल पड़ी- “और नहीं तो क्या आपका ही घर है। बिंदास आइए…’
राज “शुक्रिया..” बोलता हुआ अंदर आ गया और सोफे पे बैठ गया ।
शहनाज नाइट सूट वाले टाप और ट्राउजर में थी। शहनाज राज के लिए भी खाना बना ली। राज आज भी शहनाज को नहीं देख रहा था। राज वसीम से बातें कर रहा था। शहनाज अभी तक राज के वीर्य लगी पैंटी को ही पहनी हुई थी। राज को सामने देखकर शहनाज की चूत गीली हो गई। उसे लगा की राज ने उसे चोदकर अपना वीर्य उसकी चूत में भरा है और वही उसकी पैंटी में लगा है। वो राज की तरफ देखी जो आज भी उसे नहीं देख रहा था। उसे अपना दोपहर में लिया हुआ प्रण याद आ गया की उसे राज को मनाना है।
शहनाज ने अपने टाप की ऊपर की एक बटन खोल दी। खाना तैयार हो चुका था तो वोने वसीम और राज का खाना सर्व करने लगी। जब वो झुकी तो राज की नजरों के सामने दो पके आम लटक रहे थे।
राज की नजर शहनाज की झूलती चूची पे पड़ ही गई और उसका लण्ड एक झटके से टाइट हो गया। उसका मन हुआ की अभी दोनों हाथ बढ़ाए और रंडी के टाप के बटन को फाड़कर इसकी चूचियों को मसल दे। उसने बड़ी मुश्किल से ये सोचकर खुद पे काबू किया की बस, कुछ दिन और, फिर बताऊँगा तुझे की मैं क्या चीज हूँ ।
इस चीज को वसीम भी देख रहा था की उसकी बीवी कैसे उस बूढ़े हिंदू मर्द के लिए पागल हैं। उसे अपनी बीवी में पहले गुस्सा आया, फिर मजा आया। उसने सोचा की आज रात तो मेरी बीवी मेरे ही घर में इस बूढ़े से चुदवाकर ही मानेगी। ये सोचकर उसका लण्ड टाइट हो गया की वो आज ही अपनी बीवी को एक बूढ़े हिंदू मर्द से चुदवाते देखेगा।
खाना खाने के बाद राज वाश बेसिन के पास हाथ धो रहा था। शहनाज के किचेन में जाने के लिए वहाँ पे जगह कम थी। वसीम टेबल पे ही बैठा हुआ था। शहनाज के मन में शैतानी ख्याल आया। शहनाज राज की पीठ पे अपनी चूचियां रगड़ती हुई किचेन में चली गई।
राज के लिए ये पहला मौका था जब उसने शहनाज के बदन का स्पर्श किया। उसकी लण्ड सनसनाता हुआ टाइट हो गया। राज ने कोई रिएक्सन नहीं दिया लेकिन अपनी पीठ पे शहनाज की गुदज चूचियों की छुअन को अभी
तक महसूस कर रहा था।
शहनाज को राज की तरफ से कोई रिएक्सन ना आता देखकर गुस्सा भी आया। फिर शहनाज को लगा की ब्रा पहने होने की वजह से हो सकता है की राज को पता ही ना चला हो। वो अपने बेडरूम में गई और टाप को उतार कर ब्रा को उतार दी और आल्मिरा में रख दी और बिना ब्रा के बाहर आ गई। टाप के ऊपर का बटन अभी भी खुला ही रखा था उसने पूरे रण्डीपने के मूड में आ गई थी शहनाज । अब उसने सोच लिया था की राज को मनाना है ताकी वो शहनाज के साथ फ्रैंक हो सके।
राज सोफे पे जाकर बैठ गया और रिएक्सन तो उसपे ऐसा हुआ था की उसका लण्ड अब तक टाइट ही था। वो तो आज आया ही इसलिए था की माहौल पता कर सके शहनाज के मन का। दोपहर में शहनाज नहीं आई थी इसलिए वो परेशान हो उठा था लेकिन यहाँ शहनाज की आग को देखकर वो निश्चिंत हो गया। उसे कुछ करने की जरूरत नहीं थी और उसका प्लान सही दिशा में जा रहा था।
वसीम भी अब हाथ धोकर वहीं सोफे पे आ गया।
राज का लण्ड टाइट हो चुका था और वो जान गया था की अब वो जब चाहे इस चिड़िया को पटक कर खा सकता है। लेकिन उसे कोई हड़बड़ी नहीं थी और वो बड़ा खेल खेलना चाह रहा था। उसने एक नजर में ताड़ लिए की शहनाज ब्रा के बिना घूम रही है। उसका भी जी चाह रहा था की अब शहनाज को चोद डाले ।
एक मर्द के लिए तो फेसबुक पे लड़की की दोस्त रिक्वेस्ट रिजेक्ट करना मुश्किल कम होता है और यहाँ तो राज सामने परोसा हुआ खाना रिजेक्ट कर रहा था। राज शहनाज के दिमाग को इस अवस्था में ले आना चाहता था जिसमें वो उसकी हर बात माने। किसी भी कीमत पे राज को ना छोड़ पाए, चाहे और सब कुछ छोड़ना पड़े। इसके लिए बहुत धैर्य की जरूरत थी और राज इसीलिए खुद पे काबू किए हुए बैठा था ।
वसीम ने भी ये नोटिस किया की उसकी बीवी ने ब्रा को उतार दिया है। वो सोचने लगा की कैसी है शहनाज जो इस बूढ़े मर्द के लिए पागल है? और कैसा है ये राज जो इस चिंगारी से खुद को बचाए हुए है? उसने सोचा की शायद मेरी वजह से राज घबरा रहा है या शहनाज खुलकर कुछ नहीं कर पा रही है। उसने सोचा की मैं थोड़ा दूर होकर इन लोगों की मदद कर देता हूँ ताकी मेरी रंडी बीवी अपने आशिक से चुद पाए।
वसीम और राज वहीं बातें कर रहे थे और शहनाज किचेन की सफाई कर रही थी। थोड़ी देर बाद राज ने शहनाज से पानी माँगा। राज सोफे पे बैठ था। वसीम उसी वक़्त फोन पे किसी से बात करता हुआ उठा और रूम में जाकर बात करने लगा। शहनाज पानी लेकर आई। उसके एक हाथ में जग और एक हाथ में ग्लास था। वो कुछ ऐसे लड़खड़ाई की राज की तरफ दोनों हाथ फैलाकर गिरने लगी।राज ने उसे पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया और राज का हाथ शहनाज की चूचियों पे दब गया। शहनाज का रोम- रोम सिहर गया। राज का पूरा हाथ शहनाज की चूचियों की गोलाई को दबा गया था। शहनाज साड़ी थैंक्यू कहती हुई खड़ी हो गई। भले ही उसकी चूची दब गई थी, लेकिन उसने पानी नहीं गिरने दिया था, जग ग्लास से । राज ने ये जानबूझ कर नहीं किया था लेकिन उसके पूरे हाथ में शहनाज की बिना ब्रा की चूची आ गई थी। राज को बहुत मजा आया था।
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हालाँकी शहनाज का प्लान सफल रहा था और आखिरकार वो अपनी चूची राज से मसलवा ही ली थी फिर भी उसे शर्म आ ही गई। शहनाज नजरें झुकाए हुए राज को पानी दी और फिर किचेन में चली गई। राज अपने हाथ पै शहनाज की चूचियों को महसूस करता रहा और शहनाज अपनी चूची पे राज का सख्त हाथ ।
तभी लाइट कट गई। अंदर सबको गर्मी लगने लगी तो वसीम ने ही कहा- छत पे चलते हैं…”
सब छत पे टहलने लगे और शहनाज राज के आस-पास ऐसे चक्कर काटने लगी की जिससे किसी तरह एक और बार वो अपने बदन को राज के बदन में सटा पाए। शहनाज और राज उसी जगह पे थे जहाँ राज शहनाज की पैंटी ब्रा पे अपना वीर्य गिराता था।
छत पे अंधेरा था। वसीम अपने मोबाइल में कुछ देख रहा था और राज से बात कर रहा था। शहनाज को मौका नहीं मिल रहा था। तभी वसीम ने मोबाइल में एक वीडियो प्ले किया और राज को दिखाने लगा। शहनाज भी राज के साइड से आकर वीडियो देखने लगी। ये सबसे अच्छा मौका था। Bhabhi Sex
शहनाज राज के बदन में चिपक गई। उसकी गोल-गोल मुलायम चूचियां राज के बाजू में दब रही थी। शहनाज को बड़ा सुकून मिल रहा था। अब शायद राज थोड़ा रिलैक्स हो पाएंगे। लेकिन राज ने वीडियो देखते हुए ही अपने जिश्म को थोड़ा आगे किया तो शहनाज भी आगे हुई। राज वीडियो देखता हुआ हँसने लगा और थोड़ा और आगे हुआ। शहनाज अब इससे आगे नहीं हो सकती थी। उसे बहुत गुस्सा आ रहा था अब ।
थोड़ी देर में सब सोने चले गये, लेकिन शहनाज की आँखों में नींद नहीं थी। वो समझ नहीं पा रही थी की क्या करे? वो अपनी चूचियों में राज का सख्त हाथ महसूस कर रही थी और चाह रही थी की राज अच्छे से आकर उसकी चूचियां मसल डाले। लेकिन राज तो इतना शरीफ है की देखता तक नहीं, लेकिन इतना प्यासा है की पैंटी पे अपना वीर्य बर्बाद कर रहा है। उसे गुस्सा आ रहा था की जब अंदर से इतने बेचैन हो तो कुछ करो। इतना हिंट दे रही हूँ, इतनी तरह से कोशिश कर रही हूँ फिर भी कोई असर होता ही नहीं जनाब पे अब क्या करूँ? सीधा-सीधा जाकर बोल दूं की चोद लो मुझे। ये वीर्य मेरी पैंटी पे नहीं मेरी चूत में डालो। लगता है यही सुनकर मानेंगे राज जी ।
शहनाज राज के खयालों में खोई थी तभी वसीम उसकी तरफ करवट बदला और उसकी चूची पे हाथ रखता हुआ बोला- “ब्रा क्यों खोल दी ?”
शहनाज थोड़ा घबरा गई लेकिन तुरंत बोली- “बहुत गर्मी लग रही थी और पेट भी टाइट लग रहा था तो खोल दी । तब थोड़ा रिलैक्स हुई…”
वसीम उसकी चूचियों को बाहर निकालकर मसलने लगा तो शहनाज वसीम का हाथ हटा दी और उसे मना कर दी की तबीयत ठीक नहीं लग रही। शहनाज चाहती थी की अभी राज आकर उसकी चूचियों को मसलता तो ज्यादा मजा आता।
वसीम करवट बदलकर सोने की आक्टिंग करने लगा। उसे लगा की उसके सोने के बाद शायद शहनाज और राज चुदाई करें। राज को नींद नहीं आ रही थी और वो शहनाज की चुदाई के सपने देख रहा था।
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