Adultery चुदने को बेताब पड़ोसन – hindi chudai ki kahani

भाभी बोली- “राज, बहुत अच्छा लग रहा था और चूसो ना। लण्ड क्यों निकाल दिया तुमने? और उंगली करो। ना…” वह मुझसे लिपट गई और मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रखवा लिया। फिर बोली- “राज इन्हें दबाओ न…” वो मेरे और पास खिसक आई। मैं समझ गया कि अब ये चुदवाने को तैयार है, मैं भी उससे चिपक गया। जिससे मेरा लण्ड उसकी चूत के मुहाने से टकराने लगा।
जैसे ही उसे लण्ड का एहसास हुआ उसने खुद हाथ से उसे चूत के मुहाने पर सेट कर लिया।
वो बोली- “प्लीज राज, अब मत तड़फाओ। मैं पागल हो जाऊँगी। तुमने मेरा बुरा हाल कर दिया है। तुम्हें जो करना है, कर लो पर प्यासा मत छोड़ो…”
मैं बोला- भाभी, मुझे तुम्हारी चूत चाहिए, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
वो बोली- अब कहाँ मना कर रही हूँ, देखो। मैंने तुम्हें खुद रास्ता दिखा दिया है। बस मेरी आग शान्त करो। जल्दी से चोद डालो मुझे।
मैं बोला- “तो ठीक है भाभी, अब चुदाई के मजे लो, और मेरे लण्ड के झूले में प्यार का झूला झूलो..” मैंने उनकी चूत पर लण्ड का दबाव देना शुरू किया। गीली चूत में ‘फच्च’ की आवाज से पूरा लण्ड अन्दर चला गया।
भाभी के मुँह से ‘आह’ निकल गई।
मैंने होंठों से होंठों को लगाया और चोदने की रफ्तार बढ़ा दी। मैं और भाभी दोनों ही चुदासे और प्यासे थे। इसलिए 15 मिनट में ही दोनों खलास हो गए। कुछ देर बाद फिर मैंने उन्हें फिर गरम करना शुरू किया और

फिर उनकी जमकर चुदाई की और सारा माल चूत में भर दिया। उस रात मैंने उन्हें 5 बार चोदा, उनके चेहरे पर
भी सन्तुष्टि के भाव थे।
भाभी बोली- राज, आज रात जो कुछ भी हमारे बीच हुआ। प्लीज़… वो तुम किसी को मत बताना। मैं भी नहीं बताऊँगी कि तुम रात में मेरे साथ सोए थे। प्लीज… नहीं तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैं बोला- “ठीक है भाभी। तुम चिन्ता मत करो और खुश रहो…” उसके बाद हम नंगे ही साथ-साथ सो गए।
सुबह उन्होंने मुझे जल्दी उठा दिया, मैंने उनकी एक चुम्मी ली और अपने कमरे में आकर सो गया। उस रात के बाद कभी दुबारा मैंने उनसे चूत देने की जिद नहीं की। कुछ दिनों बाद उन्होंने भी कमरा छोड़ दिया। मैं फिर अकेला रह गया।

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