३२
ईशा अपने कॅबिनमें अपने काममें व्यस्त थी. तभी फोनकी घंटी बजी.
” हॅलो ” ईशाने फोन उठाया.
” ईशा देअर इज गुड न्यूज फॉर यू…”” उधरसे इन्स्पेक्टर राणा बोल रहे थे.
” यस अंकल”
” ब्लॅकमेलरने अस्तित्व को छोड दिया है …” इन्स्पेक्टरने ईशाको खुशखबरी सुनाई.
” ओ.. थॅंक गॉड … आय कान्ट एक्सप्लेन … आय ऍम सो हॅपी…”
ईशाको अस्तित्व के छुटनेकी खबर जबसे मिली थी तबसे उसे कुछभी सुझ नही रहा था. उसे कब मिलती हूं ऐसा उसे हो रहा था. वह ऑफीसका सारा काम वैसाही छोडकर सिधे एअरपोर्टकी तरफ निकल पडी.
… उसे पहले बताना कैसा रहेगा ?
नही … उसे सरप्राईज देते है …
और उसे डायरेक्ट बतानेका कोई रास्ताभी तो नही …
इमेल थी. लेकिन आजकल ईशाको इमेल, चॅटींग इन सारी चिजोंसे सक्त नफरत और मनमें डरसा बैठ गया था.
एअरपोर्ट आया वैसे उतरकर उसने ड्रायव्हरको गाडी वापस ले जानेके लिए कहकर वह लगभग दौडते हूए तिकिट काऊंटरके पास गई.
” मुंबईके लिए … अब कोई फ्लाईट है ?” उसने पुछा.
” वन फ्लाईट इज देअर .. जस्ट रेडी टू टेक ऑफ…” काऊंटरपर बैठे लडकिने बताया.
” वन टीकट प्लीज” ईशा अपना क्रेडीट कार्ड आगे करते हूए बोली.
उसने काऊंटरसे टिकट खरीदा और लगभग दौडते हूए ही वह फ्लाईटकी तरफ दौड पडी. तभी उसका मोबाईल बजा. उसने मोबाईलका डिस्प्ले देखा. डिस्प्लेपर उसके ऑफिसका नंबर था. उसने आगे कुछ ना सोचते हूए ही फोन बंद किया और दौडते हूएही फ्लाईटमें जाकर बैठ गई. सिटवर बैठतेही फिरसे उसका मोबाईल बजने लगा. उसने मोबाईलका डिस्प्ले देखा. वही ऑफीसका नंबर
ऑफीसचा नंबर… क्या काम होगा ?… निकिता एक कामभी ठीकसे नही संभाल सकती ..
उसने फोन बंद किया. लेकिन वह फिरसे बजने लगा.
निकिता कभी ऐसा बार बार फोन नही करती …
कुछ तो जरुरी काम होगा …
उसने फोन उठाया और उधर फ्लाईटका लास्ट कॉल हो गया.
” क्या है निकिता?… ” वह लगभग चिढकरही बोली.
लेकिन यह क्या? उधरसे आनेवाला आवाज आदमीका था – हां अस्तित्व का आवाज था.
” अस्तित्व तूम… ” वह एकदमसे सिटसे उठकर खडी होते हूए बोली, ” ऑफीसमें तुम कैसे .. कब.. और वहां क्या कर रहे हो …?” उसे क्या बोला जाए कुछ समझ नही आ रहा था.
वह बोलते हूए जल्दी जल्दी प्लेनके दरवाजेकी तरफ जा रही थी.
” तुम्हे मिलनेके लिए आया था ” उधरसे अस्तित्व का आवाज आया.
वह जब प्लेनके दरवाजेके पास पहूंची तब प्लेनका दरवाजा बंद किया जा रहा था.
” रुको मुझे उतरना है … “
” क्यों क्या हुवा ?” अटेंडंट्ने पुछा.
” आय ऍम नॉट फीलींग वेल” उसके पास अब पुरी बात समझानेका वक्त नही था.
वह दरवाजा बंद करते हूए रुक गया. और वह तेजीसे चलते हूए प्लेनसे उतर गई.
वह अटेंडंट उसकी तरफ आश्चर्यसे देख रहा था.
“इसकी तबीयत ठीक नही … फिर वह इतने जल्दी जल्दी और जोशके साथ कैसे उतर रही है ?’ उसके मनमें आया होगा.
उसकी टॅक्सी लगभग अब उसके घरके पास पहूंच गई थी. टॅक्सी जैसेही उसके घरतक आकर पहूंची उसके दिलकी धडकने तेज हो रही थी. प्लेनसे बाहर निकलतेही वह सिधे एअरपोर्टके बाहर आ गई थी और टॅक्सी लेकर उसने टॅक्सीवालेको सिथे उसके घर ले जानेके लिए कहा था. और प्लेनमें जब अस्तित्व का फोन आया था तभी उसने उसे अपने घर आनेके लिए कहा था. उसे ऑफीसमें सिन नही चाहिए था. तबतक टॅक्सी उसके घरके आहातेमें आकर रुकी. उसे पोर्चमेही अस्तित्व उसकी बडी अधिरतासे राह देखता हूवा दिखाई दिया. उसकी टॅक्सी आतेही वह पोर्चसे उतरकर उसके टॅक्सीके पास आ गया. उसेभी अब रहा नही जा रहा था. टॅक्सीका दरवाजा खोलकर सिधे वह उसके बाहोंमे घुस गई. न जाने कितने दिनोंसे वे एक दुसरेकों मिल रहे थे. ईशा के आंखोमें आंसू आ गए और वे फिर रुकनेका नाम नही ले रहे थे.
” अरे अरे… यह क्या ?” अस्तित्व उसे थपथपाते हूए बोला.
” देखो तो मै पुरा की पुरा सहीसलामत तुम्हारे पास पहूंच गया हूं ” वह मजाकिया अंदाजमे, मौहोल थोडा ढीला करनेके लिए बोला.
लेकिन वह उसे इतनी मजबुतीसे चिपक गई थी की वह उसे छोडनेके लिए तैयार नही थी.३३
ईशा और अस्तित्व जबसे आए थे तबसे ईशाके बेडरुममें, एक दुसरेकों बाहोंमे भरकर, लेटे हूए थे. ना उन्हे खानेकी सुध ती ना पिनेकी.
” जब उसकी पहली मेल आई, तब तुम्हे क्या लगा?” अस्तित्व ने पुछा.
” सच कहूं … मुझे तो मानो मेरे पैर के निचेसे जमिन और सर के उपरसे आसमान खिसक गया ऐसा लगा था… मैने तो दिलसे तुम्हे स्विकारा था और ऐसी स्थितीमें ऐसाभी कुछ हो सकता है, मैने सपनेभी नही सोचा था….” ईशाने कहा.
” इसका मतलब तुम्हे सब सच लगा था ” अस्तित्व ने मजाकिया अंदाजमें पुछा.
“अरे.. मतलब ?… भलेही दिल नही मानता था पर परिस्थितीयां उसीके ओर इशारा कर रही थी. ” ईशाने अपना बचाव करते हूए कहा.
” और तुम्हे क्या लगा था ?” ईशाने पुछा.
” नही तुम ठीक कहती हो … मेराभी हाल कुछ कुछ तुम जैसाही था … भलेही दिल ना माने परिस्थितीयां किसी ओर इशारा कर रही थी. ” अस्तित्व ने उसे सहलाते हूए कहा.
” ऐसा वक्त फिरसे अपने जिंदगीमें कभी ना आए ” ईशाने कहा.
” सचमुछ… पहले तो मुझे अपने प्यारको किसीकी नजर लगी हो ऐसाही लग रहा था. ” अस्तित्व उसके माथेको चुमते हूए बोला.
उसने उसके माथेको चुम लिया और वह उसके होंठोके पास अपने होंठ ले जाकर बडे बडे सांस लेते हूए वही रुक गया. और फिर आवेशके साथ एकदुसरेके होठोंको अपने मुंहमें लेकर वे एक बडे चुंबनमें मशगुल हो गए.
अचानक ईशाको उनका पहले हॉटेलमें हुवा वह प्रणय याद आ गया और उसीके साथ कोई उनके फोटो खिंच रहा है ऐसा आभास हो गया.
वह झटसे अपने होंठ उसके होठोंसे हटाते हूए वह पिछे हट गई.
” क्या हुवा ?” अस्तित्व ने पुछा.
” हम वही गलती दुबारा तो दोहरा नही कर रहे है ” ईशाने मानो खुदसेही पुछा.
” मतलब ?” अस्तित्व ने पुछा.
” यह सब और वहभी शादीसे पहले… तूम मेरे बारेंमे क्या सोच रहे होगे ” ईशाने अपने जहनमें उठा दुसरा सवालभी पुछा.
” डोन्ट बी सिली” वह फिरसे पहल करते हूए बोला.
लेकिन उसके हाथपैर मानो ठंडे पड चुके थे. वह कुछभी प्रतिक्रिया नही दे रही थी.
” तुम्हे अगर इसमें गलत लगता है और… तुम्हारा दिल अब नही मान रहा है तो ठीक है … ” वह उससे अलग होते हूए वहांसे उठते हूए बोला.
” वैसा नही हे … डोन्ट मिसअंडरस्टॅंड मी” वह उसे फिरसे अपने पास खिंचते हूए बोली.
उसने फिरसे उठनेका प्रयास किया लेकिन अब वह उसे छोडनेके लिए तैयार नही थी. अस्तित्व को कुछ समझ नही रहा था की. वह शिथील होकर सिर्फ उसके पास बैठा रहा. लेकिन अब मानो ईशाके शरीरमें किसी चिजका संचार हुवा था. वह कॉटपर उसे एक तरफ गिराकर उसके उपर चढ गई और उसके शरीरपर सब तरफ चुंबनोकी मानो बरसात करने लगी. और फिर उनके बिच कुछ पलके लिए क्यों ना हो तैयार हुवा फासला मिट गया और वे एकदुसरेमें कब समा गए उन्हे कुछ पताही नही चला.
ईशा सुबह सुबह निंदसे जब जाग गई तब वह अपने पास पडे अस्तित्व के मासूम चेहरेकी तरफ एकटक देखने लगी. उसने खिडकीसे बाहर झांककर देखा. बाहर अभीभी अंधेरा था. वह फिरसे अस्तित्व के चेहरेकी तरफ एकटक देखने लगी. अचानक उसके खयालमें आगयाकी उसका मासूम चेहरा धीरे धीरे उग्र होता जा रहा है.
शायद वह कोई बुरा सपना देख रहा हो….
उसने उसके चेहरेपर हाथ फेरनेकी कोशीश की. लेकिन उसके हाथका स्पर्श होतेही वह चौंककर उठ गया और गुस्सेसे बोला, ‘ मै तुम्हे छोडूंगा नही … मै तुम्हे छोडूंगा नही “
कुछ पलके लिए तो ईशाभी घबराकर असमंजसमें पड गई.
” क्या हुवा ?” ईशाने पुछा.
लेकिन कुछ पलमेंही उसका गुस्सा ठंडा पडा दिखाई दिया. और वह इधर उधर देखते हूए फिरसे सोनेके लिए लेटते हूए बोला,
” कुछ नही “
और फिरसे सो गया.
३४
सुबह सुबह ईशा, अस्तित्व , निकिता और इन्स्पेक्टर राणा कॉन्फरंन्स रुममें इकठ्ठा हूए थे.
” मै इस बातसे संतुष्ट हूं की आखिर ब्लॅकमेलरने अस्तित्व को कोईभी हानी ना पहूंचाते हूए छोड दिया.” ईशा काफी समयसे चल रहे चर्चाके बाद एक गहरी सांस लेते हूए बोली.
” एक मिनीट” अस्तित्व ने हस्तक्षेप किया.
सब लोग एकदम गंभीर होकर उसकी तरफ देखने लगे.
” मुझे लगता है …. ब्लाकमेलरकी वजहसे हमे, मुझे, आपको, ईशाको – सबकोही काफी तकलिफ उठानी पडी…. ” अस्तित्व ने कहा.
” अस्तित्व … पैसा चला गया इस बातका मुझे दुख नही है … तुझे कुछ हानी नही हुई यह मेरे लिए सबसे महत्वपुर्ण है ” ईशाने बिचमेही उसे काटते हूए कहा.
इन्स्पेक्टर राणाभी उसकी हां मे हां मिलाएंगे इस आशासे ईशाने उनकी तरफ देखा. लेकिन वे कुछ नही बोले.
” ईशा बात सिर्फ पैसोकी नही है … कमसे कम मुझे लगता है की उसे यूही छोड देना कुछ उचित नही होगा. .. वैसे अबभी देरी नही हूई है… अब अगर हमने उसे पकडनेकी कोशिश की तो कैसा रहेगा?…” अस्तित्व ने सवाल खडा किया और वह इन्सपेक्टरकी प्रतिक्रिया परखनेके लिए उनकी तरफ देखने लगा. इन्स्पेक्टरने सोचते हूए कमरेकी छतकी तरफ देखा और वे कुछ बोलनेही वाले थे तभी निकिता बिचमेंही बोली.
” लेकिन हमे ना उसका नाम पता है … ना उसका पता… वह क्या करता है यहभी हमे पता नही है … फिर अगर हमने उसे पकडनेकीभी ठान ली तो उसे पकडेंगे कैसे ? …” निकिताने अपनी आशंका जाहिर की.
ईशाने निकिताकी तरफ देखकर मानो उसके बातको मुक संमती दर्शाई.
” इतके दिन हम उसे पकडनेकी कोशीश कर रहे थे…. वे सब कोशिशें एकदम खाली गई ऐसा कहना कुछ उचित नही होगा … क्योंकी अबभी अपनेपास कुछ क्लूज है … एक तो उस ब्लॅकमेलरका हॅंन्ड रायटींग जो हमें सायबर कॅफेके लॉगबुकसे मिला…. दुसरा उसके फिंगर प्रिन्टस जो हमें सायबर कॅफेसेही मिले और तिसरा … यह फोटोग्राफस देखो … ” इन्स्पेक्टर राणा बोल रहे थे.
अबभी ब्लॅकमेलरको पकडनेकी अस्तित्व की तिव्र इच्छा देखकर मानो इन्स्पेक्टरके शरीरमें फुर्ती दौड रही थी. वे अपने जेबसे दो फोटोग्राफ्स निकालकर वहा इकठ्ठा हूए लोगोंको दिखाकर आगे बोले,
” यह फोटोग्राफ्स उस सायबर कॅफेमें मिले कॉम्प्यूटरके है, जहां फोटोग्राफ लेनेके थोडीही देर पहले ब्लकमेलर बैठा हुवा था .. इस फोटोग्राफ्सकी तरफ थोडा गौरसे देखो … देखो कुछ खयालमें आता है क्या ?” इन्सपेक्टरने वे फोटो सबको देखनेके लिए आगे खिसकाए.
सब लोगोंने वह फोटोग्राफ्स एक एक करके देखे. लेकिन किसीकोभी उन फोटोग्राफ्समें कुछ अलग महसूस नही हुवा. तभी अस्तित्व वे फोटोग्राफ्स देखते हूए मंद मंद मुस्कराया.
” क्या हुवा ?” ईशाने पुछा.
” जरा देखोतो… गौरसे देखो … इस फोटोग्राफ्समें कॉम्प्यूटरका माऊस कॉम्प्यूटरके बाए तरफ की बजाय दाई तरफ रखा हुवा दिख रहा है …” अस्तित्व ने कहा.
” यस यू आर ऍब्सुलेटली राईट” इन्स्पेक्टरने उत्साहभरे स्वरमें कहा.
अब ईशाभी मंद मंद मुस्कुराने लगी.
” लेकिन इसका क्या मतलब है ?” निकिता अबभी संभ्रममें थी.
“… इसका एकही मतलब निकलता है की वह ब्लकमेलर लेफ्ट हॅन्डेड है … ” इन्स्पेक्टरने कहा.
” यस दॅट्स राईट ” अब कहा निकिताभी मुस्कुराने लगी थी.
तभी कॉन्फरंस रुममें रखे हूए फोनची घंटी बजी. फोन ईशाके बगलमेंही रखा हूवा था. उसने फोन उठाया,
” हॅलो”
” गुड मॉर्निंग ईशा … ” उधरसे सीक्युर डेटाके मॅनेजींग डायरेक्टर मि. कश्यपं बोल रहे थे.
” गुड मॉर्निंग कश्यपजी…” ईशाने उतनीही सरगर्मीसे उनका स्वागत किया, ” बोलीए क्या कहते हो ?”
” हमारे यहा हमने एक नेटवर्किंग सॉफ्टवेअर डेव्हलपमेंट कॉन्टेस्ट रखी थी … कॉन्टेस्टचा टॉपीक है इथीकल हॅकींग… उस कॉन्टेस्टमें प्राईज डिस्ट्रीब्यूशन आपके हाथसेही हो ऐसी हमारी इच्छा है … ” उधरसे कश्यपजी मानो अपना हक जताते हूए बोले.
” आपने बुलाया और हम नही आए ऐसा कभी होगा क्या कश्यपजी … मै जरुर आऊंगी … प्राईज डिस्ट्रीब्यूशन कब है ?… ” ईशाने पुछा.
” पुरा प्रोग्रॅम अभी फायनल होनेका है … वैसे वह प्रोग्रॅम टेंटीटीव्हली समव्हेअर अराऊंड धीस मंथ होगा … पुरा प्रोग्रॅम फायनल होतेही आपको वैसे डीटेलमें बताया जाएगा … ” उधरसे कश्यपजी बोले.
” नो प्रॉब्लेम”
” थॅंक्स”
” मेन्शन नॉट”
” ओके बाय… सीयू”
” बाय”
ईशाने फोन क्रॅडल वापस रखा और उसने वहा बैठे सब लोगोंपर अपनी नजर घुमाई. उसके चेहरेपर फिरसे मुस्कुराहट दिखने लगी थी.
” मेरे दिमागमें एक आयडीया आया है … अभी सीक्युर डेटाके मॅनेजींग डायरेक्टर मि. कश्यपजींका फोन था … इथीकल हॅकींगपर वे एक सॉफ्टवेअर डेव्हलपमेंट कॉन्टेस्ट ले रहे है … मुझे यकिन है की अगर इस कॉन्टेस्ट का प्रचार बडे पैमानेपर अगर किया गया और उस कॉन्टेस्ट जितनेवालोंको अगर बडे बडे प्राईजेस रखे गए … तो वह ब्लॅकमेलर इस प्रतियोगीतामें जरुर हिस्सा लेगा …” ईशाने कहा.
” लेकिन तुम यह सब इतने यकिनके साथ कैसे कह सकती हो ?” अस्तित्व ने आशंका जताई.
” पुरे यकिनके साथतो नही… फिरभी … क्रिमीनल सायकॉलॉजीके अनुसार… वह ब्लॅकमेलर अभी अपना आत्वविश्वास और गर्वमें पुरी तरह चुर है … उसतक अगर यह कॉन्टेस्टकी बात पहूचाई गई तो वह उसमें जरुर हिस्सा लेगा … ” इन्स्पेक्टरने अपना अंदाजा लगाया.३५
सुबह सुबह ऑफीसमें आए बराबर ईशा अपने काममें व्यस्त हो गई. तभी निकिता कॅबिनमें आ गई.
” प्रतियोगीता कब कलसे शुरु होनेवाली है ना? ” ईशाने निकितासे पुछा.
” हां” निकिताने एक फाईल ढुंढते हूए जवाब दिया.
” कितने लोगोंके अप्लीकेशन्स आए है ?” ईशाने पुछा.
” लगभग तिन हजार” निकिताने उत्तर दिया.
” ओ माय गॉड … इतने लोगोंमें उस ब्लॅकमेलरको ढुंढना यानी … पहाड खोदकर चुहा निकालने जैसा होगा… और वहभी अगर वह इस प्रतियोगीतामें शामील हुवा तो?… नही?” ईशाने पुछा.
” हां कठिण तो है ही ” निकिता एक फाईल लेकर निकिताके सामने आकर बैठते हूए बोली.
तभी ईशाका फोन बजा. ईशाने फोन उठाकर अपने कानको लगाया,
” ईशा… मै इन्स्पेक्टर राणा बोल रहा हूं ..” उधरसे आवाज आया.
” मॉर्निंग अंकल….”
” मॉर्निंग … तुम्हे पता तो होगाही की प्रतियोगिताके लिए ३१२३ अप्लीकेशन्स आए है … उसमें हमने जो लेफ्ट हॅन्डेड और राईट हॅन्डेड जानकारी मंगवाई थी … उसके अनुसार जो लेफ्ट हॅन्डेड लोगोंके है वे ३२ अप्लीकेशन्स अलग किए हूए है…. उसमेसें एक लडकेका हॅन्डरायटींग हुबहु मॅच हो रहा है … उसका नाम है सॅम बिश्वास … ” उधरसे इन्स्पेक्टरने जानकारी दी.
” गुड व्हेरी गुड… ” ईशा एकदम खुश होते हूए बोली, ” थॅंक्यू अंकल… मै आपके उपकार किस तरह उतार सकुंगी… मुझे तो कुछ समझमें नही आ रहा है …” ईशा खुशीके मारे बोली.
” इतने जल्दी इतना खुश होकर नही चलेगा … अभी तो सिर्फ शुरुवात है … उसे कानुकके शिकंजेमें पकडनेके लिए हमे और काफी मेहनत करनी पडेगी ..” इन्स्पेक्टरने कहा.
” क्यों? … अभी तुरंत हम उसे नही पकड पाएंगे ?” ईशाने निराश होकर पुछा.
” नही अभी नही … आगे तो सुनो … हमने अभी उसका फोन टॅप करना शुरु किया है .. ताकी उसके और कोई साथीदार होंगे तो उसे हम पकड पाएंगे … और सारे सबुत इकठ्ठा होतेही उसे अरेस्ट करेंगे .. ” इन्स्पेक्टर राणाने कहा.
ईशाका तो मानो खुन खौल रहा था. उस ब्लॅकमेलरको कब एक बार पकडकर उसे सजा दी जाए ऐसा उसे हो रहा था. उसे फिलहाल वह कुछभी नही कर सकती इस बातका दुख हो रहा था.
लेकिन नही…
मै कुछ तो करही सकती हूं …
यह खबर अगर अस्तित्व को दी जाए तो…..
यह खबर सुनतेही वह कितना खुश हो जाएगा …
उसने फोनका क्रेडल उठाया और वह एक नंबर डायल करने लगी.
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