Adultery बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत – Family Sex

राज अब एक धक्का नीचे से लगाकर- “अब शर्माना बंद कर और मुझे किस करना शुरू कर.’

नेहा राज की तरफ देखकर जा में सिर हिलाती हैं।

राज-कर ना मेरी जान।

नेहा- नहीं।

राज- ठीक है। अब देख मैं तुझे यहीं पर कैसे चोदता हूँ?

नेहा जानती भी अगर राज यहां शुरन हो गया तो उसकी चीखें सब घर वाले सुन लेंगे।

नेहा- “नहीं प्लीज..”

राज- तो फिर किस कर मुझे।

नेहा के पास कोई विकल्प नहीं था। लेकिन वा शर्मा रही थी। खुद इस काले बढ़े हाइवर को किस करने में। नेहा ने कहा- “मुझसे नहीं होगा…”

राज. “लगता है तू ऐसे नहीं मानेगी?” फिर राज नीचे से तेज धक्के लगाने लगता है।

नेहा- “आअहह… सको अहह… दर्द हो रहा है अहह…

नेहा अब कुछ नहीं कर सकती थी। उसकी चीखें भी बढ़ रही थी। नीचे से जोरदार धक्के लग रहे थे। राज दूसरी तरफ देख रहा था। नेहा ये भी जानती भी की वो ज्यादा देर चौखें बगैर नहीं रह पाएगी। कोई रास्ता ना दिखता देखकर वो राज को देखती है और उसका चेहरा अपने हाथों से अपनी तरफ करती है। फिर वो उसके बदसूरत चेहरे को देखते हुए उसके गंदे काले होंठों की तरफ अपने लाल नरम होंठ बढ़ाती है। धीरे-धीरे आगे बढ़ कर उसके लाल होंठ राज के काले गंदे होंठों को छू लेते हैं, और वो किस करने लगती है।

आहा… क्या इश्य है। नेहा जो कभी इस युद्धे को भला बुरा बोलती भी, उसी बढे को किस कर रही थी। एक काले बढ़े गंदे ड्राइवर को इस बड़े घर की खूबसूरत जवान बह खुद अपनी मर्जी से किस कर रही थी। राज एकदम खुश हो जाता है। राज अब धीरे-धीरे धक्के लगाते हर सीढ़ियां चढ़ने लगता है।

नेहा उसको किस कर रही थी और राज नेहा की चूत मारते हए ले जा रहा था। जहा की गोरी होलियां राज के बदसूरत चेहरे को पकड़े हुए थी। नेहा राज के काले गंदे होंठों को अपने लाल नरम होंठों से चूस रही थी। एक काले बूढ़े ड्राइवर को नेहा चूम रही थी। चढ़ते-चढ़ते राज नेहा के रूम के बाहर पहुँच जाता है।

नेहा को इस बात ही खबर ही नहीं थी की उसका रूम आ गया है। वो तो बस राज को किस किए जा रही थी। राज भी मजे के साथ उसे रोकने की जरा भी कोशिश नहीं करता। राज अब नेहा को लेकर उसके रूम में चला जाता है। अंदर विशाल बेड पर आराम से सो रहा था, गहरी नींद में। उसको क्या पता को उसकी बीवी की क्या हालत कर चुका है उसी के फैक्टरी का काला बट्टा ड्राइवर। अब इस वक्त उसकी बीवी खुद उसी बूढ़े को किस कर रही है। राज गम में पहुँचते ही धक्के लगाने बंद कर दिए थे। लोकल नेहा को कुछ भी खयाल नहीं था।

राज मन में- “साली इस वक़्त बहुत गरम हैं। लगता हैं साली को एक बार और चोदना पड़ेगा। इसको तो मैं अब इसके पति के आज में ही चोदूंगा…”

राज अब नेहा को बेड के पास लेजाकर उसे बेड पर लिटा देता है और खुद भी उसके ऊपर आ जाता है। इस बीच नेहा का किस जारी था। लेकिन नेहा ने बेड का अहसास होते ही किस तोड़ दिया और साइड में देखने लगी।

और अपने पति को देखकर हैरान रह गई। राज उसके ऊपर आ। अब बी राज को देखते हुए उसको अपने ऊपर से हटाने लगी।

राज को भी इस बार जबदस्ती करना ठीक नहीं लगा। इसलिए वो अपना काला लण्ड नेहा की गुलाबी चूत में से निकलते हए उसके ऊपर से हट गया। नेहा जल्दी से उठकर बाथरूम की तरफ भागने लगी। वो बाथराम के पास पहची ही थी की राज उसका गोरा हाथ पकड़ लेता है।

राज- “रुक जा मेरी जखने वाली, एक किस तो देती जा…”

नेहा किस की बात से शर्मा जाती है- “प्लीज़… जाने मारते मुझे राज… और तुम भी यहाँ से चले जाओ…”

राज. चला जाऊँगा। पहले अपने इस बूढ़े बायफ्रेंड को एक किम तो दे दे।

नेहा शर्म से लाल हो गई थी यू बढ़ा बायड बोलने से- “छोड़ो ना…’ बोलकर वो राज के हाथ से अपना हाथ
छुड़ाकर भाग जाती है बाथरुम ।

राज अपना लण्ड मसलते हए- “हाय मेरी जान… मजा आ गया तेरे साथ। अब तो तू सिर्फ मेरी है, और किसी को भी नहीं.” फिर राज पलट कर जाने लगता है। तभी वो रुक कर विशाल की तरफ देखकर उसकी चादर पर भूकता है, और कहता है- “साला नामर्द कहीं का। मेरी गर्लफ्रेंड से दूर ही रहना तू..”

विशाल इतनी गहरी नींद में था की उसे कुछ पता नहीं चला। फिर राज चला जाता हैं नौकर क्वार्टर्स में और
सो जाता है।

इधर हा फ्रेश होकर एक नाइट सूट पहनकर लेट जाती है बेड पर। नेहा मन में सोचती है- “ये क्या हो गया मुझसे? उस गंद बदा ड्राइवर के साथ छी…. कहीं-कहीं उसने मेरे साथ किया और में भी कैसे पागलों की तरह उस गंदे आदमी को किस कर रही औ? छी…” यही सब सवाल नेहा की मन में आ रहे थे। फिर उसे जल्द ही लौंद
आ जाती है और वो सो जाती हैं।अगली सुबह नेहा देर से उठती है। कल रात की चुदाई के बाद उसे अच्छी नींद आई थी। चुदाई एक बूटे ड्राइवर के साथ। उसकी नींद खुलते ही उसे अपनी चूत में दर्द महसूस हो रहा था। जो गवाह था कल रात की मस्त चुदाई का जो कीम ने की औ। वो साइड में देखती है की विशाल नहीं है। दर्शल विशाल आफिस जा चुका था। नेहा उठकर फ्रेश हो जाती हैं। फिर नीचे चली जाती है। नेहा नाश्ता करने बैंठी ही थी की इधर उसकी सास आ जाती है।

सावित्री “अरे बह, वो विशाल बोल रहा की नेहा को बता देना की शाम में उसके किसी दोस्त की शादी में जाना है, तुम दोनों को.”

नेहा- शादी में मौजी?

नेहा- ठीक है मौंजी।

चली जाती है रूम में। उसको कल रात की बातें याद आ रही थी- “कैसे मैंने कल उस गंदे बड़े के साथ छो… ये मुझसे क्या हो गया? इतना प्यार करने वाला पति होते हुए भी मैंने छो… कैसे उस गंदे ब्ढे की बातों में में आ गई। बस बहुत हो गया। मैं उसको फिर मेरे पास नहीं आने देंगी…”

अपना मन बहलाने के लिए वो राज को अनदेखा कर रही थी। लेकिन कब तक? देखते हैं।

नेहा- “शाम को शादी में जाना है। विशाल को फोन कर लेती हूँ..” फिर नेहा काल लगाती है उसको।

विशाल- ही बोलो ?

नेहा- किसकी शादी में जाना है शाम में?

विशाल- अरे हाँ । वो मेरा एक दोस्त है, उसी की शादी में। तुम शाम को तैयार रहना। में जल्दी आ जाऊँगा।

नेहा- लोकल विशाल जाना जरूरी है क्या?

विशाल- ही डालिंग। वो मेरा खास दोस्त हैं जाना तो पड़ेगा जा।

नेहा- ठीक है जल्दी आना घर।

विशाल- ठीक है आ जाऊँगा।

नेहा- बाइ।

विशाल- बाइ।

काल खतुम करके नेहा लेट जाती है बेड पर। शाम में नेहा विशाल का इंतजार कर रही थी। वो तैयार हो चुकी भी। एक मस्त बैंकलेस ब्लाउज़ साड़ी पहनकर। एकदम परी लग रही थी वो। विशाल भी थोड़ी देर बाद आ जाता है रूम में।

विशाल- अरे वाह… क्या कहर ढा रही हो। क्या इरादा है मेरी जान का?

नेहा- आप भी जा… जाकर तैयार हो जाइए।

विशाल- तुम्हें देखकर कपड़े पहनने का नहीं, कपड़े उतारने का मन कर रहा है।

नेहा- बस कौजिये। देरी नहीं हो रही क्या? तैयार हो जाइए।

विशाल- अच्छा बाबा अभी आता हूँ तैयार होकर।

थोड़ी देर बाद विशाल तैयार हो जाता है। वो दोनों सादियां उतर कर लीचे जाने लगते हैं। तभी विशाल के मोबाइल पर काल आता है। विशाल उतरते हुए बात कर रहा था। काल खतुम कर देता है।

नेहा- किसका फोन था जान?

विशाल- नेहा वो एक प्रोबलम हैं।

नेहा- क्या?

विशाल- बो हमारे आफिस के ड्राइवर की तबीयत कुछ ठीक नहीं है। इसलिए वो नहीं आ सकता।

नेहा- ड्राइवर की क्या जररत है विशाल। हम दोनों ही चले जाते हैं ना। जररत

विशाल- तुम समझ नहीं रही हो। जहाँ हमें जाना है वो काफी दूर है। रास्ता बहुत लम्बा और ऊपर से लाइट ड्राइब करना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए ड्राइवर चाहिए।

नेहा- तो अब?

विशाल- “रुको में कुछ सोचता है…” और विशाल को सोचते हुए कुछ खयाल आता है- “नेहा तुम यहीं रुको मैं
आता हूँ..” कहकर विशाल बाहर चला जाता है।

नेहा वहीं नीचे हाल में रुक कर इंतजार कर रही थी। थोड़ी देर में विशाल वापस आता है।

विशाल- “चला नेहा, हाइका मिल गया.”

नेहा- कौन?

विशाल- अरे वो है ना राज, हमारा फैक्टरी का ट्रक ड्राइवर। वैसे भी वी तबीयत ठीक नहीं है बोलकर पड़ा रहता हैं। बस पैसे चाहिए इनको बिना काम के। अब कुछ तो काम करेगा। वैसे भी इन ट्रक ड्राइस को लाइट ड्राइव का अच्छा अनुभव होता है। ले चलते हैं।नेहा राज का नाम सुनकर एकदम चकित रह जाती हैं। कल जिसने उसको चोद-चोदकर बुरी हालत कर दी थी। अब वो उनके साथ जाएगा। नेहा बोली- “लेकिन विशाल वो ही क्यों? कोई और नहीं है क्या?”

विशाल- “अब किसी और को कहाँ से ला नेहा? और तुमको उससे क्या परेशानी है?”

नेहा मामला बिगड़ता देखकर- “मुझे कोई परेशानी नहीं है….

विशाल- चलो फिर चलते हैं।

दोनों मुख्य दरवाजे से होते हुए बाहर आते हैं। बाहर राज पैंट शर्ट में कार के पास खड़ा था। नेहा को देखकर राज मन में- “साली राण्ड क्या मस्त लग रही है? यकीन नहीं होता की इसी परी को मैंने कल चोदा था। क्या बड़ी-बड़ी चूचियां हैं। मस्त मजा आएगा इस सफर में…”

नेहा देख सकती भी की राज उसको घर रहा है। नेहा को बहुत घिन आ रही भी की कल इसी गंदे बट्टे ने उसको बेशमाँ की तरह चोदा था, और उसने खुद भी इस बटे को किस किया था।

राज नेहा को देखकर एक कमौनी स्माइल करता है।

नेहा जिसे देखकर विशाल का हाथ पकड़ लेती है।

विशाल- चलें?

नेहा- हाँ ।

फिर वो कार के पास जाते हैं। विशाल एक दरवाजा खोलकर बैठ जाता है। दूसरी तरफ से नेहा दरवाजा खोलने ही वाली भी की राज वहाँ पहुँचकर दरवाजा खोलता है। इस तरह एकदम से राज के आने से नेहा डर जाती है

और राज की तरफ देखने लगती है। राज उसे देखकर स्माइल कर रहा था।

राज- चलिए मेमसाहबा

राज जेंटलमैन की तरह बिहेव कर रहा था विशाल के सामने, ताकी उसको शक ना हो।

तभी उसकी साड़ी दरवाजे पर अटक जाती है। जिससे नेहा रुक जाती है। इस पोजीशन में राज के आगे नेहा की गाण्ड उभर कर दिख रही थी। राज का लण्ड तो वैसे भी खड़ा था नेहा को देखकर। राज अब नेहा की मदद करता है। साड़ी निकलते ही नेहा अंदर बैठने लगती है।

तभी राज उसकी गाण्ड पर हाथ फेरता है एक बार, जो विशाल नहीं देख पता। नेहा राज की तरफ घरजे लगती है। राज उसे स्माइल देकर दरवाजा बंद कर देता है। फिर वो ड्राइवर सीट पर बैठकर कार ड्राइवर करके गेट के बाहर चला जाता है। कार चल रही औ। अभी तक वा हाइवे पर नहीं आए थे। कच्चा रास्ता आ। कार ऊबड़-खाबड़ रास्त से जा रही थी। पीछे बैठे विशाल और नेहा बातें कर रहे थे।

राज अब् कार चलाते हुए मिरर से नेहा को देखने लगता है। पीछे का दृश्य देखकर उसका लण्ड तन जाता है। नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियां उस साड़ी में उछल रही भी रास्ता खराब होने की वजह से। नेहा विशाल से बातें करने में बिजी थी।

राज की नज़र नेहा की चूचियों पर बार-बार जा रही थी। जिसे थोड़ी देर बाद नेहा भी नोटिस करती हैं। नेहा विशाल से बातें करते हुए कभी-कभी राज को गुस्से से घर रही थी। लेकिन वो कुछ कर भी नहीं सकती थी।

ोड़ी देर बाद कार हाइवे पर चढ़ जाती है। अब कार स्मभली चल रही थी। लेकिन राज की नजर नेहा से नहीं हट रही थी। कार में एसी ओन था। लेकिन राज और नेहा के बीच गर्मी का माहौल था। मिरर में राज नेहा का खूबसूरत चेहरा और उसकी बड़ी-बड़ी चचियां जो ब्लाउज़ में कैद थी देख रहा था। नेहा भी विशाल से बातें करते हुए कभी-कभी राज को घर रही थी। ऐसे ही एक घंटा गुज़र जाता है।

नेहा- विशाल कहीं सकते हैं ना.. मुझे भूख लगी है।

विशाल- “अच्छा ठीक है। कहीं होटेल दिखा तो रोक देंगे। अरे सुनो राज, कहाँ होटेल दिखे तो रोक देना..”
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राज मिरर से पीछे देखते हुए. “ठीक है साहब…”

ऐसे ही शोड़ी देर बाद राज की एक दाबा दिख जाता है।

राज. साहब वो एक ढाबा नजर आ रहा है वहां रोक दूं क्या?

नेहा- ” रोक दो….

विशाल- अरे राज कोई होटेल नहीं है क्या इधर?

राज- साहब अब यही होटेल मिलना बहुत मुश्किल है। टावे ही मिलेंगे।

नेहा- लेकिन विशाल?

विशाल- जान अब क्या कर सकते हैं? चलते हैं जा। एक रोमटिक डिनर भी हो जायगा। क्या बोलती हो?

नेहा- ठीक है अब कर भी क्या सकते हैं?

विशाल हाँ , राज रोक दी।

राज टाबे पर गाड़ी रोक देता है। विशाल और नेहा उत्तरकर ढाबे पर चले जाते हैं। राज भी उतरकर सिगरेट पीने लगता है। वो दर से नेहा को देख रहा था। कल जो उसने नेहा की साथ किया था उसके बारे में सोच रहा था। तभी उसे दूर से विशाल उसके बुलाते हर दिखता है। राज सिगरेट फेंक कर वहीं चला जाता है। राज के उधर आते ही नेहा उसको देखने लगती है।

राज- हाँ साहब।

विशाल- अरे तुम भी कुछ खा लो।

राज- “साहब में खा लगा। आप लोग भी खा लो..” फिर राज काउंटर की तरफ जाने लगता है। तभी उसे नेहा
की आवाज आती है।

नेहा – “विशाल मुझे फ्रेश होना है..”

विशाल- ओहो… अब यहाँ कहाँ से? रुको में देखता हैं।

विशाल राज के पास जाकर- “अरे राज यहां पर कोई वाशरूम नहीं है क्या? नेहा को फ्रेश होना था..”

राज नेहा की तरफ कामुक नजर से देखते हुए- “मैं देखता है साहब आप किये… कहकर राज दावे के मालिक के पास जाकर बात करके वापस आता है।

राज- साहब, वो पीछे एक बाभरकम है।

विशाल- अच्छा।

विशाल- अरे नेहा पौछे एक बाथरूम हैं।

नेहा- ठीक है। आप भी चलिए मेरे साथ।

विशाल- अरे नेहा, तुम हो आओ। मैं यही रुकता हूँ। वैसे भी वहाँ कोई नहीं है।

नेहा- आप आइए ना।

विशाल- नेहा तुम जाकर आओ ना कितना टाइम लगेगा?

नेहा अब बिना कुछ बोले चली जाती है। पीछे गई तब वहाँ एक धीमी लाइट जल रही थी। एक लो लाइट बल्ब
था वहां। नेहा बिना मन में अंदर चली जाती हैं। अंदर बिल्कुल भी साफ जगह नहीं थी।

नेहा- “छी… कितना गंदा है यहां?”

उधर विशाल टेबल पर बैठा हुआ था। लेकिन वहां अब राज नजर नहीं आ रहा था। जी हाँ । राज नेहा के पोछे-पीछे चला गया था। नेहा अंदर गई हो भी की उसे बाहर किसी के आने की आवाज आती है।

नेहा- कौन है? विशाल?

वो आदमी कोई जवाब नहीं देता।

नेहा- मैंने कहा कौन है?

उस बाभगम के दरवाजे में लाक नहीं था। इसलिए अब नेहा ने दरवाजा अपने हाओं से बंद करके पकड़ा था। बाहर और कोई नहीं राज था। वो अब दरवाजा के पास आकर दरवाजा धकेलने लगता है। जिसपर नेहा डर जाती है।

नेहा- कौन है?

राज अब एक धक्का लगाता है जिससे दरवाजा खुल जाता है। नेहा लड़खड़ाती हुई ओड़ा पीछे हो जाती हैं।
राज- मेमसाहब अपने बायफ्रेंड को तो भूल ही आई बाहर?

नेहा- तुम… बेशर्म कहीं के यहाँ क्या कर रहे हो?

राज- अपनी गर्लफ्रेंड को देखने आया हूँ की उसे कुछ चाहिए तो नहीं?

नेहा- चुप रहो बूढ़े और यहाँ से जाओ।

राज- ऐसे नहीं मेरी जान एक किस तो दे दे। फिर मैं चला जाऊंगा।

नेहा- तुम पागल हो क्या? तुम निकलो बाहर। मैं वैसा कुछ नहीं करने वाली।

राज- अरे एक रात में ही बदल गई। कल रात तो मुझे मस्त होकर चूम रही थी। आज क्या हो गया?

नेहा कल की बात करते ही शर्म से लाल हो जाती है।

राज- क्या मेरी जान कुछ याद आया?

नेहा शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पा रही थी, फिर कहा- “मुझे कुछ नहीं सुनना… बस तुम चले जाओ.”

राज- एक पम्पी दे दे, फिर में चला जाता हैं।

नेहा मन में “बेशर्म बदा कहीं का, इसे हमेशा किस चाहिए..”

नेहा- बिल्कुल नहीं।

राज- फिर में यहां से नहीं जाने वाला।

नेहा- “ठीक है। मैं ही यहां से चली जाती हैं.” बोलकर नेहा जाने लगती है।

तभी राज उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। नेहा राज से अचानक एकदम चिपक जाती है आगे
से। नेहा राज को देखने लगती है, और राज भी।

राज- ऐसे नहीं मेरी जान।

अब राज अपना बदसूरत काला मैंह नेहा के करीब ले जाने लगता है। उस लो-लाइट में उसका मुँह और भी बदसूरत नजर आ रहा था। करीब पहुँचते ही नेहा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती हैं। राज फिर भी अब नेहा के गले को चूमने लगता है। ची नेहा के गले पर छोटी-छोटी पप्नियां दे रहा था। अपनी भूक उसके गले पर छोड़ यहा आ।विशाल को इस बात की खबर नहीं थी की उसकी खूबसूरत बीवी के साथ ये बूढ़ा ड्राइवर क्या-क्या कर रहा है?

इधर राज गले को चूमते हुए अब नेहा के पीछे से अपना हाथ उसकी पीठ पर फेरते हुए नीचे ले जाता है, और
गाण्ड को अपने दोनों हाथों से दबाने लगता है।

नेहा- नहीं प्लीज़्ज़… राज मत करो ऐसे।

राज- थोड़ा चुप रह जा।

राज नेहा की गाण्ड दबा रहा था और आगे से उसका लण्ड अब खड़ा हो चुका था। जो नेहा को चुभ रहा था अपनी चूत पर। जो अभी तक दुख रही थी कल की चुदाई के बाद। तभी राज पीछे से अपने हाथ से नेहा की गाण्ड के छेद पर उंगली फेरता है साड़ी के ऊपर से। अचानक नेहा राज को अपने से दूर करती है, और उसकी गुस्से से देखने लगती है।

राज- क्या हुआ मेरी बुलबुल?

नेहा- तुमको शर्म नहीं आती, अपनी बेटी को उमर की लड़की के साथ ऐसा करते हए?

राज- तेरी जैसी मेरी बेटी भी होती जा तो में उसे भी चाँद ही डालता।

राज की बात से ही नेहा को घिन आती है। नेहा मन में- “टा कहाँ का। ये अगर अपनी बेटी के साथ ये सब कर सकता हैं तो मेरे साथ तो क्या-क्या करेगा? लेकिन मुझे इस बूढ़े को ये सब नहीं करने देना चाहिए। ये गलत है। मैं मेरे प्यारे पति को धोखा नहीं दे सकती। लेकिन ये बड़ा बहुत जिद्दी है.”

नेहा ये सब सोच हो रही थी की राज उसे पीछे से पकड़ लेता है, और उसकी नंगी गोरी कमर में अपने हाथ डालते हुए मजबूती से पकड़ लेता है।

नेहा- “आअहह… छोड़ो मुझे..”

नेहा अपने गोरे कोमल हाओं से राज के हाथों को हटाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन राज की ताकत के सामने उसकी कुछ नहीं चल रही थी। पीछे से नेहा को अपनी गाण्ड पर राज का खड़ा हुआ काला मोटा लण्ड चुभ रहा था, जो नेहा को कहीं ना कहीं मदहोश कर रहा था। लेकिन वो इन सबका विरोध करने की पूरी कोशिश कर रही थी। राज को रोकते हए उसके बाल उसके सौरभसूरत चेहरे पर बिखरे चुके थे। जिससे वो कयामत टा रही थी। जिस खूबसूरती को देखने के लिए लोग मरते हैं, आज वो एक काले बूढ़े गंदे ड्राइवर के हाथ में थी। राज नेहा के गले को पीछे से चूम रहा था। उसकी कमर में हाथ फेरते हुए वो अब हाथ ऊपर ले जाने लगता हैं। नेहा झट से अपने हाथ अपनी चूचियों पर रखती हैं। राज पीछे से स्माइल कर रहा था।

राज. मेरी जान अब अपनी चूचियां दबाने नहीं देगी क्या अपने आयफ्रेंड को?

नेहा- तुम मेरे बायफ्रेड नहीं हो समझे।

राज- “तू मान या ना मान, तू मेरी गर्लफ्रेंड जरूर है..” कहकर राज नेहा के हाथ के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगता है। ऐसा लग रहा था जैसे राज नेहा के हाथों से ही उसकी चूचियां दबा रहा हो।

नेहा- “अह.. छोड़ कमीने..”

पीछे से राज नेहा की गाण्ड में अपना लण्ड रगड़ रहा था। नेहा के लिए कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था। दो-दो तरफ से राज अटैक कर रहा था उसपर। थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद अब राज अपना हाथ नेहा की कमर से होते हुए नीचे ले जाता है और एकदम से उसकी चूत पर रख देता हैं साड़ी के कम से।

नेहा- आह्ह…

राज- क्या हो गया? दर्द है क्या? ओहो ये मेरा लण्ड भी ना… मेटी गर्लफ्रेंड को इतना दर्द देने की क्या जररत
थी?

नेहा शर्म से पानी-पानी हो रही औ। दाबे के आगे नेहा को इतना लेट होता देखकर विशाल पोछे जाने लगता है याधरकम की तरफ। वहाँ पहुँच कर।

विशाल- नेहा कितना देर कर रही हो?

विशाल की आवाज सुनकर नेहा डर जाती है। वो अब क्या करे? एक तो वो इस गंदे से आधरूम में राज जैसे बटे ड्राइवर के साथ और इस हालत में और ऊपर से उस बाथरूम के दरवाजा का लाक भी नहीं है। कहीं विशाल अंदर आ गया तो? नेहा के मशीने छूट गये थे इस बात।

राज नेहा के कान के पास जाकर- “अपने पति को यहाँ से भगा, वरना जानती है ना में क्या कर सकता है?”

नेहा डर जाती है। उसको कुछ सूझ नहीं रहा था।नेहा डर जाती है। उसको कुछ सूझ नहीं रहा था।
विशाल- नेहा?

नेहा को मजबूरन बोलना पड़ा- “विशाल थोड़ी देर में अभी अती हूँ..”

तभी राज नेहा की चूत को एक बार पकड़ कर मसलता है सारी के ऊपर से हो। नेहा की चीख निकलने वाली भी की वो खुद अपने हाथ से अपना मैंह बंद कर लेती हैं। राज पीछे से स्माइल करता है। अब राज नेहा की चूत वैसे ही मसलने लगता है।

विशाल- नेहा ऐसा क्या तुम अंदर कर रही हो?

नेहा अपने आप पर बड़ी मुश्किल से कंट्रोल कर पा रही थी- “विशाल थोड़ी देर ला आहह..”

विशाल- क्या हुभा नेहा:

राज ने उसकी चूत में उंगली की थी इसलिए नेहा चीखी थी।

नेहा- “वो कुछ नहीं विशाल, एक चौटी ने काट लिया था।

विशाल- “ओह संभलकर। जल्दी आ जाना में उधर इंतेजार करता है, और पता नहीं ये राज कहीं चला गया?” फिर विशाल वहाँ से चला जाता है।

राज- मजा आया भेटी जान?

नेहा- “बेशर्म छोड़ो मुझे. नेहा गुस्से में बोलती है।

राज- नहीं छोडूंगा।

नेहा- तुम छोड़ते हो या मैं चिल्लाऊँ।

राज- “हाँ चिल्ला-चिल्ला। क्या बताएगी उनको की मैंने जबरदस्ती की? हाहाहा… मेरी जानेमन उनको ये भी बता देना की तू कल मुझसे चुद चुकी है..”

नेहा के पास कुछ जवाब नहीं था। वो मज़बूर थी। लेकिन उसे ये भी समझ में आ रहा था की राज का कंट्रोल उसके ऊपर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। अगर ऐसे ही रहा तो पता नहीं राज उसके साथ आगे क्या-क्या करेगा?

राज- मेरी जान त बस मजे ले जा।

नेहा- प्लीज़… राज छोड़ो मुझे। विशाल फिर से आ जाएगा।

राज- ठीक है छोड़ देता हूँ। एक चुम्मा दे दे मुझे, फिर चली जा।

नेहा- नहीं।

राज- “तू फिर रुक इधर हो। मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला..” बोलकर वो इस बार नेहा की चूचियां दबाने लगता है।

नेहा- आहह… नहीं करो ऐसे प्लाज़्ज़… जाने दो मुझे।

राज उसकी चूचियां अच्छी तरह से मसल रहा था।

नेहा मन में. “मुझे जाना होगा यहां से। वरना अगर मैं इसके साथ यहीं रुकी पता नहीं क्या हो जायगा?”

नेहा- राज जाने दो ना मुझे।

राज- तो तू किस करने के लिए तैयार है?

नेहा को समझ में नहीं आ रहा था की क्या बोले? वो इस गंदे काले बदसूरत बढ़े को किस नहीं करना चाहती
भी। लेकिन मजबूरी उससे ये सब करवा रही औ।

राज- बोल हाँ या ना?

नेहा- तुम पहले छोड़ो मुझे।

राज नेहा को छोड़ देता है। नेहा थोड़ा राहत महसूस करती है। लेकिन उसे तो अब इस बड़े को किस करना था।
राज- हाँ तो चल शुरन हो जा। जल्दी कर वरना तेरा पति फिर से आ जाएगा।

नेहा के पास कोई विकल्प नहीं था। अब नेहा राज की तरफ देखने लगती है। उसे राज का बदसूरत चेहरा देखते ही घिन आती है। नेहा बोली- “मुझसे नहीं होगा.”

राज- कल कैसे किया था, वैसे ही कर। कल तो तू चुद भी रही भी मुझसे और आज इतना शर्मा रही है।

नेहा अब अपनी आँखें बंद करके अपना खूबसूरत चेहरा आगे बढ़ाती है और राज के गाल पर चुम्मा देती है।

राज- ये क्या था? मैंने गाल पर नहीं कहा होंठों पर।

नेहा- प्लीज़्ज़… राज, मैं नहीं कर सकती ये।

राज. तुझे करना पड़ेगा मेरी जान। वरना में अब फिर से शुरू हो जाऊँगा और इस बार तुझे जाने ही नहीं दूंगा।

नेहा ये बिल्कुल नहीं चाहती थी। नेहा बोली- “ठीक है। लेकिन तुम अपनी आँखें बंद कर लो..”

राज- “जैसा तू कहे मेरी जान… कहकर राज अपनी आँखें बंद कर लेता है।

नेहा राज को देख रही भी। घिन आ रही थी उसे। लेकिन उसे किस तो करना ही आ। अब वो धीरे-धीरे अपने नरम गुलाबी होंठ राज के काले गंदे होंठों के पास ले जाती है। वो काफी नजदीक पहुँचती है। उसके होंठ राज को किस करने ही वाले से की विशाल की आवाज आती हैं।

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