उसके बाद तो मैं बिल्कुल ही पागल हो गई और सिसकारियों की बजाय चीखने लगी और रामू को रुकने को कहने लगी- “अब बस करो रामू, मुझसे सहन नहीं हो रहा, कहीं मैं फिर से न छूट जाऊँ, छोड़ो रामू…”
रामू मेरी बात सुने बगैर अपना काम किए ही जा रहा था और मैं अपना संतुलन खो बैठी, मैं एक तरफ ढल के झुक गई और लेट गई। रामू ने चाटना बंद किया और कहा- “मजा आया ना मेमसाब?”
मैंने मेरा सिर ‘हाँ, में हिलाया।
रामू बेड से नीचे उतारकर अपने कपड़े निकालने लगा। मैं सीधी हो गई और उसे देखने लगी। रामू हमेशा खाकी चड्डी और टी-शर्ट में ही होता है, शायद उसके पास 2-3 खाकी चड्डी होगी। रामू ने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और अपना सीना तानकर मुझे दिखाने लगा, कहा- “देखिए मेमसाब, मेरी बाडी सलमान खान जैसी ही है ना?”
मैं क्या बोलँ उसकी बाडी सलमान खान तो क्या पृनीत इस्सर से भी ज्यादा थी, उसका बदन बहत भारी था और साथ में आगे से निकली हुई तोंद देखकर उसका शरीर और तगड़ा लगता था। उसकी बाहें मेरी जांघों जितनी भरावदर थी। उसने जैसे ही चड्डी निकाली तो सबसे पहले मैंने उसके लण्ड की तरफ नजर डाली। बहुत ही बड़ा लण्ड था उसका, सुबह देखी हुई ब्लू-फिल्मों के माडेल के जितना। लण्ड के आजू-बाजू में बाल भी खूब थे। उसका लण्ड इतना बड़ा न होता तो शायद बालों के पीछे से दिखता भी नहीं। रामू काला तो था ही पर उसका लण्ड उससे भी ज्यादा काला था, मतलब की रामू में देखने जैसा कुछ भी नहीं था। फिर भी मैं उसे निहारती रही। कपड़े निकालकर रामू मेरे ऊपर आ गया और मेरे मम्मों को चूसने लगा।
मैं गरम तो पहले से हो ही गई थी और गरम होकर उसके बालों को सहलाने लगी।
रामू ने अपना लण्ड मेरी चूत के आजू-बाजू रगड़ना चालू किया और कहा- “सच में मेमसाब आप आज भी कोरा माल लगती हो…”
मैं आने वाले दर्द को सहने के लिए दिल को तैयार करने लगी। रामू ने अपना लण्ड मेरी चूत के द्वार पर रखा। मेरी सांसें रुक गई और मैं आने वाले हर एक पल का इंतेजार करने लगी। रामू ने अपने चूतड़ों को ऊपर उठाया और एक ही झटके में पूरे लण्ड को अंदर घुसेड़ दिया। मेरे मुँह से छोटी सी चीख निकल गई।
रामू- “मेमसाब बहुत ही नाझुक हो आप, दो बार की चुदाई के बाद भी सह नहीं पा रही हो…” रामू ने लण्ड को थोड़ा बाहर निकाला और फिर धीरे से अंदर डाला, 2-3 बार ऐसा करने के बाद वो स्पीड से करने लगा। धीरे-धीरे गति बढ़ने के साथ-साथ वो लण्ड भी ज्यादा अंदर तक और बाहर तक ले जाने लगा।
मैं मस्ती के महासागर में खोने लगी। मैंने रामू को मेरी बाहों की गिरफ्त में कैद कर लिया।
चोदते-चोदते रामू ने उसके होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। उसके मुँह से बीड़ी और शराब की मिली-जुली बदबू आ रही थी। मैंने सोचा रामू को हर रोज ना बोलूंगी, तो शायद उसे अच्छा नहीं लगेगा, थोड़ी देर कर लेने दो। रामू ने मेरे ऊपर के होंठ को उसके दोनों होंठों के बीच लेकर चूसना चालू किया। रामू बड़े इतनिनम और लज़्ज़त से मेरे होंठ चूसते हुये तेजी से मेरी चुदाई कर रहा था। वो अब ऊपर का होंठ छोड़कर नीचे का होंठ चूस रहा था।
मैंने मेरे पैरों को उसकी कमर के चौतरफा लपेट दिए थे, और साथ में वो जब लण्ड पीछे लेता था तब मैं गाण्ड उठाकर ऊपर कर रही थी। मेरे हाथ उसकी नंगी पीठ को सहला रहे थे, मतलब की आज मैं उसे पूरा सहयोग दे रही थी। मैं सिर्फ उसे होंठ चूसने में सहयोग नहीं दे रही थी, बल्की मेरे मुँह को ज्यादा खुला रखकर उसके होंठों से मेरा दूसरा होंठ दूर रख रही थी।
रामू ने मेरा सिर ऊपर करके उसका हाथ मेरे सिर के नीचे डाल दिया, जिससे मेरा सिर थोड़ा और ऊपर हो गया और एक साइड के बालों को वो अपनी उंगलियों से सहलाने लगा। उसने दूसरे हाथ से मेरे स्तनों को सहलाना। चालू किया तो मैं और मदहोश होने लगी।
रामू ने अब मेरे होंठ छोड़कर गर्दन को चूमना चालू कर दिया। ये सब करने के साथ-साथ वो अपनी चुदाई की। स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाते ही जा रहा था। मुझे उसका लण्ड नाभि तक जाता हुवा महसूस हो रहा था। वो लण्ड को सुपाड़े तक बाहर निकालकर फिर से पूरा अंदर डालता था। वो जब भी लण्ड को पूरा अंदर डालता था तब उसके लण्ड के आजू-बाजू के बालों से मुझे गुदगुदी हो रही थी।
मेरे मुँह से सिसकारियां रामू की स्पीड के साथ बढ़ती जा रही थीं, मैं अपने आप पर का काबू खो चुकी थी।
रामू- “सच में मेमसाब आप मस्त चुदवाती हो..” रामू ने मेरी गरदन पर अपनी जबान से चाटते हुये कहा।
मैं- “उम्म्म्म हूँ.” मेरे मुँह से इतना ही निकला और मैं फिर से सिसकारियां लेने लगी।
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