धीरे-धीरे हम दोनों पसीने से तर हो गए। पर दोनों में से कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था। मैं तड़ातड़ उनकी चूत पर लण्ड से वार किए जा रहा था।
आखिर वो कब तक सहन करती। अन्त में उनका पानी निकल ही गया। बोली- “राज, प्लीज थोड़ा रूको। मुझे अब दर्द हो रहा है…”
मैंने लण्ड को चूत में ही रहने दिया और उनकी चूचियां मसलने लगा। थोड़ी देर में जब वो थोड़ा नार्मल हो गई। तो मैंने लण्ड को चूत की दीवारों पर रगड़ना शुरू कर दिया। जल्दी ही वो फिर से गरम हो गई और बिस्तर पर फिर तूफान आ गया। अब भाभी गाण्ड उठा-उठाकर मेरा साथ दे रही थीं।
मैं- भाभी कहाँ गिराऊँ? मेरा होने वाला है।
मालकिन- राज, तेज-तेज धक्के मारो… मेरा भी होने वाला है और सारा रस चूत में ही गिराना। सालों से प्यासी है… तर कर दो उसे। तुम चिन्ता मत करो मेरा आपरेशन हो चुका है।
अब मैंने रफ़्तार पकड़ी और कुछ ही देर में सारा माल उनकी चूत में भर दिया, और उन्हीं के ऊपर लेट गया।
मालकिन- राज अब उठो भी। मुझे घर भी जाना है।
मैं- ठीक है भाभी, पर ये तो बताओ कैसा लगा? आपको मेरे लण्ड पर जन्नत की सैर करके?
मालकिन- बहुत मजा आया राज। तुमने मेरी चूत की सारी खुजली भी मिटा दी और सालों से प्यासी चूत को पानी से लबालब भर भी दिया। देखो अब भी पानी छलक रहा है।
मैंने देखा तो हम दोनों का माल उनकी चूत से निकलकर उनकी टाँगों से चिपककर नीचे आ रहा है। मतलब समझकर हम दोनों हँसने लगे, फिर वो फटाफट कपड़े पहनने लगी और जाने लगी।
मैं- “भाभी, जिसने तुम्हें इतना मजा दिया उसे थोड़ा प्यार करके तो जाओ…” और मैंने अपना मुरझाया लण्ड उनके आगे कर दिया।
भाभी ने एक बार उसे पूरा अपने मुँह में ले लिया। थोड़ी देर चूसा, आगे से जड़ तक चाटा। फिर सुपाड़े पर एक प्यारी सी चुम्मी दी और चली गईं।
उसके बाद जब तक उनके बेटे की शादी नहीं हो गई। तब तक मैंने उन्हें बहुत बार चोदा। उनकी बहू घर पर ही रहती थी। इसलिए मैंने उनसे मिलने से मना कर दिया। ताकि वो फैंस ना जाएं। वो समझ गई। उसके बाद ना वो कभी कमरे में आई, ना ही मैं उनसे मिलने गया। पर जब तक साथ रहा तब तक दोनों ने खूब मजे किए।
hindi chudai ki kahani – Incest ये प्यास है कि बुझती ही नही – Pure Taboo Story