Adultery बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत – Family Sex

रिया की चीख में इस बार थोड़ा हल्कापन था- “आहह…”

जय अब रिया को चोदने लगता है।
रिया- “अहह..”

साइड व्यू से काफी हाट इश्य आ। दोनों के जिस्म चिपके हुए। जय का बुड्ढ़ा बदन और रिया का जवान खूबसूरत गोरा बदन।

रिया- अहह… हाय आहह.
जय रिया के कंधे को पकड़कर धक्के लगा रहा था- “साली मुझे थप्पड़ मारती है… इसी सोच के साथ जय जोर-जोर से धक्के लगाने लगता है।

रिया- “हाय धीरे अहह…” और अब रिया ने भी जय के आगे समर्पण कर दिया था। उसे भी पता था कि वो जय का सामना नहीं कर सकती- “अहह… आहह..” और धक्के लगते हुए रिया के चूचियां इधर-उधर हिल रही

जय के सामने रिया की गाण्ड भी जो पूरी नंगी थी। जय बहुत खुश था क्योंकी वो आज इतनी खूबसूरत जवान औरत को चोद रहा था। उसका काला लण्ड अंदर-बाहर हो रहा था, रिया की गुलाबी चूत में। अब काफी हद तक रिया को दर्द नहीं हो रहा था। रिया की चूत और जय के लण्ड का मिलन अब बड़े ही रोमांचक तरीके से हो रहा था।

जय ऐसे ही रिया को 20 मिनट और चोदता है, और फिर अपना लौड़ा बाहर निकाल लेता है। जय के लण्ड पर गीला रस लगा हुआ था, जो बता रहा था की रिया की चूत चुदाई के वक़्त बहुत बार झड़ चुकी है। रिया अभी उठने की हालत में नहीं थी। जय ने उसकी हालत अरी कर दी थी। दोनों पड़े हुए थे बेड पर बिल्कुल बेजान होकर। लेकिन बाड़ी देर बाद जय उठ जाता है। वो बेड में बैठते हुए रिया की तरफ एक बार देखता है। रिया पसीने से भीगी हुई थी। उसकी गुलाबी चूत से रस निकलता हुआ। उसके खूबसूरत चेहरे पर नमी। जय
को अपने लण्ड पर भी रिया की चूत का रस दिख रहा था।

इस वक़्त रिया पूरी नंगी पड़ी हुई थी चुदाई के बाद, एक काले बूढ़े के साथ। थोड़ी देर बाद जय रिया को बेड पर पेट के बल लिटा देता है। रिया को हर लग रहा था की अब यह काला बढ़ा उसके साथ क्या करेगा?

रिया- प्लीज… और मत करो। में मर जाऊँगी।

जय- तेरी जैसी माल तो इसी के लिए बनी है। तू हर मत। और सच कहें तो तुझे चोदने में जो मजा है ना वो मेरी उस अधेड़ बीवी को चोदने में बिल्कुल नहीं है।

पता नहीं क्यों लेकिन इस बात पर रिया के चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ जाती है। जो जय की नजर से बच नहीं पाती। जय के लिए और आसानी होने वाली थी अब तो। अब जय रिया की गोरी गाण्ड पर एक बार हाथ फेरता है। अब वो अपना लौड़ा फिर से रिया की चूत पर लगाकर उसके ऊपर झुकते हर एक जोर का धक्का लगाता है।

रिया- “अहह… अहह..” और इस पोजीशन में रिया को थोड़ा दर्द हो रहा था।

जय थोड़ा झुक कर रिया की पीठ को चूमता है फिर धक्के लगाने लगता है।

रिया- आह्ह… आहह… आहह.. हाय आअहह..” करती है।

जय के धक्के टाइम के साथ तेज हो रहे थे, और रिया की चीखें भी। रिया नीचे बेडशीट पकड़े हुए भी। उसके लिए य जय के धक्के सहन करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। लेकिन जय तो मजे से इस खूबसूरत जवानी को लूट रहा था। उसकी गोरी पीठ को चूम रहा था। रिया को अपनी गाण्ड पर जय के लण्ड के आस-पास की झांटें महसूस हो रही थी, और उसका तगड़ा काला लौड़ा उसकी चूत को बहुत गहराई तक चोद रहा था।

ऐसी पोजीशन में रिया को उसके पति ने भी कभी नहीं चोदा था। रिया बेडशीट पकड़ी हुई थी, और उसकी चूत पीछे से एक काला बढ़ा झुका हुआ मार रहा था। कुछ एक 5 मिनट हल्के-धक्के लगाने के बाद जय अपनी स्पीड बढ़ा देता है।

रिया- “अहह… अहह…”

जय को अपना लण्ड रिया की चूत में पीछे से जाता देखकर बड़ा मजा आ रहा था। इतने बड़े घर की बहू को वो जैसा चाहे वैसा चोद जो रहा था। वो यह भी जानता था कि अगर यह परी हाथ लग गई तो उसे जिंदगी में और कुछ नहीं चाहिए होगा। धक्के लगाते हुए जय के कारको साइज के बाल्म रिया की गाण्ड पर चोट कर रहे ।

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रिया- अहह… अहह… हाय अहंन्न अहह… अहह… अहह..”

जय 30 मिनट और चोदता है रिया को। जय अपना लौड़ा बाहर निकालता है। लण्ड बाहर निकालते ही उसके लौड़े से गाढ़ा पानी निकलने लगता है। रिया भी पलट जाती है। वो खुद को बेडशीट से कमाने की कोशिश करती हैं। लेकिन तभी जय उसको फिर से पकड़ लेता है और उसको लिटाकर खुद उसके ऊपर आ जाता है।

रिया- प्लीज़… और मत करो।

जय- क्यों थक गई क्या चुदाई से।

रिया जय की गंदी बातों में चुप हो जाती हैं।

जय अब रिया की चूत पर अपना लण्ड घिसने लगता है।

रिया- “ओहह… अहह…”

जय मन में- “साली को मेरा लण्ड अपनी चूत में चाहिए, लेकिन बोलती नहीं। जय वैसे ही अपना लण्ड घिसते रहता है…”

रिया- अहह… हाय अहह…

जय- बोल डाल दूं अंदर?

रिया एक बार जय की तरफ देखती है फिर अगले ही पल अपनी आँखें बंद कर लेती हैं। जय अपने बदसूरत काले चेहरे पर एक कमीनी स्माइल लाया हुआ था। रिया की आँखें बंद होना जय के लिए सिग्नल था की रिया अन मना नहीं कर रही हैं। जय रिया की दोनों जांघों को अपने कंधे पर लेते हुए उसके ऊपर झुक जाता है। अब वो अपना लण्ड भी अंदर धकेल देता है। थोड़े दबाव के साथ उसका लण्ड रिया की गोली चूत की वजह से इस बार आसानी से अंदर चला जाता है। लण्ड जाते हुए रिया के मुँह से सिसकारी निकलती है।

रिया- “अहह..”

जय अब खुद रिया फर झुका हुआ ऊपर-नीचे होने लगता है। रिया के खूबसूरत चेहरे पर एक अजीब चमक थी। उसके होंठ एक दूसरे को काट रहे थे। रिया का चेहरा देखकर जय अब अपनी स्पीड थोड़ा बढ़ाता है। उसका लण्ड अब गहराई तक अंदर जा रहा था रिया की चूत में।

रिया- “अहह… अहह.. अहह… अहह…” और धक्कों के साथ रिया की सिसकारियां भी बढ़ने लगती हैं।

जय के तेज धक्के रिया की आँखें खोल देते हैं। अब दोनों की नजरें एक बार के लिए मिल जाती हैं। दोनों के चेहरे आमने सामने थे। एक खूबसूरत जवान औरत तो एक काला बदसूरत बढ़ा। जय रिया की आँखों में देखते हए धक्के लगाने लगता है। रिया शर्म के मारे अपनी नजरें झका लेती हैं। लेकिन जय उसके ऊपर और झुक जाता है।

रिया को अपने चेहरे पर गरम साँसों का अहसास होता है, तो वो अपनी नजरें उठाकर जय की तरफ देखती है। एक बार के लिए वो चौंक जाती है। क्योंकी जय का बदसूरत चेहरा उसके बिल्कुल करीब आ। एक अजीब सा माहौल बन गया था उस वक्त। एक तो चुदाई ऊपर से ये कामुकता।जय रिया की आँखों में देखते हुए जोर जोर के धक्के लगा रहा था। चोदते हुए वो अब रिया के गुलाबी होंठों के करीब जाने लगता है। जिसे देखकर रिया समझ जाती है की ये बूढ़ा क्या करना चाहता है। उसकी उतना टाइम नहीं मिलता उधर की वो जय को किस करने जा दे। अचानक ही जय अपने काले सखे होंठ रिया के गुलाबी होंठों पर रख देता है। जय के होंठ अपने होंठों पर छूते ही रिया की आँखें बंद हो जाती हैं।

रिया- “उम्म्म्म
..
जय के काले होंठ रिया के होंठों को चूसने लगते हैं, और वो साथ में जोर के धक्के भी लगा रहा था।
रिया- उम्म्म्म …म उम्म्म उम्म्म्म …”

रिया ने ये तेज़ी अपने पति के साथ भी कभी महसूस नहीं की थी। पता नहीं क्यों लेकिन ये बूढ़ा उसे एक अलग ही मजा दे रहा था। लेकिन वो जाहिर नहीं करना चाहती थी की वो एक गंदे लो-क्लास डे के साथ सेक्स एंजाय कर रही है। दोनों बहुत गरम हो गये थे। दोनों को बिल्कुल होश नहीं था अब तो। वो धक्के लगाते हुए किस कर हो रहा था की उसे अहसास होता है की रिया भी उसका साथ दे रही हैं धीरे-धीरे।

अब तो जय का लण्ड आलमोस्ट पूरा अंदर जा रहा था रिया की चूत में। जिस पोजीशन में वो लोग चुदाई कर रहे थे, उससे रिया की चूत जैसे जय का लौड़ा पूरा ले रही थी।

रिया- “अहह… अहह… हाय अहह… उम्म्म्म
… उम्म्म्म
… हंम्म्म
… उहह.. उम्म्म म…

दोनों नंगे शरीर जैसे बरसों से बिछड़े थे और आज मिल रहे हैं। थोड़ी देर बाद जय किस तोड़ देता है। रिया हाँ फते हुए दूसरी तरफ देखने लगती है। जय अपने धक्के जारी रखता है।

जय- मज़ा आया ना तुझ?” जय रिया के खूबसूरत चेहरे को देखते हुए बोलता है। रिया दूसरी तरफ मुँह किर हुए कुछ नहीं बोलती। जय उसको चोदता रहता है।

रिया- “अह… आहह… अहह..”

जय- बोल मजा आया ना?

रिया अभी भी कुछ नहीं बोलती। जय को थोड़ा गुस्सा आता है, तो वो रिया का चेहरा पकड़कर अपनी तरफ करता है और उसकी आँखों में देखते हुए धक्के लगाने लगता है। रिया को बहुत शर्म आ रही थी कि जय उसको देख रहा था चोदते हुए। लेकिन रिया खुद की सिसकारियां निकलने से नहीं रोक पा रही थी।

रिया- “अहह… आअहह… अहह… उम्म्म्म … और उसकी चूत में लगातार अंदर-बाहर होता हुआ जय का काला लण्ड उसको एक अजीब हो दुनियां में ले जा रहा था- “अहह… अहह..”

रिया भी जय की आँखों में देख रही थी। उसको जय की आँखों में एक अजीब सी प्यास नजर आ रही थी।

अचानक ही जय की स्पीड और ज्यादा हो जाती है। जय झड़ने के करीब था, जो रिया महसूस कर लेती है। क्योंकी जय का लण्ड फूल रहा था। रिया को हिम्म्त तो नहीं हो रही थी लेकिन वो बोल ही देती है।

रिया- “अंदर मत गिराना प्लीज़…”

जिसे सुनकर- जय- “क्यों?”

रिया जय की तरफ हैरानी से देखती है। लेकिन कुछ नहीं बोलती। जय दो-तीन जोर के धक्के लगाकर अपना लौड़ा चूत से बाहर निकाल लेता है, और रिया के पेट पर झड़ने लगता है। उसके काले लौड़े से गाढ़ा सफेद रस निकलने लगता है।

जय- “अहह..” कर के जय मजे से अपना लौड़ा पकड़े हुए अपना पानी बाहर निकाल रहा था।

रिया पड़ी हुई थी। लेकिन उसे , जय के लण्ड से निकलता हुआ उस देखकर घिन आ रही थी। वो अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती है। उसकी चूत से भी सफेद पानी निकल रहा था। उसकी चूत कांप रही थी। हो भी क्यों ना? उसने अभी-अभी एक बेहद गंदा और बड़ा सा लौड़ा जो सहन किया था।

कुछ एक मिनट तक अपना रस निकालने के बाद जय शांत हो जाता है। जय इधर ही रिया के बगल में लेट जाता है। रिया झट से बेड से उतर जाती है।

जय- क्या हुआ?

रिया कुछ जवाब नहीं देती।

जय समझ जाता है के रिया उसकी बदसूरती की वजह से उठी हैं, वो कहता है- “चुदवाते वक्त को तुझे कोई परेशानी नहीं हुई। अचानक क्या हुआ तुझे?”

रिया चुप रहती है। जय वैसे ही लेटा रहता है। रिया अब अपनी साड़ी जो जमीन पर पड़ी हुई थी उसे उठा लेती है। रिया खुद को ठीक करते हुए मन में- “ये क्या हो गया मेरे साथ अब में क्या करूँगी? इस घटिया बूढ़े ने मेरे साथ चुदाई,,,,,, अब क्या होगा मेरा? मेरे पति को में क्या जवाब दूंगी? ये बहुत गलत हुआ है, और कैसे मैं इस गंदे आदमी के साथ एंजाय कर रहीं औ? छी…”

रिया नजरें चुराते हुए जय को भी देख रही थी। रिया के मन में अलग-अलग खयाल आ रहे थे। वो एक बार जय को गुस्से देखती है। वो जय को यहाँ से भगाना चाहती थी, लेकिन जय बस पड़ा हुआ था। इसलिए वो पलटकर बाथरूम की ओर जाने लगती हाँ । वो बाथरूम का दरवाजा बंद करके नहाने लगती हैं। नहाते हुए पानी की बँदें उसके गोरे शरीर पर गिर रही थी, नीचे उसकी चूत से होतेरिया सोच में डूबी हुई थी, जो भी हुआ उसके साथ। वो जय का उसको बुरी तरह से चोदना। इतनी जोरदार चुदाई ही उसके मन में घूम रही थी। वो समझ भी नहीं पा रही थी की वो क्या रिएक्ट करे इसपर? नहाकर वो बाहर निकलती है तौलिया पहनकर, तो जय उसे वहीं नजर नहीं आता।

रिया मन में- “लगता है चला गया कमीना, बड़ा कहीं का..”

रिया मिरर की तरफ जा हो रही थी की जय उसे पीछे से पकड़ लेता है। असल में जय एक तरफ छिपा हुआ था। रिया जय के अचानक आने से हड़बड़ा जाती है।

रिया- “ये छोड़ो मुझे कमीने.. और रिया उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करती हैं।

रिया सिर्फ तौलिया में थी तो बहुत हाट लग रही थी। उसके गोरे बदन पर अभी भी पानी की कुछ दें बह रही थी। उसके बाल भीगे हुए, और उसका खूबसूरत चेहरा उफफ्फ… मस्त लग रही थी रिया। लेकिन इसी जवानी को जय लूट चुका था। जय रिया को पीछे से पकड़े हुए रिया के जिस्म की खुश्बू एक बार सूँघता है।

जय- आअहह… क्या खुश्बू है तेरे जिश्म की?

रिया- छोड़ो मुझे।

जय का लण्ड रिया की गाण्ड के अहसास से फिर से खड़ा होने लगता है।

रिया को जिसका अहसास भी होता है। रिया कहती है- “छोड़ मुझे… मैंने कहा…” और इस बार रिया थोड़ा गुस्से में बोलती है।

जय भी आश्चर्यजनक रूप से छोड़ देता है। रिया उससे अलग होकर दूर खड़ी हो जाती है। जय उसकी तरफ फिर से आने लगता है।

रिया- दूर रहो मुझसे।

जय उसकी तरफ आते हुए अचानक दरवाजे की तरफ चला जाता है और बाहर चला जाता है।

रिया को थोड़ा अजीब लगता है लेकिन वो राहत की साँस भी लेती है की यह चला गया।

इधर नेहा की रूम में राज की बाहों में नेहा पड़ी हुई थी। राज उसकी चूचियां हल्के-हल्के दबा रहा था। राज कहता है- “मेरी जान… वो रिया की तो बॅंड बजा दिया होगा अब तक जय ने…”

नेहा- “तुम दोनों बस पागल हो। उस बेचारी को भी नहीं छोड़ा। पता नहीं क्या-क्या कर रहा होगा तुम्हारा वो दोस्त”

राज. और क्या करेगा… चुदाई ही कर रहा होगा।

नेहा- छी… मत करो मेरे सामने गंदी बातें।

राज- चल ठीक है। हे चल ना एक और बार करते हैं चुदाई।

नेहा- नहीं नहीं मुझसे और नहीं होगा। तुम अब जाओ यहाँ से।

राज. यही सो जाता हूँ ना तेरे साथ । वैसे भी कोई नहीं है घर में।

नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है- “नहीं। यहां सिर्फ मैं और मेरे पति ही सो सकते हैं। कोई और नहीं…”

राज. ओहह.. फिर तो तुझे मेरी पत्नी बनना पड़ेगा तेरे साथ सोने के लिए।

नेहा शर्मा जाती है।

राज- तो बोल बनेगी मेरी बीवी?

नेहा- चुप रहो। शकल देखी हैं अपनी।

राज- शकल में क्या रखा है? तू बस एक बार मेरी बीवी बन जा। फिर देख कैसे मजे देता हूँ तुझे।

नेहा कुछ नहीं बोलती बस चुप रहती है।

राज- बोल ना बनेगी मेरी बीवी?

नेहा- “नहीं। गर्लफ्रेंड हूँ उतना काफी नहीं है क्या?” नेहा शर्माते हुए बोलती हैं।

राज भी खुश हो जाता हैं कि आज पहली बार नेहा ने गर्लफ्रेंड होने की बात स्वीकार की थी

राज- “मेरी जान। जो मजे बीवी दे सकती है. वो गर्लफ्रेंड नहीं दे सकती। हाहाहा..’

नेहा- चुप रहो। और अब जाओ यहीं से। मुझे सोना है। नींद आ रही हैं।

राज- आज सोने देना तेरे साथ यहीं पर।

नेहा- “प्लीज़… राज समझा करो। तुम जाओ प्लीज..”

राज- ठीक है। अपनी गर्लफ्रेंड के लिए कुछ भी।

नेहा के चेहरे पर फिर से स्माइल आ जाती हैं। राज अब बेड से नीचे उतर जाता हैं और दरवाजे से बाहर निकल जाता है।

कुछ आधे घंटे बाद नौकर क्वार्टर्स में जय और राज बैठे
और दोनों बातें कर रहे थे। उन दोनों के हाथों में शराब की बोतल थी ।

जय- “क्या मजा आया उस छोटी वाली के साथ पूछ मत? क्या चूत है साली की। साली से बदला लिया…”

राज. आधे मजे कर लिए ना। तो हो गया क्या? और नहीं करना?

जय- “करना है करना है…” और दोनों हँसते हैं।

राज- वो सीधा सीधा मान गई थी क्या?

जय- कहा ॥ साली बहुत नाटक कर रही थी। साली को गरम करके चोदना पड़ा।

राज- हाहाहाहा साली है भी तीखी मिची।

जय- सही कहा। लेकिन उसकी चूत एकदम चिकनी हैं। मजा आ गया मार कर

राज- “ओहह…” और दोनों ऐसे ही बातें करके, शराब पीकर सो जाते हैं।

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